National china building solar and hydro projects with new military bases built near lac with india: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ चीन ने एक बार फिर तिब्बती सीमा पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। सूत्रों के मुताबिक चीन ने कई नये सैनिक अड्डों के साथ ही यहां कई सोलर और हाइड्रो संयंत्र लगाये हैं। दरअसल, चीन को भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को रखने में परेशानी हो रही है। इसकी वजह ये है कि इतनी ठंड में बड़ी संख्या में सैनिक अड्डों की ऊर्जा आवश्यकता काफी ज्यादा होती है। खास तौर पर सर्दियों में इसके बिना यहां ज्यादा संख्या में सैनिकों की तैनाती मुश्किल है। साल 2020-21 में भारतीय सैनिकों के झड़प के बाद उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ा था। उसके बाद से सैनिक अड्डों की ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने कई सौर और जल-विद्युत संयंत्रों का निर्माण किया है।
बुनियादी ढांचे में सुधार
एएनआई ने सुरक्षा बलों से बातचीत के हवाले से बताया कि चीनी सेना ने 2020 की आक्रामकता के बाद एलएसी पर लगभग 50,000 सैनिकों को तैनात किया है। इससे अग्रिम क्षेत्रों में उनकी ऊर्जा आवश्यकताएं काफी बढ़ गई हैं, जहां गर्मियों में भी बहुत कम तापमान होता है। इसे देखते हुए चीनियों ने अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर उन्नत किया है, और बड़े पैमाने पर तैनाती के लिए नए आवास और गांव बनाए गए हैं।
चीन द्वारा बड़े पैमाने पर आक्रामकता के माध्यम से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश के बाद भारत और चीन के बीच तीन साल से अधिक समय से सैन्य गतिरोध चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि चीन ने बड़े पैमाने पर तैनाती जारी रखी है और अपनी दीर्घकालिक तैनाती का समर्थन करने के लिए कदम उठा रहे हैं। भारत ने भी भविष्य में चीन के किसी भी संभावित दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए पूर्वी लद्दाख सेक्टर में लगभग इतनी ही संख्या में सैनिकों को तैनात किया है।