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धर्मांतरण के लिए ‘रिवर्ट कोड’ का इस्तेमाल, आगरा गैंग पर लड़कियों को फंसाने का आरोप

आगरा
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा गैंग के बाद आगरा में भी अवैध धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश होने से हड़कंप मच गया है। पुलिस ने इस गैंग के दस लोगों को अरेस्‍ट कर पूछताछ किया। इसमें कई नई बातें पता चली हैं। गैंग के सदस्‍यों ने धर्मांतरण के लिए एक कोड वर्ड रिवर्ट बना रखा था। इसका अर्थ घर वापसी बताया गया है। गिरोह लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के बाद उनको सोशल मीडिया पर 'रिवर्ट' के तौर पर दिखाते थे। पुलिस और एटीएस की पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं, जिनमें गिरोह के तौर-तरीकों और पीड़ितों को फंसाने के जाल का पता चला है।

पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि गिरोह केवल अडल्‍ट युवतियों को फंसाता था ताकि उन्हें ले जाने में कोई अड़चन न आए। वह कोर्ट में भी खुद को बालिग दर्शा सकती हैं। गिरोह में शामिल छह हिंदू आरोपियों ने धर्म परिवर्तन के बाद अपने नाम भी बदल लिए। एसबी कृष्णा ने आयशा, रूपेंद्र बघेल ने अबु रहमान, मनोज ने मुस्तफा, शेखर रॉय ने अली हसन और पियूष सिंह पंवार ने मोहम्मद अली नाम रखा है। ये गिरोह लोगों को प्रलोभन देकर अपने जाल में फंसाता था। धर्मांतरण होने के बाद खुद को सोशल मीडिया पर रिवर्ट दिखाते थे। रिवर्ट नाम से कई लोगों की आईडी है।

लड़कियों का वापस घर लौटना हो जाता था मुश्किल
पुलिस पूछताछ में पता चला कि धर्मांतरण कराने के बाद लड़कियों का वापस घर जा पाना मुश्किल हो जाता था। जिन लोगों का धर्मांतरण कराया जाता है, उनके बारे में पहले न्‍यूजपेपर में विज्ञापन दिया जाता है। इसके बाद कोर्ट में अर्जी लगाकर कागजात तैयार करा लिए जाते हैं। एक बार कागजात बनने और निकाह होने के बाद लड़कियों का वापस घर जा पाना मुश्किल हो जाता है।

दस आरोपियों में छह हिंदू, सबने बदल लिए नाम
पुलिस ने दस लोगों को पकड़ा है। उन्हें दस दिन की रिमांड पर लिया गया है। आरोपियों में से छह हिंदू हैं। गिरोह ने इन लोगों को भी जाल में फंसाया था। कोलकाता में वोटर आईडी और आधार कार्ड बनाए जाने के बाद वोट डालने का भी अधिकार मिल जाता था। गिरोह कोलकाता को धर्मांतरण में आने वालों के लिए सेफ जोन बताता था।

मेरा बेटा निर्दोष, वह मजदूरी करता है: अबू तालिब की मां
आपको बता दें कि डीजीपी राजीव कृष्ण ने लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगरा के धर्मांतरण गिरोह का खुलासा किया था।गिरफ्तार आरोपियों में अबू तालिब भी शामिल है। तालिब के परिवार ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया है कि वह निर्दोष है और उसका धर्मांतरण नेटवर्क से कोई संबंध नहीं है। मां जायदा ने कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है। वह दर्जी का काम करता है और मजदूरी करके परिवार का खर्च चलाता है। हम किराए के मकान में रहते हैं। उसके दो भाई और एक बहन हैं, तालिब सबसे छोटा है। उसका बड़ा भाई अलग काम करता है, मिठाइयां बनाता है।

'पुलिसवालों ने हमारा सुकून छीन लिया'
मां ने कहा कि पुलिसकर्मी हमारे घर में जबरन घुसकर तालिब को ले गए। उन्होंने उसका मोबाइल फोन छीन लिया। वह अपनी बहन को अस्पताल छोड़ने वाला था, जहां वह काम करती है। वह अभी ठीक से बाहर भी नहीं निकला था कि पुलिस उसे उठा ले गई। पहले पुलिस ने कहा था कि उन्हें सिर्फ कुछ जानकारी चाहिए। जायदा ने रोते हुए कहा कि कुछ पुलिसवाले वर्दी में थे, जबकि कुछ सादे कपड़ों में। उन्होंने हमारा सुकून छीन लिया। तालिब अपनी बहन की शादी की तैयारियों में व्यस्त था। अब सब बर्बाद हो गया।

 

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