सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ भाजपा कार्यालय में भाजपा पार्षद और MIC सदस्य के साथ हुई मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पार्षद की पिटाई से नाराज व्यापारी वर्ग ने वैश्य महासम्मलेन के बैनर तले गुरुवार को भाजपा कार्यालय का घेराव किया और नारेबाजी के बीच दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सतना बंद की चेतावनी दी है।
वैश्य महासम्मलेन के सदस्य व्यापारियों ने गुरुवार को भरहुत नगर स्थित भाजपा कार्यालय में जमकर हंगामा मचाया। व्यापारी मंगलवार को भाजपा कार्यालय में भाजपा के पार्षद और एमआईसी सदस्य पीके जैन के साथ हुई मारपीट की घटना से नाराज थे। वैश्य महासम्मलेन के बैनर तले भाजपा कार्यालय पहुंचे व्यापारियों ने पार्टी कार्यालय परिसर में नारेबाजी शुरू कर दी और पार्षद पीके जैन के साथ मारपीट करने वाले भाजपाइयों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। रहे हैं। पार्टी के मामले को जबरिया व्यापारियों का मामला बनाकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है जबकि पार्षद पीके जैन ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और अन्य कार्यकर्ताओं के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था।
भाजपा जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी ने नाराज लोगों को समझाइश देने का प्रयास किया लेकिन वे काफी देर तक कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। बाद में उन्होंने जिलाध्यक्ष को एक ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि अगर एक हफ्ते के अंदर पार्षद की पिटाई करने वालों पर एक्शन नहीं लिया गया तो वैश्य महासम्मेलन सतना बंद जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर होगा।
ये है मामला
भाजपा कार्यालय में मंगलवार को पार्टी के सतना पूर्वी मंडल के कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान हंगामा खड़ा हो गया था। सभागार में बैठे पार्षद एवं एमआईसी मेंबर पीके जैन को सभागार से बाहर सीढ़ियों पर बुला कर उन्हें थप्पड़ मार दिए गए। नाराज पीके जैन बैठक छोड़कर चले गए थे। उन्होंने इसकी शिकायत पार्टी कार्यालय मे की थी। इस बीच एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पार्षद पीके जैन यह बता रहे थे कि उनके साथ पूर्व पार्षद पिक्की सिंह और नीरज शुक्ला ने पार्टी कार्यालय के अंदर मारपीट की थी।
यह वीडियो बाहर आते ही भाजपा में खलबली मच गई। शाम को सांसद गणेश सिंह, महापौर योगेश ताम्रकार, जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा और पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को समझाइश देकर समझौता करा दिया। इस समझौते का वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया, जिसमें पीके जैन ने भी मारपीट की घटना से इंकार कर दिया। नीरज शुक्ला भी यही बोलते सुने गए।
वैश्य महासम्मलेन ने की बैठक
मंगलवार को हुए विवाद और समझौते के बाद इस मामले में वैश्य महासम्मलेन ने एंट्री मारी और पार्षद पीके जैन के मामले को लेकर बुधवार को सरस्वती भवन में एक बैठक बुला ली। इस बैठक में व्यापारियों ने घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए भाजपा कार्यालय के घेराव का निर्णय ले लिया। यह मांग की गई कि नीरज शुक्ला और पिक्की को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। नीरज शुक्ला को सांसद सतना अपने प्रतिनिधि के पद से हटाएं और पिक्की की पार्षद पत्नी को स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर पद से मुक्त किया जाए। वैश्य महासम्मलेन के उपाध्यक्ष एवं पार्षद पीके जैन ने भी रोते हुए अपने साथ हुई घटना की जानकारी वहां मौजूद लोगों को दी और बताया कि पार्टी कार्यालय में बैठाकर उनसे दबाव में यह बयान दिलवाया गया कि मारपीट नहीं हुई थी, जो कुछ हुआ वह गलतफहमी का नतीजा था।
चेतावनी
इधर, वैश्य महासम्मलेन के बैनर तले व्यापारियों ने भाजपा कार्यालय घेरा तो उधर पार्षद पीके जैन जिन्हें दोषी ठहरा रहे उस पक्ष ने भी पांच पार्षदों के इस्तीफे की चेतावनी दे दी है।