Madhya pradesh bhopal renewal of liquor contracts in 32 districts now remaining liquor shops will be auctioned through e tender: digi desk/BHN/भोपाल/वर्ष 2024 -25 के लिए शराब ठेकों के नवीनीकरण की प्रक्रिया में प्रदेश भर के 1135 समूहों में से आधे यानी 617 समूह रिन्यू हो चुके हैं। 32 जिलों में ठेके का नवीनीकरण होने के बाद बाकी बचे ठेकों के नवीनीकरण के लिए 28 फरवरी से ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू होगी।
चार मार्च को ई-टेंडर का प्रथम चरण पूरा हो जाएगा। वहीं, छह से 11 मार्च के बीच द्वितीय चरण और 13 से 18 मार्च के बीच ई-टेंडर से शराब दुकानों की नीलामी का तीसरा चरण पूरा होगा। आबकारी विभाग ने इसका कार्यक्रम जारी कर दिया है।
प्रदेश में कुल 3600 कंपोजिट दुकानों के लिए नवीनीकरण प्रक्रिया जारी है। किसी भी जिले में न्यूनतम 75 प्रतिशत समूह का नवीनीकरण होने पर पूरा जिला नवीनीकृत मान लिया जाता है। यदि 75 प्रतिशत से कम नवीनीकरण है तो लाटरी के माध्यम से 75 प्रतिशत नवीनीकरण हो जाने पर जिला नवीनीकृत मान लिया जाता है।
पिछले साल एक्साइज डिपार्टमेंट को ठेकों के नवीनीकरण से 12,400 करोड़ की राशि मिली थी, इस बार सरकार ने लाइसेंस फीस 15 प्रतिशत बढ़ा दी है। इस वजह से अगले वित्तीय वर्ष का राजस्व लक्ष्य 14,260 करोड़ होगा। सरकार की आबकारी नीति के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में कोई भी नई शराब दुकान नहीं खुलेगी।
भोपाल संभाग में 138 समूह, ग्वालियर चंबल में 177 समूह हुए रिन्यू
भोपाल संभाग में 187 में से 138 समूह, ग्वालियर-चम्बल में 197 में से 177 , इंदौर में 177 में से 94, जबलपुर में 183 में से 74 , शहडोल -रीवा संभाग में 102 में से 29, सागर में 118 में से 52, उज्जैन संभाग में 191 में से 53 समूह रिन्यू हुए हैं।
रिन्यू नहीं होने वाले जिलों में विदिशा, झाबुआ,. आलीराजपुर, धार, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, अनूपपुर, रीवा, सतना, उमरिया, दमोह, टीकमगढ़, रतलाम, देवास आदि है। 10 जिले ऐसे हैं जहां 90 प्रतिशत या अधिक समूह रिन्यू हुए हैं।
लाटरी में असफल ठेकेदारों की लौटाई जाएगी धरोहर राशि
वर्ष 2024-25 के लिए शराब दुकानों के नवीनीकरण एवं लॉटरी में असफल आवेदक ठेकेदारों की धरोहर राशि लौटाई जाएगी। इसके लिए आबकारी आयुक्त ने सभी सहायक आबकारी आयुक्त और जिला आबकारी अधिकारियों के पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि ऐसे आवेदकों की धरोहर राशि एमपी टेंडर्स पोर्टल पर संबंधित टेंडर में आवेदक को निरस्त कर वापस की जाएगी।