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Health Research: गर्भाशय व पैंक्रियाज सहित 13 प्रकार के कैंसर के लिए मोटापा जिम्मेदार, शोध में खुलासा

Obesity is responsible for 13 types of cancer including uterus liver and pancreas research revealed: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ यदि आप मोटोपे का शिकार हैं तो संभल जाइये क्‍योंकि यह मोटापा भविष्‍य में आपके लिए जी का जंजाल बन सकता है। एक नए शोध में यह चेताया गया है। इस घातक बीमारी पर अनुसंधान करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने 13 प्रकार के कैंसर के लिए मोटापे को जिम्मेदार बताया है। इनमें गर्भाशय, लिवर व पैंक्रियाज आदि के कैंसर शामिल हैं। अध्‍ययन में बताया गया है कि मोटे लोग सर्जरी के जरिये शरीर का वजन 20-40 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। इससे 10 वर्षों से ज्यादा समय तक वजन नियंत्रित रहेगा। अध्ययन परिणाम बताते हैं कि वजन जितना कम होगा, कैंसर का खतरा भी उतना ही कम रहेगा।

बैरिएट्रिक सर्जरी से घटता है मौत का खतरा

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि बैरिएट्रिक सर्जरी के जरिये वजन कम करने वालों में कैंसर और इससे होने वाली मौत का खतरा कम हो जाता है। जेएएमए नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध निष्कर्ष में दावा किया गया है कि मोटापाग्रस्त लोगों की तुलना में बैरिएट्रिक सर्जरी कराने वालों को कैंसर का खतरा 32 प्रतिशत कम होता है। सर्जरी कराने वालों में कैंसर से मौत का खतरा भी 48 प्रतिशत कम हो जाता है।

क्‍या है यह सर्जरी, कैसे की जाती है

बेरिएट्रिक सर्जरी (या वजन घटाने की सर्जरी) में मोटापे से ग्रस्त लोगों पर की जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल हैं। देखभाल प्रक्रियाओं के मानक के माध्यम से दीर्घकालिक वजन घटाने (रॉक्स एन-वाई बाईपास, स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी, और डुओडेनल स्विच के साथ बिलिओपेंक्रिएटिक डायवर्सन) बड़े पैमाने पर भूख और तृप्ति के लिए जिम्मेदार आंत हार्मोन के स्तर को बदलकर प्राप्त किया जाता है, जिससे एक नया हार्मोनल वजन सेट बिंदु होता है। इन प्रक्रियाओं में बैरिएट्रिक सर्जरी एक हार्मोनल सर्जरी है, जिसके लिए आंत हार्मोन में परिवर्तन विकसित होता है।

ऐसे किया गया अध्‍ययन

अध्ययन के प्रमुख लेखक व क्लेवलैंड क्लीनिक के बैरिएट्रिक एवं मेटाबोलिक इंस्टीट्यूट के निदेशक अली अमीनियन के अनुसार, अध्ययन में क्लेवलैंड क्लीनिक के 30 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। बैरिएट्रिक सर्जरी करा चुके 5,053 वयस्कों के एक समूह की मोटापाग्रस्त 25,265 लोगों के समूह से तुलना की गई। 10 साल बाद पाया गया कि सर्जरी कराने वाले समूह के 2.9 प्रतिशत व मोटापाग्रस्त लोगों के समूह के 4.9 प्रतिशत लोगों में कैंसर का विकास हुआ।

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