- मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने सेनापति को सलामी दी
- पालकी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा
- पर्व विशेष पर मंदिर में विभिन्न प्रकार के फलों से आकर्षक सज्जा की गई थी
Madhya pradesh ujjain lord kaal bhairav ride on dol gyaras in ujjain: digi desk/digi desk/BHN/उज्जैन/ कालभैरव मंदिर से डोलग्यारस पर सोमवार को शाही ठाठबाट के साथ भगवान कालभैरव की सवारी निकली। सेनापति कालभैरव चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकले।
कालभैरव के रजत मुखारविंद का पूजन
सवारी से पूर्व मंदिर के सभामंडप में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने भगवान कालभैरव के रजत मुखारविंद का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। पालकी में पहली बार भगवान के रजत मुखारविंद के साथ भगवान कालभैरव की प्रतिकृति भी सवार थी।
सशस्त्र बल की टुकड़ी ने सलामी दी
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने सेनापति को सलामी दी। इसके बाद पालकी नगर भ्रमण के लिए रवाना हुई। मंदिर से शुरू होकर सवारी जेल तिराहा पहुंची। यहां जेल अधीक्षक द्वारा पालकी का पूजन किया गया।
विभिन्न प्रकार के फलों से आकर्षक सज्जा
इसके पश्चात सवारी नया बाजार, भैरवगढ़ नाका, माणकचौक, महेंद्र मार्ग होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के सिद्धवट घाट पहुंची। यहां बैकुंठ द्वार पर पुजारियों द्वारा भगवान की पूजा अर्चना की गई। पूजन पश्चात सवारी बृजपुरा, जेलतिराहा होते हुए पुन: मंदिर पहुंची। पर्व विशेष पर मंदिर में विभिन्न प्रकार के फलों से आकर्षक सज्जा की गई थी।
सिंधिया राजवंश ने भेजी पगड़ी
डोलग्यारस पर सिंधिया राजवंश की ओर से भगवान कालभैरव को सिंधिया शाही की पगड़ी धारण कराई गई। रविवार को ग्वालियर से विशेष वाहन द्वारा शाही पगड़ी उज्जैन पहुंची थी। महल से आए ओहदेदारों ने महाकाल मंदिर के पं.सजंय पुजारी को पगड़ी सुपुर्द की। सोमवार को संजय पुजारी कालभैरव मंदिर पहुंचे तथा विधिविधान से पूजा अर्चना कर भगवान को पगड़ी धारण कराई।