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Satna: सशक्तिकरण के लिए स्थानीय संसाधनों को आजीविका का साधन बनाकर आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनें मातृ शक्ति – ऊषा ठाकुर

महिला सशक्तिकरण में स्वसहायता समूहों की भूमिका विषय पर संगोष्ठी आयोजित

चित्रकूट, भास्कर हिंदी न्यूज़/ दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित एवं कौशल विकास उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट द्वारा भारत रत्न राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख की 14 वीं पुण्यतिथि पर महिला सशक्तिकरण में स्वसहायता समूहों की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन दीनदयाल परिसर स्थित बाल कला भवन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि उषा ठाकुर पूर्व पर्यटन व संस्कृति मंत्री मध्यप्रदेश शासन, कृष्ण मोहन मोघे पूर्व सांसद खरगौन, शिवमोहन मिश्र देव संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार, डॉ रज्जन द्विवेदी पोस्ट डॉक्टोरल फैलो आई सी एस एस आर, विकास कुमार सहायक प्रबंधक ड़ी आई सी, सन्ध्या उपेंद्र कुलकर्णी एवं जन शिक्षण संस्थान के निदेशक अनिल कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के उदेश्य पर प्रकाश डालते हुए निदेशक जन शिक्षण संस्थान ने बताया कि स्वयं-सहायता समूह भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण और गरीबी उन्मूलन के प्रभावी आधार के रूप में उभरे हैं। समाज में महिलाओं के वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने व उन्हें सक्षम बनाने जिससे कि वह अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं ले सकें और परिवार और समाज में अच्छे से रहकर आत्मनिर्भर एवम स्वावलम्बी बन सकें।

सन्ध्या उपेंद्र कुलकर्णी ने कहा कि आर्थिक सशक्तीकरण, कौशल विकास, सामाजिक एकजुटता और ऋण तक पहुँच को बढ़ावा देकर स्वयं सहायता समूह महिलाओं को अपने जीवन पर नियंत्रण रखने और अपने समुदायों के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाते हैं।

शिवमोहन मिश्रा ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह महिलाओं को बचत के माध्यम से उन्हें बचत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, ऋण के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूह महिलाओं को ऋण प्रदान करते हैं व प्रशिक्षण के माध्यम से स्वयं सहायता समूह महिलाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान करते हैं जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बनातीं हैं।

डॉ रज्जन द्विवेदी ने बताया कि स्व सहायता समूह, समरूप ग्रामीण निर्धनों द्वारा स्वेच्छा से गठित एक समूह है जिसमें समूह के सदस्य अपने आप से जितनी भी बचत आसानी से कर सकते हैं उसका अंशदान उत्पादक, उपभोग अथवा आपातकालीन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ऋण के रूप में देने के लिए परस्पर सहायक होते है।

विकास कुमार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा जिले में संचालित की जा रही बिभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान कर उनसे लाभान्वित होकर आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया।

कृष्णमुरारी मोघे ने भारत सरकार द्वारा समाज के विभिन्न समुदायों एवं विशेषकर मातृशक्ति के शक्तिकरण हेतु किये जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदान की और मातृशक्ति को उनसे लाभान्वित होने पर जोर दिया।

अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए उषा ठाकुर ने कहा कि महिला राष्ट्र की आधार शक्ति है आप अपनी अंतर निहित शक्तियों को जागृत करिए और उन्हें पहचानिए। दुनिया का कोई भी ऐसा कार्य नहीं है जिसे आप सर्वाधिक बेहतर तरीके से नहीं कर सकती हैं। ईश्वर ने जब सृष्टि की रचना की तो उन्होंने शक्ति का केंद्र मातृशक्ति को ही बनाया। यदि हम देखे तो दुर्गा शक्ति का केंद्र है तो विद्या का केंद्र सरस्वती है और वही धन की देवी लक्ष्मी को कहा जाता है। आप सभी मातृशक्ति इन तीनों देवियों के संयुक्त विग्रह को आत्मसात कर विश्व गुरु भारत के सपने को यथार्थ में बदल सकती हैं। भारत का इतिहास मातृशक्ति के कार्यों से भरा पड़ा है भारत और भारतीयता की ताकत आध्यात्मिकता है। आप अपने संस्कारों और विचारों को बेहतर बनाने हेतु कार्य करते हुए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों को अपने आजीविका का साधन बनाकर आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनिए।

कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे प्रतिभागियों में अंजली भारद्वाज, रेनू, अनुपमा, स्वेता, महिमा ,दीपकुमारी सहित कई अन्य ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में 10 स्वसहायता समहों एवं जन शिक्षण संस्थान के 75 अनुदेशकों सहित लगभग 305 प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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