crime: अनूपपुर/  जिला मुख्यालय स्थित कनिष्ठ यंत्री विद्युत वितरण केंद्र कार्यालय परिसर पर बिजली बिल जमा करने वाली एटीपी मशीन से 14 लाख 23 हजार 441 रुपये की चोरी हो गई। कोतवाली पुलिस ने कनिष्ठ यंत्री विद्युत वितरण केंद्र की शिकायत पर मामले में ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ करते हुए जांच शुरू कर दी है। मामला शनिवार की रात 8 से 12 बजे के बीच का है। मामले पर पुलिस ने वितरण केन्द्र के कनिष्ठ यंत्री कार्यालय पहुंचकर अन्य विभागीय कर्मचारियों को बुलाकर मौका पंचनामा बनाया तथा एटीपी संचालक को जानकारी दी।

मामला

चचाई रोड स्थित विद्युत विभाग कार्यालय में शनिवार की रात अज्ञात चोरों ने एटीपी मशीन में रखे लगभग 14 लाख रुपये लेकर चंपत हो गये जिसकी जानकारी रात्रि 12 बजे की पाली मे आये लाईन कर्मचारी के ड्यूटी के दौरान जांच पड़ताल में मालुम हुआ। मशीन के कमरे की कुंडी टूटने की जानकारी मिलते ही लाईन कर्मचारी ने तत्काल अन्य कर्मचारियों को जानकारी दी और इसके बाद कनिष्ठ अभियंता को चोरी की सूचना दी गई। सूचना मिलते ही कनिष्ठ यंत्री अरविंद पहाड़े तत्काल कार्यालय पहुंचकर अन्य कर्मचारियों के समक्ष मौका मुआयना पश्चात पंचनामा बनाकर रविवार को कोतवाली अनूपपुर मे सूचना दी। रविवार की मशीन के चेस्ट में 14 लाख से ज्यादा की राशि जो शुक्रवार और शनिवार 2 दिन विद्युत बिल संग्रहण की राशि थी वह चोरी हो गई। रविवार को सूचना मिलते ही पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना करने पर पाया कि मशीन के चेस्ट मे रखे लगभग 14 लाख चोरी हो चुके हैं। पुलिस द्वारा शनिवार रात रात 8 बजे से 12 बजे तक जो भी कर्मचारी वहां नियुक्त थे उनसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही रात 8 बजे जिस ऑपरेटर ने मशीन को छोड़ा उसके साथ भी पूछताछ की जा रही है।

पुलिस एवं विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी चकित हैं कि 3 घंटे के अंतराल में मशीन से लाखों रुपये वह भी 3 कर्मचारियों के कार्यालय परिसर में रहने के दौरान ही कैसे चोरी हो गए। माना जा रहा है कि विभाग के ही किसी कर्मचारी का इस पूरे मामले में हाथ हैं जिसे मशीन में रुपये होने और रुपये कैसे बाहर निकालना है पूरी जानकारी थी। बताया गया जिला मुख्यालय के पटौरा टोला स्थित कनिष्ठ यंत्री कार्यालय मे फ्लूयेंट ग्रिड लिमिटेड कंपनी विशाखापटनम की एटीपी मशीन संचालित है जिसमें विद्युत उपभोक्ताओं के बिल जमा किये जाते थे जिसे मनीश सिंह परिहार निवासी धनपुरी एवं एक अन्य ऑपरेटर संचालित करते थे। जिनके बताए अनुसार मनीश सिंह शुक्रवार एवं शनिवार की एकत्रित की गई बिल की राशि लगभग 14 लाख रुपये एटीपी में ही बने लॉकर मे रखकर रात करीब 8 बजे अपने घर चला गया। जिसके बाद रात लगभग 9 से 12 बजे के बीच रखे मशीन के कमरे की कुंडी तोड़कर मशीन से अज्ञात चोरों ने 14 लाख 23 हजार 441 रुपये पार कर दिए। घटना के दौरान काल सेंटर ड्यूटी मे उपस्थित अजीत कोरी कार्यालय मे उपस्थित नहीं था। रात्रि 12 से 8 बजे की पाली मे ड्यूटी मे पहुंचे ऊदल प्रसाद राठौर ने कुंडी टूटा हुआ देखा तो उसने ड्यूटी मे उपस्थित सुरेंद्र तिवारी को दिखाया जिसके बाद इसकी जानकारी कनिष्ठ यंत्री अरविंद पहाडे को दी गई जो तत्काल कार्यालय पहुंचकर अन्य विभागीय कर्मचारियों को फोन के माध्यम से कार्यालय मे बुलाकर पंचनामा बनाया गया। इस बीच संचालक मनीष सिंह को कई बार फोन किया गया लेकिन उनके फोन न उठाने के कारण यह पता नहीं चल पाया कि मशीन के अंदर पैसा है अथवा नहीं है और यदि पैसा है भी तो कितनी राशि है। जिस कारण रात में पुलिस को सूचना नहीं दी जा सकी। सुबह मनीष सिंह के कार्यालय मे पहुंचकर जानकारी देने पर पता चला कि 14,23,441 रुपये लाकर मे उसके द्वारा रखा गया था।
 मशीन संचालक के जानकारी देने के बाद विभाग के कार्यपालन अभियंता बृजेष द्विवेदी के साथ कनिष्ठ अभियंता अरविंद पहाड़े कोतवाली अनूपपुर पहुंचकर पुलिस के समक्ष अग्रिम कार्यवाही हेतु लिखित जानकारी दी। रविवार को विद्युत विभाग के कनिष्ठ यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण अभियंता सीपी सिंह समेत अन्य कर्मचारियों के समक्ष पुलिस ने एटीपी के कमरे का दरवाजा खोलकर जांच पड़ताल की तो पाया कि लॉकर में रखे 14 लाख रुपये नहीं हैं। जिसके बाद पुलिस मशीन संचालक मनीष सिंह तथा एक अन्य ऑपरेटर, आउटसोर्स कर्मचारी अजीत कोरी, रज्जन कहार समेत 4 से 12 व 12 से 8 बजे की ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को थाने ले जाकर पूंछताछ की।
सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे 

जहां यह घटना हुई वहां सीसीटीवी कैमरे कार्यालय परिसर में ना होना भी विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। हालांकि पुलिस कार्यालय के बाहर तिराहे पर लगे कैमरे की मदद ले रही है ताकि चोरी करने वाले व्यक्ति की पहचान हो सके। बताया गया लॉकर में कहीं भी कोई तोड़फोड़ के निशान नहीं हैं। संभावना जताई जा रही है कि मशीन से रुपये निकालने हेतु पिन इंसूलेटर का इस्तेमाल किया गया हो अर्थात प्रथम दृष्टया देखने से ऐसा लगता है कि लॉकर को तोड़ा नहीं चाबी से खोला गया है।