मैहर कलेक्टर ने टीएल बैठक में की समीक्षा
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने जिले के अधिकारियों को लंबित कुल शिकायतों में से 50 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण 20 मई तक अनिवार्य रुप से कर लेने का लक्ष्य दिया है। गुरुवार को समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि मैहर जिले में इस सप्ताह 11 हजार 162 शिकायतों में से 707 शिकायतें कम हुई हैं। फिलहाल छोटे जिले में 10455 कुल शिकायतों का लंबित रहना चिंताजनक है। उन्होने कहा कि सभी विभाग सीएम हेल्पलाइन को फोकर कर 20 मई तक आधी शिकायतों का निराकरण सुनिश्चित करें। इस मौके पर अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह, एसडीएम विकास सिंह, आरती यादव, डॉ आरती सिंह, सीइओ जनपद ओपी अस्थाना, मुन्नीलाल प्रजापति, प्रतिपाल बागरी, सीएमओ सौम्या मिश्रा, लालजी ताम्रकार सहित जिले के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर रानी बाटड ने विभागवार सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होने कहा कि सीएम हेल्पलाइन के निराकरण में भविष्यात्मक निराकरण नहीं दर्ज किये जायें। इसी प्रकार जिन मांग या नियमानुसार निराकरण नहीं होने वाली शिकायतों को फोर्स क्लोज के बजाय डिमांड क्लोजर करें।
प्रसूति सहायता से संबंधित सीएम हेल्पलाइन के बीएमओ मैहर, रामनगर, अमरपाटन के लंबित प्रकरणों में अधिकारियों को स्वयं परीक्षण कर सुधार कराने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि भविष्यात्मक निराकरण का जवाब पोस्ट करने पर कार्यवाही की जायेगी।
पंचायतीराज, ग्रामीण विकास और सीएम एलबीवाय के अधिक संख्या में प्रकरण लंबित होने पर कलेक्टर ने तीनों सीईओ के प्रति नाराजगी जाहिर की। उन्होने कहा कि एक-एक शिकायत का निराकरण अधिकारी स्वयं देखकर करें और 20 मई तक 50 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण सुनिश्चित करें, अन्यथा सीईओ जनपद का एक माह का वेतन काटा जायेगा।
समय-सीमा पत्रकों की समीक्षा में कलेक्टर मैहर ने कहा कि 15 जून के पहले जिले में जितनें भी तालाब शालाओं अथवा आम रास्तों पर अतिक्रमण है, उन्हें हटा दिया जाये। पेयजल की स्थिति की समीक्षा में कलेक्टर ने नगरीय निकाय एवं जनपद पंचायतवार पेयजल की उपलब्धता, आपूर्ति, हैंडपंप, नलजल योजनाओं की स्थिति की जानकारी ली। उन्होने कहा कि ग्रीष्मकाल में पेयजल के लिये कार्य योजना अनुसार कार्य निर्वाचन आयोग की अनुमति लेकर किये जा सकते हैं। ग्रीष्मकाल में कहीं भी पेयजल का संकट नहीं होना चाहिये।
कलेक्टर मैहर ने मानसून के पूर्व ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण की कार्ययोजना अभी से बनाकर पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिये। उन्होने शिक्षा विभाग के 9 स्कूल भवनों के डिस्मेंटल की कार्यवाही संयुक्त हस्ताक्षरित प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने मैहर जिले के शाला भवन की स्वीकृति और मरम्मत के प्रस्ताव बिना कलेक्टर के संज्ञान में लाये शासन को भेजने पर डीपीसी के प्रति अप्रसन्नता व्यक्त की। खाद्य सुरक्षा निरीक्षक के मुख्यालय मैहर में नहीं रहने, निर्देशों के बाद भी मैहर में सैंपलिंग की कार्यवाही नहीं करने, जुर्माना अधिरोपण के आदेशों के बाद भी वसूली निरंक होने पर कलेक्टर ने एक माह की वेतन रोकते हुये नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में आरटीओ, वन, श्रम, जनजातीय कार्य विभाग, आरईएस एसडीओ, नागरिक आपूर्ति निगम, मार्कफेड के अधिकारी या किसी प्रतिनिधि के उपस्थित नहीं रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
खरीदी के अंतिम दिनों में अलर्ट रहें अधिकारी- कलेक्टर
उपार्जन कार्य की समीक्षा
मैहर कलेक्टर रानी बाटड ने राजस्व अधिकारियों और जिला खाद्य अधिकारी की बैठक लेकर गेहूं उपार्जन कार्य की समीक्षा की। उन्होने कहा कि मैहर जिले में कुल 32 केंद्रों पर 20 मई तक गेहूं खरीदी का कार्य होगा। खरीदी के अंतिम दिनों में खरीदी केंद्रों में गड़बड़ी या अनियमितता करने की संभावना के तहत सभी संबंधित अधिकारी अलर्ट रहें और नियमित रुप से खरीदी केंद्रों का आकस्मिक भ्रमण करते रहें। उन्होने कहा कि निरीक्षण के दौरान पता चला है कि महिला स्व-सहायता समूहों को गेहूं उपार्जन प्रक्रिया का ठीक ढंग से प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। खरीदी केंद्र में स्व-सहायता समूह की सदस्य महिलाओं का उपस्थित रहना जरुरी है। आवश्यकतानुसार उन्हें प्रशिक्षण भी देवें।
कलेक्टर रानी बाटड ने राशन वितरण में अनियमितता रोकने जिले में किये जा रहे निरीक्षण की गति बनाये रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होने कहा कि एसडीएम, तहसीलदार, सीईओ, सीएमओ अपने क्षेत्र की राशन दुकानों का भ्रमण के दौरान आकस्मिक निरीक्षण करें। आंगनवाड़ी केंद्र में पोषण आहार वितरण, शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण का निरीक्षण राजस्व अधिकारियों के भ्रमण के दौरान स्थायी एजेंडा होना चाहिये। अमरपाटन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी वीरेंद्र जड़िया के क्षेत्र में अनुपस्थित उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण नहीं करने और खाद्यान्न आवंटन की जानकारी नहीं भेजने की शिकायत पर कलेक्टर ने संबंधित का निलंबन प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये।
एक साल से ऊपर का कोई राजस्व प्रकरण नहीं रहे लंबित
मई माह तक लंबित प्रकरणों का 20 प्रतिषत करें निराकृत
कलेक्टर ने ली मैहर के राजस्व अधिकारियों की बैठक
कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति लाकर आरसीएमएस पर लंबित कुल राजस्व प्रकरणों में से 20 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण मई माह के अंत तक कर लेने के निर्देश दिये हैं। गुरुवार को मैहर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर ने राजस्व के कार्यों की कोर्टवार समीक्षा की। इस मौके पर अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह, एसडीएम विकास सिंह, आरती यादव, डॉ आरती सिंह, तहसीलदार जीतेंद्र पटेल सहित नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
राजस्व मैहर के 15 कोर्ट में आरसीएमएस पर दर्ज राजस्व प्रकरणों की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि प्रकरणों का डिस्पोजल बढ़ायें। दो वर्ष से 5 वर्ष तक के लंबित प्रकरण प्राथमिकता में लें। प्रयास करें कि एक साल से ऊपर की अवधि का कोई राजस्व प्रकरण लंबित नहीं रहे। आरसीएमएस पोर्टल पर 15 राजस्व कोर्ट में कुल दर्ज 8039 राजस्व प्रकरणों में 1608 का निराकरण किया गया है। जबकि 6431 राजस्व प्रकरण लंबित हैं। कलेक्टर ने मई मासांत तक इनमें 20 प्रतिशत न्यूनतम प्रकरणों का निराकरण करने का लक्ष्य दिया है। नामांतरण में दर्ज प्रकरणों में 480 निराकृत हुये हैं। जबकि 686 प्रकरण शेष हैं।
सीमांकन के प्रकरणों में कलेक्टर ने कहा कि अभी आमतौर पर खेत खाली पड़े हुये हैं। उनमें फसल नहीं हैं। समय का सही उपयोग कर अभियान स्वरुप सीमांकन करें और लंबित प्रकरण निल करें। उन्होने कहा कि प्रत्येक गुरुवार को वीसी के माध्यम से स्वयं समीक्षा करेंगी। कलेक्टर ने समग्र लिकिंग की ई-केवाईसी के लक्ष्य 237034 के विरुद्ध 52288 किये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होने कहा कि पटवारियों के दल गठित करें और ई-केवाईसी के लिये मनरेगा के एपीओ को दायित्व देकर ग्राम रोजगार सहायकों को भी इस कार्य में लगायें। अभियान चलाकर ई-केवाईसी में 50 प्रतिशत की प्रगति लायें।
कलेक्टर ने स्वामित्व योजना, धारणाधिकार, सीएम भू-अधिकार पांचवा फेज और राजस्व विभाग की लंबित 1381 सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा भी की। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व अधिकारी प्रयास करें कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में जिला पीछे नहीं रहे। अभियान चलाकर सीमांकन के प्रकरण निराकृत करायें। सीएम हेल्पलाइन में भी मैहर जिला 26वें स्थान पर है। संतुष्टिपूर्ण निराकरण करते हुये जिले की अग्रिम पंक्ति में लायें।
मैहर जिले का नाम रोशन करने पर अक्षत पाण्डेय को बधाई
मैहर जिले के निवासी अक्षत पाण्डेय को यूपीएससी परीक्षा 2023 उत्तीर्ण कर आईएफएस कैडर में 29वीं रैंक हासिल करने पर कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मैहर निवासी अक्षत पाण्डेय के पिता श्री राजेश पाण्डेय जनसंपर्क संचालनालय भोपाल में जनसंपर्क अधिकारी हैं तथा उनकी माता ऋतु पाण्डेय ग्रहणी है। अक्षत पाण्डेय द्वारा मैहर जिले का नाम रोशन करने पर कलेक्टर रानी बाटड ने अक्षत और उनके माता-पिता को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई प्रेषित की है। जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह और जिला जनसंपर्क कार्यालय सतना के कर्मचारियों द्वारा भी अक्षत पाण्डेय की उपलब्धि पर खुशी जाहिर की गई है।
कलेक्टर मैहर ने रेण्डम फोन लगाकर पटवारी की ली लाइव लोकेशन
कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने राजस्व विभाग के कार्यों में गति लाने और आम लोगों की राजस्व संबंधी समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए तीनों तहसीलों मैहर, अमरपाटन, रामनगर में पटवारी हल्का में सप्ताह में दो दिन पटवारियों के बैठने के दिन निर्धारित किए हैं। इसके अनुसार मैहर जिले में प्रत्येक सप्ताह प्रत्येक पटवारी अपने संबंधित हल्का मुख्यालय में सोमवार और गुरुवार को दिनभर बैठते हैं तथा ग्रामीणों की राजस्व संबंधी समस्याओं का मौके पर निराकरण करते हैं। कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों से कहा है कि पटवारियों के निर्धारित दिवसों में उनकी उपस्थिति की लाइव लोकेशन लें। सभी पटवारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इन दिवसों में मुख्यालय उपस्थिति की लाइव लोकेशन देंगे।
राजस्व अधिकारियों की बैठक के दौरान कलेक्टर मैहर ने तीनों तहसीलों के एक-एक पटवारी को फोन लगाकर उनसे चर्चा की और लाइव लोकेशन लेकर दिनभर किए गये कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने मैहर के अमझर हल्का पटवारी से दूरभाष पर बातचीत कर समग्र लिंकिंग की ई-केवायसी और सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण में और गति लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर का मानना है कि सप्ताह में दो दिवस पटवारी अपने मुख्यालय पर रहकर रोजमर्रा के कार्यों का निष्पादन करेंगे, तो आम ग्रामीणजनों की समस्या का मौके पर निराकरण संभव होगा तथा तहसील और जिला स्तर आने वाली राजस्व संबंधी लगभग आधी शिकायतें कम हो जायेंगी।
बाल विवाह रोकने गठित किया गया उड़नदस्ता दल
अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह होने के संभावना अधिक रहती है। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिले को बाल विवाह रहित रखने एवं बाल विवाह की सूचना पर कार्यवाही करने सभी अनुविभागों में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तह उड़नदस्ता दल गठित किया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में गठित उड़नदस्ता दल में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), सीईओ जनपद पंचायत, खंड चिकित्सा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी/बीआरसी एवं परियोजना अधिकारी बाल विकास को सदस्य नियुक्त किया गया है।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार उड़नदस्ता दल अपने अनुभाग अंतर्गत होने वाले सामूहिक विवाहों में वर-वधु के आयु संबंधी दस्तावेजों का अवलोकन करेंगे। विवाह के लिये शासन स्तर से निर्धारित आयु कम पाये जाने वर वैधानिक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे। उड़नदस्ता दल सुनिश्चित करेगा कि किसी भी स्थिति में जिले में एक भी बाल विवाह का प्रकरण नहीं हो। बाल विवाह की शिकायत मिलने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 (1 जनवरी 2007 से अधिसूचित) के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। बाल विवाह में सेवा देने वाले सेवा प्रदाताओं (टेंटवाला, घोड़ावाला, केटरर, धर्मगुरु, विवाह स्थल/टेंट हाउस मालिक, विवाह पत्रिका छापने वाला, बाराती) को बाल विवाह प्रोत्साहित करने पर भी वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
जारी आदेशानुसार सामूहिक विवाह आयोजित करने वाले संयोजक को विवाह के लिये अनुमति प्राप्त करने वर-वधु की सूचीमय छायाचित्रों एवं आयु प्रमाण पत्र के साथ आवेदन प्रस्तुत करना होगा। अन्यथा अनुमति प्रदान नहीं की जायेगी। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने अनुविभागीय दंडाधिकारियों को निर्देशित किया है कि क्षेत्र में सामूहिक विवाह आयोजन की अनुमति इस शर्त पर जारी करें कि वर की आयु 21 वर्ष और वधु की आयु 18 वर्ष से कम नहीं हो।
बाल विवाह की सूचना कंट्रोल रुम के दूरभाष 07672-494353 पर दे सकते हैं नागरिक
बाल विवाह सामाजिक कुरीति के साथ कानूनी रूप से अपराध है। विवाह के लिए कन्या की आयु 18 वर्ष से अधिक तथा वर की आयु 21 वर्ष से अधिक होना आवश्यक है। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सौरभ सिंह ने बताया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह को रोकने की सूचना देने जिला बाल संरक्षण कार्यालय सतना में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रुम के दूरभाष क्रमांक 07672-494353 पर कोई भी नागरिक क्षेत्र में हो रहे बाल विवाह की सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा बाल विवाह की शिकायत चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नम्बर 1098 पर भी की जा सकती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि बाल विवाह की घटनाओं को रोकने के लिये सतना जिले के सभी परियोजना अधिकारियों को भी सूचित किया जा सकता हैं। उन्होने बताया कि सतना शहरी-2 परियोजना के परियोजना अधिकारी अरुणेश तिवारी के मोबाइल नंबर 9425194729, सतना शहरी-1 के परियोजना अधिकारी पुनीत शर्मा के मो.नं. 9424316692 पर बाल विवाह होने के सूचना दी जा सकती है। इसी प्रकार चित्रकूट-1 और सोहावल के परियोजना अधिकारी अभय द्विवेदी को मो.नं. 9424315078, नागौद-1 और 2 के परियोजना अधिकारी इंद्रभूषण तिवारी को मो.नं. 9826529407, चित्रकूट-2 की परियोजना अधिकारी रीता द्विवेदी को मो.नं. 8719078796, रामपुर बघेलान-2 के परियोजना अधिकारी सुरेंद्र सिंह को मो.नं. 8839882295, उचेहरा के परियोजना अधिकारी रविकांत शर्मा को मो.नं. 7000232227 एवं रामपुर बघेलान-1 के परियोजना अधिकारी विद्याचरण तिवारी को मो.नं. 9977217939 पर सूचना दी जा सकती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आमजनता से अपील करते हुए कहा है कि समाज में अब बाल विवाह होने की घटनाओं में कमी आई हैं। लेकिन यदि कहीं पर भी बाल विवाह संपन्न कराने का प्रयास किया जा रहा है तो आमजन तत्काल महिला एवं बाल विकास विभाग अथवा पुलिस थाने को इसकी सूचना दें। विवाह संपन्न कराने वाले धर्मगुरू तथा विवाह से संबंधित व्यवस्थाओं जैसे बारातघर, हलवाई, विवाह घर संचालक, बैण्डबाजे वाले आदि बाल विवाह होने पर तत्काल सूचना दें।
बाल विवाह गंभीर सामाजिक कुरीति है। इसे रोकने के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लागू किया गया है। इसके तहत बाल विवाह से पीड़ितों को सुरक्षा और राहत प्रदान करने के साथ-साथ बाल विवाह को प्रोत्साहित करने एवं उसे संपन्न कराने वालों पर कठोर दण्ड का प्रावधान है। जिसमें दो वर्ष की जेल तथा एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।