Prahlad returned after 23 years: digi desk/BHN/सागर/ 23 साल पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद 56 वर्षीय प्रहलाद सिंह मंगलवार को अपने गांव घोसी पट्टी पहुंचे। अटारी बार्डर पर वे पठानी सूट पहनकर आए थे, उनके कपड़े बदलाकर पेंट शर्ट पहनाए गए। गांव पहुंचने पर प्रवेश द्वार पर ही गांववालों ने ढोल ढमाकों के साथ स्वागत किया। प्रहलाद सिंह को फूल मालाएं पहनाई गईं। 23 साल बाद अपने छोटे भाई को देखकर केशव सिंह की आंख भर आईं। गांव के लोग भी बढ़ी संख्या में जुटे। यहां पहुंचने के बाद लड़खड़ाती आवाज में प्रहलाद सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में उन्हें रोटी नहीं मिलती थी। भाई केशव सिंह को देखकर वे तत्काल उन्हें पहचान गए।
गांव के अन्य बुजुर्गाें को भी उन्हें पहचान लिया, लेकिन पाकिस्तान में उनके साथ क्या हुआ, यह नहीं बता पा रहे हैं। छोटे भाई वीर सिंह का कहना है कि गांव की पुरानी याद प्रहलाद को पूरी है। परिवार के सभी भाई व भाभियों के नाम उसने बता दिए। प्रहलाद के बड़े भाई गुलाब सिंह का निधन हो गया, लेकिन बड़ी भाभी हैं। इन्हें देखते ही प्रहलाद पहचान गए। घर में अन्य भाभी अशोक रानी व कमलेश रानी ने भी प्रहलाद के घर पहुंचने पर खुशी जाहिर की। भतीजे रूप सिंह का कहना है कि वे पिता के मुंह से काका प्रहलाद की बात सुना करते थे। आज घर वापसी पर उन्हें देखा।
छोटे भाई वीर सिंह का कहना है कि प्रहलाद मानसिक रूप से ठीक नहीं है। वे बातों का सही ढंग से जवाब नहीं दे पा रहे हैं। पहले भी उनकी ऐसी ही स्थिति थी, जिसके चलते घर से भाग चुके हैं। इसी के चलते एक बार पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गए। उन्हें भाई के पाकिस्तान में होने की जानकारी मिली थी। वर्तमान एसपी अतुल सिंह ने भाई को घर तक पहुंचाने में सराहनीय भूमिका निभाई।