छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ अवैध खनन माफिया के खाेदे गड्डे आमजन के लिए वर्षा के माैसम में माैत के गड्डे बन गए हैं। छतरपुर में ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां अवैध खनन के लिए खाेदे गए गड्डे में वर्षा का पानी भरने के कारण वह तलैया में परिवर्तित हाे गया था। स्कूल से घर लाैटे छठवीं और आठवीं के छात्र खेलते-खेलते अचानक इस गड्डे में जा गिरे, जिससे उनकी माैत हाे गई। घटना की सूचना मिलते ही पूरे गांव में हडकंप मच गया। घटना ओरछा राेड थाना क्षेत्र के नारायणपुरा गांव के पास टुरिया राेड की है। मामले की जानकारी लगते ही पुलिस भी माैके पर पहुंच गई और गाेताखाेराें की मदद से शवाें काे बाहर निकाला गया।
नारायणपुरा के खेतों में बने मकान में 14 वर्षीय करन पुत्र मूलचंद्र अहिरवार और 13 वर्षीय प्रियांशु पुत्र राजेश कुमार पाल के घर पास-पास हैं। करन सरस्वती शिशु मंदिर नटपुरवा में कक्षा आठवीं में पढ़ता था और प्रियांशु नारायणपुरा के सरकारी मीडिल स्कूल में कक्षा 6वीं का छात्र था। दोनों छात्र शनिवार शाम को करीब पांच बजे स्कूल और कोचिंग से पढ़कर घर आ गए थे। घर आकर दोनों ही छात्रों ने भोजन किया। खाना-खाने के बाद दोनों छात्र घर के आसपास खेतों में पड़ोस के बच्चों के साथ खेल रहे थे। शाम सवा छह बजे तक दोनों बच्चों को खेलते हुए देखा गया। अंधेरा गहराया तो करन और प्रियांशु घर नहीं लौटे। ऐसे में स्वजन ने दोनों की तलाश शुरू की। दोनों के घर पास पास थे। ऐसे में एक साथ दोनों के लापता होने से गांव के लोगों ने भी तलाश करना शुरू किया। रात करीब नौ बजे स्वजन को मालूम चला कि गांव से बाहर टुरिया रोड पर अवैध उत्खनन के गड्ढे में बारिश का पानी भरने से बनी तलैया में दो बच्चों के शव उतरा रहे हैं। तलैया के पास पहुंचे तो करन और प्रियांशु के शव तलैया में उतरा रहे थे। ओरछा रोड थाना पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने रात में ही दोनों बच्चों के शव निकलवाकर पीएम के लिए जिला अस्पताल के डेड हाउस भिजवा दिए हैं।
मासूमाें की मौत से नारायणपुरा गांव में मातम
रात में एक साथ पास-पास रहने वाले दो बच्चों की मौत से पूरे नारायणपुरा गांव के लोगों को गमगीन कर दिया है। घर के पास बैठे करन के चाचा कालीचरण अहिरवार बताते हैं कि वह कभी तलैया के पास तक नहीं गया। शनिवार को बच्चे कैसे तलैया तक पहुंच गए, इसकी जांच जरूर होना चाहिए। करन की मां मां मुनिया देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार में मां, पिता के अलावा छोटी बहन मानसी और छोटा भाई शनि है।
बेटे को दिखाने की जिद करती रही मां
राजेश कुमार पाल का घर नारायणपुरा में मूलचंद्र अहिरवार के घर के पास है। हादसे के बाद राजेश का परिवार नारायणपुरा में ही कुछ दूरी पर रहने वाले बहनोई के घर चला गया। यहां घर के बाहर प्रियांशु को याद कर उसकी मां बेसुध हो रही थीं। उनकी आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। वे प्रियांशु को दिखाने की जिद कर रही थीं। परिवार में मां-पिता के अलावा बहन रचना, रक्षा और छोटा भाई अंशुल पाल है।
दोनों बच्चों के पिता राज मिस्त्री, बेहद गरीब
प्रियांशु और करन दोनों के ही पिता राज मिस्त्री (मकान बनाने के कारीगर) हैं। दोनों ही बेहद गरीब हैं। राजेश पाल के घर तो छप्पर तना है। घर के नाम पर महज एक कमरे में पूरा परिवार गुजर-बसर कर रहा है। ऐसा ही हाल मूलचंद्र अहिरवार का है। रात में हादसा होने के बाद रविवार को सुबह तक यहां प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा। नईदुनिया रिपोर्टर को मौके पर छतरपुर बीआरसीसी शिवनारायण पटेल, मीडिल स्कूल नारायणपुरा के प्रधानाध्यापक शत्रुध्न सिंह, जनशिक्षक भरत यादव दोनों बच्चों के आसपास रहने वालों से पंचनामा बनवाते मिले, ताकि वे रिकार्ड में यह स्पष्ट कर सकें कि दोनों बच्चों की मौत स्कूल से घर आने के बाद डूबकर हुई है।
हादसे के बाद रात में जागा प्रशासन, अलर्ट जारी
शनिवार रात करीब नौ बजे पुलिस और प्रशासन को अवैध उत्खनन से बनी तलैया में दो बच्चों के डूबने की खबर मिल गई। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। रात में करीब साढ़े दस बजे प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया। जिले के लोगों से वर्षा के मौसम को ध्यान में रखते हुए अवैध उत्खनन से हुए गड्ढों में भरे पानी से दूर रहने, ताल, तालाब और तलैया से दूर रहने के लिए कहा गया। यहां बता दें, बीती 29 जून को नारायणपुरा गांव में ही पठापुरा रोड के पास खुले बोरवैल में मासूम गिर गया था, जिसे काफी मशक्कत के बाद बचाया गया था।