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Satna: कलेक्टर ने कहा- धान के परिवहन की गति बढ़ायें, अब तक 24 हजार एमटी से अधिक की खरीदी


कलेक्टर ने ली खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपार्जन की समीक्षा बैठक


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि इस समय धान की खरीदी का कार्य जिले में द्रुत गति से जारी है। खरीदी अनुपात में धान का परिवहन मात्र 50 प्रतिशत ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि अनुबंधित ट्रांसपोर्टर से ट्रको की संख्या बढ़ाकर परिवहन की गति बढ़ायें। विलंब परिवहन पर नोटिस जारी कर पेनाल्टी भी लगायें। गुरुवार को धान उपार्जन, सहकारिता, खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने यह निर्देश दिये हैं। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, उप संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी, जिला प्रबंधक नान दिलीप सक्सेना, महाप्रबंधक सहकारी बैंक एससी गुप्ता, प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी केएस भदौरिया, जिला परियोजना प्रबंधक एनआरएलएम अंजुला झा सहित कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि महिला समूहों के सशक्तिकरण के लिए उन्हें धान खरीदी का कार्य दिया गया है। लेकिन किसी स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित खरीदी केंद्र में आवंटित समूह की महिला सदस्य उपस्थित रहकर कार्य दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन के जिला अधिकारी और जिला पंचायत की गठित समिति से ऐसे समूहों के खरीदी केंद्रों को नोटिस जारी कर महिला सदस्यों के समूह की सहभागिता सुनिश्चित कराएं। कलेक्टर ने कहा कि स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित खरीदी केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए जिला पंचायत की तरह विकासखंड स्तर पर भी कमेटियां बनायें। धान खरीदी की राशि के भुगतान के समय हितग्राही किसान से सहकारी समिति या बैंक के ऋण की राशि भी काटकर स्व-सहायता समूह सहकारी बैंक में जमा कराएं। सतना जिले में कुल धान खरीदी केंद्रों के लगभग 50 प्रतिशत अर्थात 72 खरीदी केंद्र महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। इनकी प्रॉपर मॉनिटरिंग की जाए।
कलेक्टर ने कहा कि नान के अधिकारी ट्रांसपोर्टर पर सख्ती करें और ट्रकों की संख्या बढ़ाएं, ताकि धान खरीदी केंद्रों पर संग्रहित धान का गोदामों में भंडारीकरण किया जा सके और जगह खाली होने पर धान की खरीदी सुगमतापूर्वक चल सके। स्व-सहायता समूह भी परिवहन कार्य में नागरिक आपूर्ति निगम से समन्वय कर परिवहन का कार्य कर सकते हैं।
जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम दिलीप सक्सेना ने बताया कि अब तक जिले में पंजीकृत किसानों से 2 लाख 44 हजार 128 एमटी धान की खरीदी की गई है। जिसमें 1 लाख 34 हजार 417 एमटी धान का परिवहन हुआ है। स्वीकृत मात्रा 1 लाख 4 हजार 655 एमटी है। कलेक्टर ने कहा कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति, सहकारिता के अधिकारी सभी फील्ड में रहे और धान खरीदी केंद्रों का सतत निरीक्षण करें। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन रात्रि 8 बजे कलेक्टर धान खरीदी केन्द्रवार धान खरीदी और परिवहन की स्थिति की समीक्षा बैठक लेंगे। उन्होंने प्रतिदिन धान खरीदी केंद्रवार गोदाम स्तरीय और फील्ड स्तरीय प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

मिलर्स द्वारा उठाव में सतना जिला प्रथम

धान उपार्जन वर्ष 2022-23 में इस बार धान खरीदी केंद्रों से खरीदी हुई धान का परिवहन तीन तरीकों से किया जा रहा है। गोदाम स्तरीय धान खरीदी केंद्रों में सीधे गोदाम में भंडारण, दूसरा मैपिंग के हिसाब से परिवहनकर्ता द्वारा परिवहन कर निर्धारित गोदाम में भंडारण और तीसरा मिलर्स द्वारा धान खरीदी केंद्रों से सीधा उठाव कर मिलिंग के लिए परिवहन। मिलर्स द्वारा अब तक सतना जिले में 14 हजार 358 एमटी धान खरीदी केंद्रों से उठाकर प्रदेश में पहला स्थान बनाया है। मंडला जिला 9221 एमटी धान उठाकर दूसरे स्थान पर है। सतना जिले में कुल 45 मिलर्स ने 47 हजार 240 एमटी धान उठाव का अनुबंध नान से किया है। अब तक 17 हजार 190 एमटी धान के उठाव के डिलीवरी ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं।

मिलर्स द्वारा धान उठाव की प्रक्रिया

नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक दिलीप सक्सेना ने बताया कि मिलर्स द्वारा धान के उठाव की प्रक्रिया निर्धारित है। इसके अनुसार मिलर्स द्वारा नान से अनुबंध करने के पश्चात मिलर्स को खरीदी केंद्रों से मैप किया जाता है और उन्हें अनुबंध मात्रा के अनुसार डिलीवरी ऑर्डर नान द्वारा जारी करते हैं। इसके बाद मिलर्स इन दस्तावेजों के आधार पर खरीदी केंद्र में जाकर 433 क्विंटल धान का एक लाट अपने भार वाहन में लोड करता है। मिलर्स द्वारा भरे हुए वाहन की फोटो-वीडियो खींच कर अपने मोबाइल एप में अपलोड करेगा। तभी उपार्जन केंद्र की लॉगिन में टीसी जनरेट होगी। इसके बाद खरीदी केंद्र की लॉगिन से ट्रांसपोर्ट चालान जारी किया जाएगा।

मोबाइल सीडिंग और हितग्राही सत्यापन में कमजोर प्रगति पर नोटिस

खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर अनुराग वर्मा ने नियमित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के राशन उठाव और वितरण की जानकारी ली। उन्होंने हितग्राही सत्यापन के ई-केवाईसी और मोबाइल सीडिंग कार्य में कमजोर प्रगति पर सभी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए।

प्राकृतिक खेती के लिये 1520 किसान प्रशिक्षित, इस साल 460 हेक्टेयर में रबी की खेती

कलेक्टर ने की कृषि आदानो की समीक्षा

सतना जिले में इस रबी मौसम में 460 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जा रही है। इसके लिए विभिन्न विकासखंडों के 1180 किसानों का चयन किया गया है। जिले में प्राकृतिक खेती के लिए 1520 किसानों को प्रशिक्षित किया गया है। इस आशय की जानकारी सुशासन सप्ताह के दौरान कलेक्टर अनुराग वर्मा द्वारा ली गई कृषि आदानों की समीक्षा बैठक में दी गई। इस मौके पर उप संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी, उप संचालक उद्यानिकी एनएस कुशवाह, सहायक संचालक मत्स्य अनिल श्रीवास्तव सहित पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि आदानों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने कहा कि संबंधित क्षेत्र के कृषि विभाग के मैदानी अधिकारी प्राकृतिक खेती के लिए चयनित किसानों से संपर्क रखते हुए कृषि कार्य की निरंतर मॉनिटरिंग करें। किसानों को बीज, उर्वरता और कीट नियंत्रण के संबंध में समय-समय पर मार्गदर्शन देते रहें। उन्होंने कहा कि जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। अब किसानों के बीच यूरिया की डिमांड बढ़ेगी। यूरिया खाद के वितरण और उपलब्धता पर सतत निगरानी बनाए रखें।
कलेक्टर ने उर्वरक गुण नियंत्रण, बीज गुण नियंत्रण, कीटनाशक गुण नियंत्रण की समीक्षा में कहा कि सभी एसएडीओ सैंपल के टारगेट पूर्ण करें और जांच रिपोर्ट के अनुसार विरुद्ध कार्यवाही भी सुनिश्चित कराएं। कृषि अधिकारी धान उपार्जन केंद्रों में भी भ्रमण कर व्यवस्थाओं में मदद करें।
उप संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी ने बताया कि जिले में रबी मौसम के 372 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों का क्षेत्राच्छादन का लक्ष्य निर्धारित रहा है। जिसमें 95 प्रतिशत अर्थात 353 हजार हेक्टेयर क्षेत्राच्छादन कर लिया गया है। रबी फसलों के लिए 99 हजार 613 क्विंटल बीज वितरण किया गया। जिसमें 2237 क्विंटल विभागीय योजनाएं शामिल है।
उर्वरक नियंत्रण में लक्ष्य 160 के विरुद्ध 180 सैंपल लिए गए। जिनमें प्राप्त 137 परिणामों में 17 अमानक स्तर के पाये गये। बीज गुण नियंत्रण के लक्ष्य 171 के विरुद्ध 170 की पूर्ति की गई। प्राप्त 131 परिणामों में 11 अमानक पाए गए हैं। कलेक्टर ने अमानक श्रेणी के आदानों में कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उप संचालक उद्यानिकी ने बताया कि फल विस्तार क्षेत्र में 10 हेक्टेयर में गतिविधि ली गई है। प्रधानमंत्री लघु, सूक्ष्म प्रसंस्करण उद्यम योजना में 116 प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं।
मत्स्य पालन विभाग में बताया गया कि जिले में 1717 तालाबों में मत्स्य पालन किया जा रहा है। स्टे फ्राई मत्स्य बीज संचयन के 656 लाख के लक्ष्य में 645 लाख स्टे फ्राई की पूर्ति की गई है। मत्स्य उत्पादन जिले में 16420 मीट्रिक टन के विरुद्ध 11314 मीट्रिक टन की पूर्ति की गई है। मछुआ किसान क्रेडिट कार्ड में 1900 के लक्ष्य के विरुद्ध 1553 प्रकरण स्वीकृत हुए हैं।
पशुपालन विभाग द्वारा बताया गया कि सतना जिले में 12 लाख 54 हजार 154 कुल पशु-पक्षी हैं। पशुओं के मामले में सागर के बाद सतना प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। इनमें गोवंशीय पशु 46.2 प्रतिशत, भैंस वंशीय 19.7 प्रतिशत और पक्षी 2.5 प्रतिशत हैं। बताया गया कि मझगवां में बगदरा घाटी, रामपुर बघेलान और रामनगर में 3 स्थानों पर गौ-अभ्यारण के प्रस्ताव भेजे गए हैं। कलेक्टर ने इचौल के पास भी नहर किनारे के स्थान का परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

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