Retail Inflation: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ देश में महंगाई ने एक बार फिर स्पीड पकड़ ली है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल की वजह से मार्च में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दर (CPI) बढ़कर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि इसके 6.28% पर रहने का अनुमान था। । यह पिछले 17 महीनों में सबसे ज्यादा है। मंगलवार को सरकार ने इससे जुड़े आंकड़े जारी किये। आपको बता दें कि फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति दर 6.07 प्रतिशत के स्तर पर थी, और उससे पिछले महीने ये 5.85 प्रतिशत थी। यह लगातार तीसरा महीना है, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति दर भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
महीने दर महीने के आधार पर, मार्च 2022 में खाने-पीने की चीजों की खुदरा महंगाई दर 7.68 फीसदी रही, जबकि फरवरी में ये 5.85 फीसदी पर थी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की खुदरा महंगाई दर, फरवरी के 6.38 फीसदी से बढ़कर मार्च में 7.66 फीसदी पर आ गई है। साथ ही शहरी क्षेत्रों की खुदरा महंगाई दर, फरवरी के 5.75 फीसदी से बढ़कर 6.12 फीसदी पर आ गई है। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है। सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया हुआ है। मार्च में खाद्य वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी की वजह से मुद्रास्फीति की दर भी ऊपर चली गई।
वहीं, औद्योगिक उत्पादन (IIP) फरवरी में 1.7 प्रतिशत बढ़ा, जबकि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 0.8 प्रतिशत रही। फरवरी 2021 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल-फरवरी के दौरान औद्योगिक वृद्धि 12.5 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 11.1 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। विनिर्माण क्षेत्र में 11 महीनों (अप्रैल-फरवरी) के दौरान रिकॉर्ड 12.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 12.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।