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Conjunctivitis Alert: स्कूलों में अघोषित अवकाश जैसे हालात, हर घर में एक मरीज

Madhya pradesh Conjynctivitis alert in mp school student are infected by eye flu: digi desk/BHN/दतिया/ इन दिनों आंखों का संक्रमण आई फ्लू रोग तेजी से फैल रहा है। हर 10 में से छह मरीज इसी संक्रमण का शिकार होकर अस्पताल में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। घरों से लेकर स्कूल तक संक्रमण का प्रभाव दिखने लगा है। डाक्टर्सं ने लोगों को बचाव के तरीके अपनाने की सलाह दी है।

शहर के प्राथमिक माध्यमिक विद्यालयों सहित हायर सेकंडरी स्तर तक के स्कूलों में आई फ्लू का प्रकोप बढ़ने लगा है। जिसके चलते जहां पीड़ित स्कूली बच्चों का विद्यालय आना रुक गया है, वहीं आई फ्लू के तेज संक्रमण को देखते हुए अधिकांश अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज करने लगे हैं। उनका कहना है कि स्कूल जाने पर बच्चे तो आई फ्लू का शिकार होते ही हैं, साथ ही उनके घर पहुंचने पर यह रोग परिवार के अन्य बड़े सदस्यों को भी चपेट में ले लेता है।

मौखिक आदेश जारी

इधर स्कूलों के लिए भी मौखिक आदेश दिए गए हैं कि यदि कोई छात्र आई फ्लू से पीड़ित पाया जाता है तो उसे घर भिजवाया जाए या उसे काले रंग का चश्मा पहनने को प्रेरित किया जाए। इस मामले में भांडेर बीईओ मनीष सेन ने बताया कि ऐसा फिलहाल स्थानीय स्तर पर इस बीमारी के अन्य में प्रसार होने से रोकने के लिए किया जा रहा है। यदि स्थिति गंभीर होती है तो ऊपर से इस संबंध में लिखित आदेश भी आ सकता है।

बच्चों के साथ स्कूल का स्टाफ भी चपेट में

आई फ्लू की चपेट में बच्चे और युवा ज्यादा आ रहे हैं। कुछ देर के अंदर ही यह संक्रमण आंखों में नजर आने लगता है। स्कूलों में तो स्थिति यह है कि बच्चा सुबह घर से ठीकठाक आता है और दोपहर से पहले ही इस संक्रमण की चपेट में आ जाता है। संक्रमित बच्चों को स्कूल न भेजने की हिदायत भी दी गई है। अब तो कई स्कूलों में बच्चों के साथ वहां का शैक्षणिक स्टाफ भी इसकी चपेट में आने लगा है। स्थानीय मुड़ियन कुआ विद्यालय, ईदगाह स्कूल, चूनगर फाटक स्कूल सहित हाईस्कूल कामद में शिक्षक भी इस रोग की गिरफ्त में आ गए हैं। ऐसे में स्कूली बच्चों के साथ वहां स्टाफ का आना भी अब मुश्किल भरा हो गया है।

बसई में दो सौ से अधिक बच्चे शिकार

बसई क्षेत्र में भी आई फ्लू के कारण स्कूलों के दो सौ से अधिक बच्चे चपेट में आ चुके हैं। कोई घर ऐसा नहीं जहां एक न एक मरीज इससे पीड़ित न हो। माध्यमिक विद्यालय ठकुरपुरा, शासकीय एकीकृत शाला कंधारी, प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय देवगढ़, माध्यमिक जैतपुर सहित अन्य स्कूलों में बच्चों के आई फ्लू से पीड़ित होने के कारण स्कूल आना लगभग बंद सा हो गया है। हाईस्कूल तालगांव के प्राचार्य ओमप्रकाश अग्रवाल और हाईस्कूल सालोन ए निलय खरे के अनुसार आई फ्लू के प्रकोप को देखते हुए एहतियातन उपाय किए गए हैं। जो छात्र आते हैं उन्हें घर पर विश्राम करने को कहा जाता है। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी आई फ्लू ने पांव तेजी से पसारे हैं।

इनका कहना है

इन दिनों मेडीकल कालेज की ओपीडी में आने वाले मरीजों में से अधिकांश आई फ्लू से पीड़ित आ रहे हैं। हर रोज दो सैकड़ा मरीजों को उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है। इस रोग से बचाव के लिए आंखों को संक्रमण से बचाएं। 

डा. मुकेश राजपूत, नेत्र रोग विशेषज्ञ, मेडीकल कालेज दतिया

जिन क्षेत्रों के गांवों में इस रोग का प्रकोप है वहां संक्रमितों के घर-घर आई ड्राप्स भेजने की व्यवस्था की जाएगी। ताकि मरीजों को उपचार मिल सके। इसके लिए वरिष्ठजन को पत्र भी लिखा जा रहा है। 

-डा. बीके उज्जैनिया, बीएमओ, उनाव

आई फ्लू से पीड़ित जो छात्राएं संज्ञान में आ रही हैं तो ऐसे में इसके संक्रमण को अन्य में फैलने से रोकने उन्हें उचित परामर्श के साथ घर वापिस भेजा जा रहा है।

 -सतीश दांतरे, प्रभारी प्राचार्य, कन्या हायर सेकंडरी स्कूल, भांडेर

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