Cholesterol new research on cholesterol new system will reveal this state of the brain: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ मस्तिष्क एक जटिल अंग है। कोलेस्ट्राल व मेटाबोलाइट््स इसकी कार्य प्रणाली को आधार प्रदान करते हैं। मेटाबोलाइट््स उपापचय के आवश्यक तत्व होते हैं। अनियंत्रित कोलेस्ट्राल उपापचय के कारण कई प्रकार की न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियां होती हैं, जिनमें अल्जाइमर, पार्किंसंस, हंटिगटन, मल्टीपल स्केलेरोसिस व मोटर न्यूरान आदि शामिल हैं।
मस्तिष्क कोशिकाओं में मौजूद कोलेस्ट्राल की निगरानी के लिए शोधकर्ताओं ने एक नई प्रणाली का विकास किया है। यह न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के इलाज का नया मार्ग प्रशस्त कर सकती है। अध्ययन निष्कर्ष अमेरिकी पत्रिका प्रोसीडिग्स आफ द नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ है। इसमें मस्तिष्क में कोलेस्ट्राल की मौजूदगी के प्रमुख स्थानों और उसे अणुओं में परिवर्तित होने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है।
इन बीमारियों में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं या नष्ट हो जाती हैं। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए उन्नत मास स्पेक्ट्रोमीटरी इमेजिग प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया। इस प्रणाली के जरिये वे न सिर्फ कोलेस्ट्राल, बल्कि जैविक रूप से सक्रिय मेटाबोलाइट््स की निगरानी में भी सफल रहे।
ब्रिटेन स्थित स्वानसी यूनिवर्सिटी से जुड़े अध्ययन के सह-नेतृत्वकर्ता प्रोफेसर विलियम ग्रिफिथ्स के अनुसार, “”हालांकि, हमने चूहों पर अध्ययन किया है, लेकिन शोध प्रयोगशाला या क्लीनिक में इस प्रणाली का इस्तेमाल मनुष्यों पर भी किया जा सकता है। इसे न्यूरो सर्जरी से जोड़े जाने पर क्रांतिकारी परिणाम आ सकते हैं।”