Madhya pradesh jabalpur state bar said action taken on a lawyer advocates should avoid unrestrained posts on internett media: digi desk/BHN/जबलपुर/ मध्य प्रदेश के एक लाख से अधिक वकीलों का पंजीयन करने वाली सर्वोच्च संस्था एमपी स्टेट बार कौंसिल के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने साफ किया है कि जबलपुर सहित राज्य के सभी वकील इंटरनेट मीडिया पर अनर्गन पोस्ट से बचें। विशेषकर न्यायपालिका, न्यायाधीश व स्टेट बार के विरुद्ध इस तरह की टिप्पणी भारी पड़ सकती है। इस सिलसिले में विगत दिनों एक वकील की सनद यानि वकालत का लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है।
विशेष बैठक आहूत करेंगे
वाइस चेयरमैन ने बताया कि स्टेट बार ने बीसीआइ से परामर्श कर ठोस रणनीति बना ली है। ऐसे में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्टेट बार चेयरमैन प्रेम सिंह भदौरिया भोपाल से जबलपुर आकर विशेष बैठक आहूत करेंगे। इस दौरान इस मसले पर विमर्श होगा। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर स्वछंदता अनुचित है।
बोलने व लिखने की आजादी का यह आशय नहीं कि कुछ भी किया जाए
संविधान ने बोलने व लिखने की आजादी दी है, इसका यह आशय नहीं कि कुछ भी किया जाए। ऐसा करने से वकालत जैसे नोबल प्रोफेशन की गरिमा का हनन होता है। यह रवैया वकीलों के बीच अनुशासन को बढ़ावा देता है। कदारण के लिए दंड का प्रविधान है। इसलिए कदाचरण न किया जाए। ऐसा करने से लंबे समय के लिए वकालत करने से वंचित होने का खतरा मंडराने लगता है।