OBC Resevaration case hearing on 20th septmber: digi desk/BHN/जबलपुर/ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ओबीसी रिजर्वेशन मामले की सुनवाई 20 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी है। फिलहाल, किसी भी प्रकार का अंतरिम आदेश पारित नहीं हुआ है। कोर्ट अब इस मामले का अंतिम निराकरण करेगा। शिक्षक भर्ती के सिलसिले में शासन द्वारा प्रस्तुत स्थगन समाप्त करने का आवेदन कोर्ट ने निराकृत नहीं किया है। समस्त याचिकाओं को कोर्ट ने तीन कैटेगिरी में विभक्त कर दिया है। वह याचिका जिसमें आरक्षण अधिनियम को चुनौती दी गई है, वह और वे याचिकाएं जिनमें 27 फीसद आरक्षण का समर्थन किया गया है, अलग श्रेणी में रखी गई हैं। वे याचिकाएं जिनमें भर्ती विशेष को चुनौती दी गई है, उन्हें अलग श्रेणी में रखा गया है।
आरक्षण के मामलों की एक साथ हुई सुनवाई
बुधवार को ओबीसी आरक्षण के समस्त मामलों की एक साथ सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने समस्त केसों को तीन क्षेणियों में विभक्त कर दिया है, ताकि सुनवाई आसानी से हो सके। सर्वप्रथम उन याचिकाओं की सुनवाई की जाएगी जिनमें 27 फीसद ओबीसी रिजर्वेशन की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। राज्य शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा। अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक शाह, विष्णु पटेल, परमानंद साहू व आरजी वर्मा ने 27 फीसद आरक्षण के समर्थन में व शिक्षक की चयन सूची जारी करने के सिलसिले में पक्ष रखा। असिता दुबे की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी खड़े हुए। राज्य का पक्ष महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने रखा।