Shani devs zodiac change after 30 years shani dev will return to swarashi kumbh the zodiac will change after two and a half years: digi desk/BHN/इंदौर/ नवग्रहों में न्यायाधीश कहे जाने वाले शनिदेव मकर से निकलकर 29 अप्रैल सुबह 7.51 बजे स्वराशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। ज्योतिर्विदों के मुताबिक ढाई साल बाद हो रहे राशि परिवर्तन का व्यापक असर देखने को मिलेगा। इस परिवर्तन से जहां कुछ राशि के जातकों को राहत महसूस होगी, तो कुछ को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। धनु से साढ़ेसाती और मिथुन व तुला पर से ढैया की समाप्ति होगी, जबकि मीन राशि पर साढ़ेसाती की शुरुआत होगी। कुंभ पर साढ़ेसाती के दूसरे और मकर पर तीसरे चरण की शुरुआत होगी। कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैया की शुरुआत होगी।
ज्योतिषाचार्य कान्हा जोशी ने बताया कि शनि का राशि परिवर्तन 29 अप्रैल शुक्रवार को हो रहा है। कुंभ शनि की सबसे पसंदीदा राशि है। शनिदेव एक राशि में ढाई साल रहते हैं। इस दिन सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि जैसे शुभ योग बन रहे हैं। हालांकि शनि का यह परिवर्तन अल्पकालिक है। 5 जून को शनि वक्री होंगे और 12 जुलाई को पुन: मकर राशि में प्रवेश करेंगे। 22 अक्टूबर को शनि मार्गी होकर 17 जनवरी 2023 को पुन: कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
शनि की कृपा के लिए गरीबों की सेवा करें
आचार्य शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार साढ़ेसाती और ढैया के चलते जातकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि यह अनिवार्य नहीं है। जातक कुछ उपाय कर शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इनमें शनिवार को शनिदेव के दर्शन, शनि को तेल अर्पित करना, सुबह पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना, शाम को सरसों के तेल का दीपक लगाना, दीन-दुखियों, गरीब-दिव्यांगाें की सेवा करना शामिल है। ज्योतिर्विद् विजयप्रसाद तिवारी बताते हैं कि शनि कर्म का फल प्रदान करने वाले देवता हैं। अच्छे कार्य के जरिये शनिदेव की प्रसन्नता प्राप्त की जा सकती है।
किस राशि पर क्या प्रभाव
मेष : लौह पाद से शनि का आगमन अच्छा नहीं माना जाता, लेकिन परेशानियां आने के बावजूद प्रगति अवरुद्ध नहीं होगी। बेरोजगारों को अवसर मिलते हैं तो उन्हें इनका लाभ लेना चाहिए।
वृषभ : ताम्र पाद से शनि का कुंभ राशि में आगमन विकास मार्ग को प्रशस्त करेगा। सामयिक कार्यों में सहजता से सफलता मिलेगी। शरीर स्वस्थ्य और मन प्रसन्न रहेगा।
मिथुन: स्वर्ण पाद से शनि का आगमन मिला-जुला प्रभाव देगा। लघुकल्याणी ढैया के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलेगी।
कर्क: रजत पाद से शनि का आगमन अच्छा है लेकिन अष्टम भाव का शनि परेशानी का कारण बन सकता है। वह भी तब, जब शनि-मंगल से युति या दृष्टि प्रभाव में रहेगा।
सिंह: लौह पाद से शनि का आगमन प्रतिकूल स्थितियों को जन्म देगा। इस कारण परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि दांपत्य जीवन में सुख-सौहार्द बना रहेगा।
कन्या: शनि का ताम्र पाद से आगमन सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगा। ईष्ट मित्रों का सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहने के साथ ही मानसिक मजबूती भी रहेगी।
तुला: रजत पाद से शनि का आगमन शुभ प्रभावी है। हालांकि मंगल की युति या दृष्टि प्रभाव के समय स्वास्थ्य के साथ मानसिक उलझनें बढ़ेंगी। अन्य समय अच्छा रहेगा।
वृश्चिक: स्वर्ण पाद से शनि का आगमन मिश्रित फल देगा। स्वराशिस्थ शनि विपरीत स्थितियों के बाद भी प्रगतिशील बनाए रखेगा। हालांकि इसके लिए सार्थक प्रयास करने होंगे।
धनु : शनि की साढ़ेसाती से निजात मिलने के कारण राशि परिवर्तन लाभदायक रहेगा। हालांकि स्थितियां सामान्य होने में समय लगेगा।
मकर: स्वर्ण पाद से शनि का आगमन मिलाजुला प्रभाव देगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और कुछ कार्यों में सफलता मिलेगी।
कुंभ: साढ़ेसाती की मध्य की अवस्था शुरू होने और ताम्र पाद से शनि का आगमन शुभ प्रभावी है। विचार में व्यापकता रखेंगे तो सफलता साथ चलेगी। खर्च बढ़ने के योग भी हैं।
मीन : शनि का आगमन रजत पाद से हो रहा है। इसे सफलता देने के साथ लाभकारी भी माना गया है। इस दौरान दिनचर्या को नियमित और संयमित रखें तो शरीर स्वस्थ रहेगा।