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Success Story: उत्पीड़न से परेशान ट्रांसजेंडर उरूज हुसैन ने खोला खुद का कैफे

Uruz Hussain open cafe: digi desk/BHN/ । नोएडा में रहने वाली ट्रांसजेंडर उरूज हुसैन की कहानी आजकल लोगों को काफी प्रेरित कर रही है और वह अपने जैसे लोगों के लिए एक मोटिवेशनल पर्सनालिटी बनकर उभरी है। दरअसल अपने कार्यस्थल पर काफी प्रताड़ना झेल चुकी उरूज हुसैन ने अब अपना खुद का कैफे खोल लिया है और कैफे खोलने के बाद उन्होंने सबसे पहले इस बात का ध्यान रखा कि उनके कैफे में हर किसी के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाए। उरूज हुसैन ने अपना कैफे नोएडा के सेक्टर-119 में खोला है, जिसका नाम उन्होंने स्ट्रीट टैंपटेशन (Street Temptations) रखा है।

उरूज ने झेली काफी प्रताड़ना

अपने बारे में बताते हुए उरूज कहती है कि मैं पहले जब काम करती थी तो कार्यस्थल पर मुझे अपने शारीरिक व्यवहार के चलते काफी प्रताड़ना झेलना पड़ता था। लोग मेरे साथ सामान्य व्यवहार नहीं रखते थे। लेकिन अब अपना रेस्टोरेंट खोलने के बाद मैं इस बात पर विशेष ध्यान देती हूं कि यहां आने वाले और कार्य करने वाले व्यक्ति के साथ एक जैसा व्यवहार हो और उसे पूरा सम्मान मिले।

उरूज ने बताया कि मैंने भी एक सामान्य बच्चे की तरह ही जन्म लिया था, लेकिन धीरे-धीरे उम्र बढ़ने के साथ मुझे पता चला कि मेरा शरीर सिर्फ लड़कों जैसा है, लेकिन भावनाएं पूरी तरह से महिलाओं के समान है। इस असामान्यता के कारण मुझे परिवार और समाज में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मेरे दोस्त व परिवार के लोग चाहते थे कि मैं एक लड़के के समान व्यवहार करूं लेकिन मुझसे यह हो नहीं पा रहा था।

स्कूल में पढ़ाई पूरी करने के पाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया और फिर 2013 में दिल्ली आ गई। यहां इंटर्नशिप के दौरान वर्कप्लेस पर मेरे साथ काफी बुरा व्यवहार होता था। लोग मुझे गलत तरीके से छूने की कोशिश करते। परेशान होकर मैंने खुद को सभी से दूर कर लिया। खुद को लंबे समय तक घर में बंद रख लिया। तब मुझे लगने लगा कि मैं हार चुकी हूं, लेकिन फिर मैंने तय किया कि अगर मैं हिम्मत हार जाऊंगी तो टूट जाऊंगी और मैं ऐसा नहीं होने देना चाहती थी।

उरूज बताती है कि 22 साल की उम्र तक वे एक लड़का थी, लेकिन साल 2014 में साइकोमैट्रिक टेस्ट कराने के बाद लेजर थैरेपी ट्रीटमेंट कराना शुरू किया। इस दौरान कई बार मुझे आत्महत्या जैसे विचार भी आते थे। लेकिन अब मैं अपनी बॉडी से काफी खुश हूं और आजाद महसूस करती हूं। पहले ऐसा लगता था जैसे मेरे शरीर को किसी जेल में कैद करके रखा गया है।

कौन होते हैं ट्रांसजेंडर

ट्रांसजेंडर ऐसे लोगों को कहा जाता है, जिनकी लैंगिक पहचान या अभिव्यक्ति उस लिंग से अलग होती है, जो उन्हें उनके जन्म के समय दी गई होती है। कुछ ट्रांसजेंडर जो लिंग-परिवर्तन के लिए चिकित्सा सहायता लेते हैं , उन्हें ट्रांससेक्सुअल कहा जाता है।

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