सतना/भोपाल, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना के तहत हर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में गरीब भाई-बहनों को प्लाट उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना अंतर्गत ऐसे गरीब भाई-बहन, जिनके पास रहने की जगह नहीं है उन्हें निःशुल्क प्लाट उपलब्ध कराए जाएंगे। कहीं-कहीं तो एक-एक मकान में कई कई लोग रहने को विवश हैं, घर पर रहने की जगह तक नहीं है। इस समस्या का कारण यह है कि परिवार का तो विस्तार हुआ पर रहने का स्थान उतना ही रहा। गरीबी के कारण विस्तारित परिवारों के पास प्लाट या भूमि भी नहीं है। परिणामस्वरूप मकान बनाने की योजना का लाभ भी उनको नहीं मिल सकता। योजनान्तर्गत गरीब भाई-बहन, जिनके पास रहने की जगह नहीं है, को निःशुल्क प्लाट उपलब्ध कराया जाएगा। इन प्लाटों पर वे अपना घर बना सकेंगे और अन्य योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजनान्तर्गत हर गरीब व्यक्ति को जमीन का पट्टा पति-पत्नी के नाम पर होगा। उन्हें कोई प्रीमियम नहीं देना होगा, जमीन पूरी तरह से निःशुल्क मिलेगी और भू-खण्ड के साथ बाकी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।
4 लाख की आर्थिक सहायता स्वीकृत
रघुराजनगर अनुभाग के प्राकृतिक आपदा से पीड़ित एक परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। राजस्व विभाग के आरबीसी 6-4 के प्रावधान के अनुसार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रघुराजनगर ने कृपालपुर निवासी छंगेलाल साहू को पत्नी की मृत्यु सर्पदंश से होने पर 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 की स्वीकृति
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनांर्गत प्रसव पर 5 हजार रूपये के साथ द्वितीय प्रसव पर बालिका के जन्म होने पर योजना के पात्र हितग्राही को 6 हजार रूपये दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। “मिशन शक्ति के ’सामर्थ्य’ घटक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 प्रदेश के सभी जिलों में परिवर्तित दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित करने की स्वीकृति भी दी गई है। पूर्व में प्रथम प्रसव वाली पात्र गर्भवती एवं धात्री माता को 5 हजार रूपये दिये जाने का प्रावधान था। मंत्रि-परिषद द्वारा योजना के नवीन दिशा-निर्देशों में स्वीकृति प्रदान की गई है।
राजस्व विभाग की भूमि का नो ड्यूज प्रमाण पत्र लोक सेवा गारंटी में शामिल
राजस्व विभाग की भूमि का नो-ड्यूज प्रमाण-पत्र जारी करने संबंधी सेवा को लोक सेवा गारंटी योजना में शामिल किया गया है। अब किसान एवं आम जनता को एक दिन में भूमि का नो-डयूज प्रमाण-पत्र तहसीलदार द्वारा अनिवार्य रूप से जारी करना होगा। यदि तहसीलदार द्वारा नियत अवधि में भूमि का नो-ड्यूज प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जाता है, तो इसकी प्रथम अपील अनुविभागीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील जिला कलेक्टर को करनी होगी। इसके बाद उन्हें नो-ड्यूज प्रमाण प्राप्त हो सकेगा।