National after odisha train accident now challenge of identifying dead bodies sent 33 samples to delhi aiims for dna confirmation: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ओडिशा में पिछले सप्ताह हुए भयावह रेल हादसे के बाद अब रोज नई और बुरी सूचनाएं सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी चुनौती अब शवों की संख्या की पुष्टि एवं इनकी पहचान को लेकर बनी हुई है। दर्जनों लोग हादसे के पांच दिन बाद भी लापता हैं। स्वजन उनकी तलाश कर रहे हैं। हालांकि सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। इसके चलते ही आज दिल्ली एम्स में डीएनए के 33 सेंपल भेजे गए हैं लेकिन मृतकों के परिजनों के सामने अब यह एक और बड़ा दुख बनकर उबरा है।
एक शव पर एक से अधिक दावे
रेल दुर्घटना में जान गंवाने वाले कई लोगों के शवों की पहचान भी बड़ी चुनौती साबित हो रही है। हालत यह है कि कुछ शवों पर पांच-पांच लोग दावा कर रहे हैं तो दर्जनों शव ऐसे भी हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाने के कारण उनका कोई वारिस नहीं है। क्षत-विक्षत हो चुके और करंट की वजह से झुलस चुके शवों की पहचान करने में भी काफी परेशानी हो रही है।
मुर्दों के बीच से आवाज आई मैं जिदा हूं
रेल दुर्घटना के पांच दिन बाद एक और युवक लाशों के ढेर के बीच जिदा मिला है। एक स्कूल के कमरे में रखे गए शवों को हटाने के दौरान बचाव दल के एक कर्मी को महसूस हुआ कि किसी ने उसका पैर पकड़ लिया है। इसके बाद उसे किसी की धीमी आवाज सुनाई दी, मैं जिदा हूं, मरा नहीं हूं, थोड़ा पानी पिला दो भाई…।
यह सुनकर पहले तो बचाव दल का सदस्य सिहर गया। फिर उसने हिम्मत कर उस तरफ देखा तो पाया कि 35 साल का राबिन शवों के बीच हिलने-डुलने की कोशिश कर रहा था और खुद को बचाने की मिन्नतें कर रहा था। रेस्क्यू वर्कर्स ने उसकी जान बचाई और तुरंत उसे अस्पताल भेजा।