- सर्वे में फिर मिले पाषाण अवशेष, सनातन संस्कृति के चिन्ह मिले
- हिंदू पक्ष का दावा- स्तंभों की सफाई से देवी-देवताओं की आकृति दिखाई देने लगी
Madhya pradesh dhar bhojshala asi survey day 55 hindu side claim figures of gods and goddesses started appearing on the pillars: digi desk/BHN/धार/ भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे के 55वें दिन बुधवार को भोजशाला के भीतरी परिसर में मिट्टी हटाने का काम हुआ। वहीं बाहरी परिसर में भी उत्तर व दक्षिण दिशा में लेवलिंग करने साथ ही खोदाई कार्य जारी रहा। खोदाई के दौरान दो बाय दो के चौकोर दो पत्थर अलग-अलग स्थान से निकले हैं। इन पत्थरों पर कई आकृतियां मिली हैं। पत्थरों को पुरातत्व विभाग ने अपने संरक्षण में ले लिया है। इसमें हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि पत्थरों पर हिंदू संस्कृति के चिन्ह मिले हैं। सफाई के बाद यहां भगवान राम, कृष्ण और शिव की आकृतियां दिखने लगी है। टीम अभी बारीकी से कार्य कर रही है कुछ ही दिनों में ये आकृतियां और स्पष्ट हो जाएंगी।
एएसआई के सदस्यों की टीम ने बुधवार सुबह आठ बजे भोजशाला में प्रवेश किया। सर्वे के दौरान भोजशाला के भीतरी भाग में क्लीनिंग, ब्रशिंग हुई। वहीं चिह्नित स्थानों से मिट्टी हटाने के काम में तेजी आई है। बुधवार को उत्तर व दक्षिण दिशा में सात फीट खोदाई हुई है। सभी जगह से पाषाण अवशेष प्राप्त हुए।
सफाई होने पर दिखी सनातनी आकृति
हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने बताया कि सर्वे के तहत भोजशाला गर्भगृह के ठीक सामने के स्तंभ की व्यापक सफाई हुई है। इसके बाद इस स्तंभ पर भगवान राम, कृष्ण, परशुराम व भोलेनाथ की आकृति स्पष्ट दिखाई दे रही है। उन्होंने बताया कि हम लोग प्रतिदिन सर्वे में शामिल हो रहे हैं। इसमें पहले हमें शिलालेखों पर घंटे-घड़ियाल, कालसर्प यंत्र देखने को मिले थे। वहीं स्तंभों की लगातार क्लीनिंग व ब्रशिंग हो रही है। गर्भगृह के ठीक सामने के स्तंभ के उत्तर भाग में भगवान कृष्ण की सुदर्शन चक्रधारी स्वरूप की आकृति दिखाई दी है। इसी स्तंभ के दक्षिण में भगवान राम धनुषधारी खड़े हैं। वहीं पूर्व में भगवान परशुराम व पश्चिम में भगवान भोलेनाथ की स्पष्ट आकृति दिखाई दे रही है।