इंदौर। परीक्षा परिणामों में लड़कों की तुलना में अक्सर लड़कियां ही अधिक बाजी मारती हैं। यहां तक कि प्रावीण्य सूची में भी लड़कियों की संख्या ही ज्यादा रहती है। मगर पढ़ाई के साथ- साथ नकलपट्टी में भी अब लड़कियां आगे आने लगी हैं। इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा इस साल आयोजित की गई परीक्षाओं में नकलपट्टी के प्रकरणों को देखकर तो यही लगता है। इस साल ली गई परीक्षाओं में लगभग 400 नकल के प्रकरण बने हैं, उनमें से आधे यानी 200 प्रकरण में लड़कियां नकल करती पकड़ाई हैं।
इंदौर समेत देशभर की परीक्षाओं की बात करें तो स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज स्तर और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों के मुकाबले बेहतर ही रहा है। पढ़ाई के साथ अब अन्य फील्ड में भी लड़कियां अव्वल आ रही हैं। इन सबके बीच नकलपट्टी में लड़कियों का आगे आने सभी के लिए चौंकाने वाला है।
डीएवीवी में जनवरी से अक्टूबर तक के प्रकरण कुछ और कहानी कह रहे…
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में नकल के जो प्रकरण बने हैं उसके आंकड़े देखते हुए तो यह स्पष्ट होता है कि नकल के मामले में भी लड़कियों ने बाजी मार रखी है। इस साल विश्वविद्यालय ने जनवरी से लेकर अक्टूबर तक लगभग 300 तरह की परीक्षाएं आयोजित की है जिनमें नकल के 400 प्रकरण बने हैं और उनमें 200 प्रकरण तो लड़कियों के ही रहे हैं। उड़नदस्ते और अन्य स्तर पर ये प्रकरण बनाए जाते हैं और विश्वविद्यालय ने भी नकलचियों के खिलाफ कार्रवाई में कड़ाई की है।
बाल, बेल्ट, मोजे में भी निकली नकल की पर्ची
यहां तक कि इन लड़कियों ने नकल की सामग्री को छुपाने में भी कई नए प्रयोग किए। एक छात्रा की बालों की क्लिप में नकल की पर्ची निकली, तो किसी के बेल्ट में छिपी पर्चियां निकलीं, तो जूते, शर्ट या मोजे में भी ये नकल की पर्चियां पाई गई हैं। दरअसल, कोरोना के दौरान ऑनलाइन ही परीक्षाएं ली गई थीं, मगर उसके बाद ऑफलाइन परीक्षाएं शुरू हो गई, जिसमें नकल के इतने प्रकरण पकड़ाए।