Sunday , May 5 2024
Breaking News

Afghanistan crisis : भारत ने पहली बार की तालिबान से सीधी बात, दोहा में तालिबान नेता से की मुलाकात

Afghanistan Crisis : digi desk/BHN/ अमेरिकी सेना के जाने के बाद ये तय हो गया है कि फिलहाल अफगानिस्‍तान पर तालिबान का ही राज चलेगा। ऐसे में भारतीय हितों की सुरक्षा के लिए भारत ने पहली बार इस संगठन के नेता से बातचीत की है। कतर की राजधानी दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के नेता से मुलाकात की और अफगानिस्‍तान की जमीन का आतंकियों द्वारा इस्‍तेमाल किए जाने को लेकर चिंता जताई। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, युद्ध प्रभावित अफगानिस्‍तान के नए शासकों के अनुरोध पर यह बैठक आयोजित की गई थी। इस पर कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्‍तल ने तालिबान के राजनीतिक ऑफिस के प्रमुख शेर मोहम्‍मद अब्‍बास से भेंट की। बयान के अनुसार, यह मुलाकात दोहा स्थित भारतीय दूतावास में हुई।

इस दौरान भारत ने अफगानिस्‍तान के इलाकों का आतंकियों के द्वारा इस्‍तेमाल किए जाने को लेकर अपनी चिंता जताई। बयान के मुताबिक तालिबान के प्रतिनिधि ने आश्‍वासन दिया कि भारत की चिंताओं का ध्‍यान रखा जाएगा। बयान के अनुसार, अफगानिस्‍तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और शीघ्र वापसी के मसले पर भी चर्चा हुई।मिली जानकारी के मुताबिक राजदूत दीपक मित्‍तल ने साफ कहा कि अफगानिस्‍तान की जमीन का उपयोग किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधि और आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए।

अफगानिस्‍तान पर तालिबान के कब्‍जे के पहले भारत वहां काफी सक्रिय था और उसके अरबों के प्रोजक्ट्स चल रहे थे। अब भारत को अपने इन हितों के अलावा आतंकवाद की समस्या और पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों की मौजूदगी की भी चिंता सता रही है। अब तक भारत का स्टैंड ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति वाला था, लेकिन अब जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन पक्का हो गया है, तो भारत ने अपने हितों की रक्षा के लिए कूटनीतिक प्रयास शुरु कर दिये हैं।

About rishi pandit

Check Also

‘निज्जर हत्याकांड में भारत पर आरोप लगाना उनकी राजनीतिक मजबूरी’, कनाडा के पीएम ट्रूडो को जयशंकर की खरी-खरी

भुवनेश्वर। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि खालिस्तान समर्थक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *