सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ हिंसा से प्रभावित एवं संघर्षरत महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी-आश्रय, पुलिस-सहायता, विधिक सहायता, चिकित्सकीय सहायता एवं विधिक,साइको-सोशल परामर्श का सपोर्ट प्रदाय किये जाने के लिए जिला मुख्यालयों पर वन स्टॉप सेंटर संचालित किये जा रहे हैं।
वन स्टॉप सेंटर्स अंतर्गत शासन द्वारा स्वीकृत मानव संसाधन (केसवर्कर, परामर्शदाता, आई.टी.वर्कर, बहुद्देशीय कार्यकर्ता तथा सुरक्षाकर्मी के पदों) की पूर्ति जिला कलेक्टर द्वारा अशासकीय समाजसेवी संस्थाओं से अनुरोध प्रस्ताव प्राप्त कर, आउटसोर्स के माध्यम से की जाना है। अशासकीय समाजसेवी संस्थाओं की योग्यता, अनुभव, चयन-मापदंड, मानव संसाधन की योग्यता, मानव संसाधन के अनुभव, मानदेय आदि की जानकारी के लिए अनुरोध प्रस्ताव (आर.एफ.पी.) प्रारूप विभागीय पोर्टल, वेबसाइट या संबंधित जिले की एनआइसी वेबसाइट या संबंधित जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला एवं बाल विकास) से शासकीय कार्य दिवसों (कार्यालयीन समयावधि) में प्राप्त किया जा सकता है। इच्छुक, अशासकीय समाजसेवी संस्थायें अपने अनुरोध प्रस्ताव सम्बंधित जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला एवं बाल विकास) कार्यालय में वांछित विवरण अनुसार प्रस्तुत कर सकते हैं। अनुरोध प्रस्ताव जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय या पोर्टल से 4 जनवरी तक प्राप्त किए जाएंगे। विस्तृत जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास से प्राप्त की जा सकती है।
अ.जा. एवं अ.ज.जा. प्रतियोगियों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि
मध्यप्रदेश शासन द्वारा जनजातीय तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की म.प्र. लोक सेवा आयोग की प्रोत्साहन योजनांतर्गत प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। प्रोत्साहन योजनांनर्गत प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने के उपरांत 20 हजार रुपए की राशि प्रदाय की जाती है। द्वितीय बार उत्तीर्ण होने पर आधी दस हजार की राशि प्रदान की जाती है। प्रारंभिक परीक्षाफल की प्रति, जाति प्रमाण-पत्र मूल निवासी प्रमाण-पत्र, आय का प्रमाण-पत्र, बैंक पासबुक की छायाप्रति आईएफएससी कोड सहित, नौकरी में रहते हुये आवेदकों को राशि नहीं दी जायेगी, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो तथा हायर सेकेण्डरी या स्नातक उत्तीर्ण की अंक सूची आवश्यक है।