- हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को आवश्यक पक्षकार बनाने दिए निर्देश
- भोपाल गैस त्रासदी के मुआवजे से जुड़ा महत्वपूर्ण मामला
- तीन अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई
Madhya pradesh jabalpur mp high court directs to make principal secretary health a necessary party in case of compensation of bhopal gas tragedy: digi desk/BHN/जबलपुर/ हाई कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के मुआवजा से जुड़े मामलों में सरकार के स्वास्थ्य विभाग को पक्षकार नहीं बनाने पर नाराजगी जताई। इसी के साथ मुआवजे से जुड़े सभी प्रकरणों में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को आवश्यक रूप से पक्षकार बनाने के निर्देश दे दिए। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को निर्धारित की है।
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी गुलजान की ओर से अधिवक्ता विकास मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता और उनका परिवार भी गैस पीड़ित है। गैस रिसाव के कारण हुई बीमारी का इलाज भी हुआ और संबंधित डाक्टर ने भी इस संबंध में गवाही दी थी। इसके बावजूद उन्हें पीड़ित वर्ग में शामिल नहीं किया गया और आयुक्त कल्याण भोपाल गैस पीड़ित ने उनका मुआवजा का दावा निरस्त कर दिया।
इस मामले में आयुक्त को पक्षकार बनाया गया था, जिस पर हाई कोर्ट ने आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों को मुआवजा देने का काम राज्य शासन का है, इसलिए राज्य के संबंधित विभाग प्रमुख को आवश्यक पक्षकार बनाना जरूरी है। हाई कोर्ट ने कहा कि आयुक्त भोपाल गैस पीड़ित कार्यालय से मुआवजे के जितने भी मामले हाई कोर्ट में लंबित हैं, उन सभी में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए।