- -उपार्जन केन्द्रों में भींगा गेहूं, कीचड़ से सराबोर हुई ननि की सड़के
- -चली तेज आंधी, कहीं-कहीं गिरे ओले
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम की बेरुखी का असर मई महीने में और अधिक देखने को मिला। गुरूवार की दोपहर में आए आंधी-तूफान और बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। सतना शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बादल जमकर बरसे। बारिश के पहले तेज आंधी से जिले के कई क्षेत्रों में जहां पेड़ औंधेमुंह आ गिरे, वहीं बारिश से उपार्जन केंद्रों में रखा गेहूं भी भीग गया। बैनर- फ्लैक्स और बोर्ड हवा में लहरा कर उडऩे लगे। वहीं सतना शहर में सीवर लाइन के चलते कई मोहल्ले की सड़कें कीचड़ से सरोबोर हो गई जहां से लोगों को निकलना मुश्किल हो गया। गुरूवार को करीब 26 मिमी बारिश 12 घंटे के अंदर रिकार्ड की गई।
गुरूवार को दोपहर ढ़ाई बजे के आसपास शुरू हुई धूल भरी आंधी ने सड़क पर चल रहे लोगों की रफ्तार रोक दी। इसी बीच गरज-चमक के साथ जोरदार बारिश शुरू हो गई। करीब एक घंटे से अधिक समय तक चले दौर के बाद बारिश तो बंद हो गई लेकिन आसमान पर गरजते बादलों का डेरा जमा रहा। हालांकि शाम छह बजे के बाद एक बार फिर बादलों ने बरसना शुरू किया जो शाम सात बजे तक जारी रहा। सतना शहर के अलावा जिले के नागौद,मैहर,अमरपाटन, उचेहरा, कोटर, बिरसिंहपुर, मझगवां, रामपुर, सज्जनपुर आदि जगहों में जमकर बारिश हुई जबकि कुछ जगहों पर चना से लेकर बेर के आकार के ओले भी गिरे।
13 तक ऐसा ही रहेगा मौसम
जिला मौसम वैज्ञानिक आरके श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रभावशील है। एक चक्रवाती परिसंचरण मध्यप्रदेश के ऊपर सक्रिय है वहीं एक ट्रफ लाइन उड़ीसा से लेकर छत्तीसगढ़ के ऊपर से होकर दक्षिण पूर्वी राजस्थान तक विस्तृत हैं। इसके असर से प्रदेश सहित सतना जिले में गरज-चमक के साथ वर्षा की संभावना बनी हुई है। इस विक्षोभ का असर 13 मई तक देखने को मिलेगा। उसके बाद फिर एक बार तापमान में उछाल देखा जाएगा।
जी का जंजाल बनी सीवर लाइन, सड़कों में बिछा कीचड़
सीवर लाइन बिछाने के नाम पर शहर के अधिकांश हिस्सों में सड़कों को खोदकर पाइप लाइन डालने का काम तेजी से चल रहा है। लेकिन पाइप लाइन बिछाने के बाद सड़क को मेंटिनेंस करने के काम में ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। शहर के भरहुत नगर, विराटनगर, पतेरी, बदखर, डिलौरा,टिकुरिया टोला, धवारी, राजेन्द्र नगर, करही सहित अनेक जगहों पर बनी पॉश कॉलोनियों में बारिश के चलते सड़क कीचड़ से सराबोर हो गईं। कई जगहों पर मोहल्लेवासियों को पैदल चलने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ा। सीवर लाइन के चलते कई सड़क के हाल पिछले दो साल से इसी तरह से हैं यहां सीवर लाइन बिछाने के नाम पर मेन सड़क ही गायब हो गई है। लोग दूसरी सड़कों के सहारे किसी तरह अपने घर पर पहुंच रहे हैं। टिकुरिया टोला रोड में नरेन्द्र डेरी के सामने वाहन फसने से जाम लगा रहा। वहीं मिट्टी की वजह से लोग फिसलकर गिरते रहे।
खुली सफाई की पोल, सड़कों में उतराया नाली का पानी
बारिश के चलते शहर के सर्किट हाउस चौराहे पर पानी भर गया जिस वजह से लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। इसी प्रकार से जिला अस्पताल परिसर, बस स्टैंड परिसर में भी पानी भर जाने से लोगों को परेशान होना पड़ा। सबसे अधिक समस्या उन मोहल्लों में भी देखी गई जहां पर बारिश में कई दशकों से सड़कें जलमग्र हो जाती हैं। शहर के बैंक कॉलोनी, प्रेम नगर अंडर ब्रिज, कामता टोला रोड, पुराना पावर हाउस से पुराना नगर निगम मार्ग, जगतदेव तालाब रोड, बिहारी चौक में बारिश की वजह से काफी देर तक जलमग्न रही। नगर निगम के सफाई की पोल जरा सी बारिश ने खोल कर रख दी।
उपार्जन केन्द्रों में भरा पानी, खतरे में लाखों क्विंटल गेहूं
बेमौसम हो रही बारिश ने गेहूं की खरीदी पर भी पानी फेर दिया है। बारिश ने शासन- प्रशासन और उपार्जन कर रही संस्थाओं को भी परेशानी डाल दिया है। बताया गया कि जिले में अब तक 26हजार 63 किसानों से 1 लाख 92 हजार 983 मेट्रिक टन गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर हुई है लेकिन लगभग पौने 24 हजार 973 मेट्रिक टन गेहूं का अभी परिवहन नहीं किया जा सका है। उपार्जन केंद्रों में गेहूं खुले में पड़ा होने से बारिश में भीग गया है और उसके खराब होने की आशंका बढ़ गई है।जबकि वहीं दूसरी ओर विभाग ने गेहूं भींगने पर संबंधित उपार्जन केन्द्र को जिम्मेदार माने जाने हेतु निर्देश भी जारी किए हैं। सवाल यह है कि हर वर्ष खरीदी के दौरान मौसम के चलते गेहूं भींगने की घटनायें होती हैं बावजूद इसके प्रशासन द्वारा कोई माकूल व्यवस्था आज तक क्यों नहीं की गई।
खुले मैदानों में अधिक नुकसान
गुरूवार को जिले के मझगवां, चित्रकूट, अमरपाटन, रामनगर, मैहर, रामपुर बाघेलान क्षेत्र में बारिश का असर अधिक देखने को मिला। मझगवां के सोनवर्षा, पगार खुर्द,पिन्ड्रा,प्रतापपुर, बरौंधा सहित कई खरीदी केन्द्रों में रखा गेहूं भींग गया। तेज बारिश के चलते सेवा सहकारी समिति शुकवाह के परिसर में रखा 7500 क्विंटल गेहूं पूरी तरह से भीग गया। यहां सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक कृष्ण किशोर मिश्रा और परिवहन ठेकेदार की लापरवाही सामने आई। दरअसल सेवा सहकारी समिति ने अब तक किसानों से करीब 18हजार क्विंटल गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा है। जिसमें से करीब 10हजार क्विंटल का परिवहन होना शेष है। 75सौ क्विंटल गेहूं खुले में बिना स्टैकिंग के रखा हुआ है, जिससे बरसात के कारण बोरियां पूरी तरह से भीग गई। इसी तरह से मैहर जिले के अमरपाटन विकासखंड अंतर्गत सीता वेयरहाउस परिसर में सेवा सहकारी समिति ओबरा में बारिश के चलते हजारों क्विंटल गेहूं प्रभावित हो गया।
तीन घंटे बाधित रही विद्युत सप्लाई, छाया रहा अंधेरा
बारिश व आंधी के बीच विद्युत विभाग के मेंटीनेंस के दावों की हवा निकल गई। दोपहर तीन बजे के करीब शहर के विभिन्न इलाकों में लाइट गुल हो गई जो कि देर शाम 7 बजे के बाद आ सकी। आमतौर पर देखने में आता है कि जरा सी हवा चलने या बूंदाबांदी होने पर ही बिजली आपूर्ति ठप्प हो जाती है। जबकि विभाग द्वारा हर सीजन में मेंटीनेंस के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं।
मंडी में भींग गई किसानों का उपज, चबूतरों पर व्यापारियों का कब्जा
बारिश के चलते गुरूवार को कृषि उपज मंडी में किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ा। दर्जनों किसानों की उपज बारिश के चलते भींग गई। बताया गया कि टीन शेडों में व्यापारियों द्वारा खरीदा गया माल डंप रहने के चलते किसानों को चबूतरों के नीचे ढेर लगाना पड़ रहा है। बारिश के कारण बेचारे किसानों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस मामले में मंडी प्रशासन द्वारा भी कोई कार्यवाही नहीं होने के चलते व्यापारी मनमानी पर उतारू रहते हैं।
फैक्ट फाइल
बारिश- 26.6 मिमी
(प्रात:8.30 से शाम 6.30 तक )
तापमान-
अधिकतम 39.3
न्यूनतम 25.4
(डिग्री सेल्सियस में )