- संभाग में सबसे धीमी है सतना की रफ्तार
- 204 सरोवरों का लक्ष्य मगर अब तक 71 ही बन सके
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा तय किए गए अमृत सरोवर निर्माण के लक्ष्य को सतना साध नहीं पा रहा। एक तरफ मौसम की मेहरबानी कुछ ही दिनों में होने को है लेकिन अभी भी सरोवरों की संख्या ठिठकी हुई है। आजादी के अमृत महोत्सव पर शुरू की गई अमृत सरोवर योजना का हाल रीवा संभाग में बेहद बेहाल है। खासतौर पर सतना जिला इस मामले में संभाग में सबसे फिसड्डी है। एक तरफ बरसात की अमृत बूंदें धरती पर आने को तैयार हैं और संग्रहण के लिए बनने वाले सरोवर अभी भी आधे-अधूरे हैं। यह हालात तब हैं जब अमृत सरोवर का स्वरूप उन स्थलों को दिया जाना था जहां पर पहले से ही आधे से ज्यादा संरचनाएं तैयार थीं। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग की देख-रेख में चल रही अमृत सरोवर योजना कब पूरी होगी कुछ कहा नहीं जा सकता। योजना को अंतिम रूप मार्च 2023 में दिया जाना था लेकिन जून बीतने के बाद भी सतना जिला सिर्फ 71 अमृत तालाब के आंकड़े के साथ खड़ा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि रीवा संभाग के सतना जिले में 204, सीधी में 186, सिंगरौली में 164 और रीवा जिले में 135 अमृत सरोवरों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था यहां जिन जिलों का लक्ष्य कम था वे भी निर्माण के मामले में सतना से काफी आगे निकल चुके हैं। सीधी और सिंगरौली दो ऐसे जिले हैं जिनका लक्ष्य सतना से करीब 30 से 40 सरोवर कम था बावजूद इसके वे निर्माण में 90 का आंकड़ा छूने वाले हैं, यानी सतना से लगभग 19 सरोवर ज्यादा बनाए हैं।
प्रदेश की रफ्तार भी कमजोर
अमृत सरोवर योजना के तहत बनने वाले तालाबों के मामले में मध्यप्रदेश भी अन्य राज्यों की तुलना में बेहद ढीला-ढाला है। प्रदेश ने 7494 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य तय किया था जिसमें से अभी तक 4184 तालाब बनाए जा सकते हैं। वहीं 6353 तालाबों को मंजूरी प्रदान कर काम प्रारंभ कर दिया गया है। यह स्थिति बताती है कि 2023 की बरसात निकल जाएगी और जल संरक्षण का काम इस साल भी नहीं हो पाएगा। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अमृत सरोवर योजना प्रारंभ की थी ताकि ज्यादा से ज्यादा पानी रोका जा सके और तेजी से गिरते भू जल स्तर को सुधारा जा सके।
फैक्ट
- जिला लक्ष्य स्वीकृति पूर्ण
- सतना 204 143 71
- सीधी 186 159 81
- सिंगरौली 164 131 86
- रीवा 135 114 66
मशीनों से काम फिर भी पिछड़े पन का दाग
अमृत सरोवर योजना तीन योजनाओं के कन्वर्जन से चल रही है। मनरेगा से मजदूरी, जनभागीदारी और पंच परमेश्वर योजना को मिलाकर प्रारूप तय किया गया। माना जा रहा था कि मनरेगा का अड़ंगा कम होने से रफ्तार बढ़ी रहेगी लेकिन जिन हालातों में अमृत सरोवर योजना है उसे देखकर नहीं लगता कि कहीं कोई अड़ंगेबाजी है फिर भी निर्माण कार्य पीछे क्यों है। तालाब खोदने से लेकर मटेरियल परिवहन तक का काम मशीनों से हो रहा है फिर भी प्रगति में सतना कितना पीछे क्यों है ?
ईई का अपना अलग ही दावा
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री अश्वनी जायसवाल का अपना अलग ही दावा है। उनके मुताबिक सतना को लक्ष्य 75 सरोवर का था। जिसे पूरा कर लिया गया है। अब नया लक्ष्य सौ सरोवर का मिला है। यह भी जून तक पूरा हो जाएगा। इसके पीछे दलील है कि 149 साइट पर काम चल रहा है। ईई के मुताबिक 204 स्थल चिंहिन्त हैं। जिसमें से 143 पर काम प्रारंभ कर दिया गया है।