सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के वन क्षेत्रों में शिकारियों द्वारा फैलाए जा रहे करंट के तारों में फंसकर कई वन्य प्राणी अपनी जान गवां चुके हैं। बीते वर्ष बाघ व तेंदुआ के शिकार के चार माह बाद एक बार फिर एक तेंदुआ की मौत शिकारियों द्वारा बिछाए गए करंट के तार में फंसकर हुई है। यह घटना इस वर्ष की पहली शिकार की घटना है जहां जिले के सतना वनमंडल के उप वनमंडल मझगवां अंतर्गत बिरसिंहपुर कस्बे से सटे हुए पगारकला के चकरा नाला के पास एक वयस्क तेंदुआ का शिकार हुआ है। शिकारी तेंदुआ का शव देख नहीं सके और उसके अंग व शव नहीं ले जा पाए, जिसके कारण वन विभाग को शव सुरक्षित मिल गया।
चकरा नाला के पास आज सुबह नरेंद्र पाठक नाम के व्यक्ति के खेत में पड़ा मिला। खेत के पास ही एक पानी का स्रोत (जलकुंड) है और आस-पास लकड़ी के खूंटे और करंट वाले जीआइ तार बिछे मिले हैं, जिसमें फंसकर करंट लगने से ही तेंदुआ की मौत होना बताया जा रहा है। वहीं नरेंद्र पाठक के खेत में जैसे ही तेंदुआ के शव की मिलने की खबर आस-पास फैली तो हड़कंप मच गया और लोग शव देखने पहुंचने लगे, जिसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई और मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने शव की जांच की जिसमें तेंदुआ के शव के अंग सही सलामत मिले। परीक्षण के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुआ के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
साल का पहला शिकार
जिले के उप वनमंडलाधिकारी डा. लाल सुधाकर राव के अनुसार संभवतः यह शिकार की घटना बताई गई है। उन्होंने बताया कि चित्रकूट के अधिकारियों द्वारा शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। प्रथमदृष्टया करंट से तेंदुआ की मौत हुई है। अगर ऐसा हुआ है तो यह इस साल जनवरी से अब तक पहली शिकार की घटना है।
जानकारी अनुसार सतना में बीते वर्ष एक नवंबर 2021 को सिंहपुर रेंज अंतर्गत अमदरी बीट में हीरा नाम के बाघ का शिकार करंट लगाकर किया गया था। जिसके बाद पन्ना टाइगर रिजर्व की विख्यात बाघों की जोड़ी हीरा और पन्ना की जोड़ी हमेशा के लिए टूट गई थी। इसके साथ ही बीते वर्ष 9 दिसंबर 2021 को भी चित्रकूट के अनुसूइया के जंगलों में एक तेंदुआ का शव मिला था जिसे चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के छात्रों ने खोजा था। इस घटना के बाद सतना जिले वन्यप्राणियों के लिए कब्रगाह बना हुआ है।
तेंदुआ में मिले चोट के निशान
नरेंद्र पाठक के खेत में मिले वयस्क तेंदुआ के शव में चोट के निशान मिले हैं। संभावना जताई जा रही है कि पास में ही बने जलकुंड में तेंदुआ पानी पीने के लिए आया होगा तभी वहां पर फैले जीआइ तार जिसमें बिजली का करंट था उसमें उलझकर उसकी मौत हो गई। ऐसा जानबूझकर शिकारियों द्वारा किया गया है ताकि जंगली जानवर पानी पीने के लिए पहुंचे तो उसका शिकार करंट लगाकर किया जा सके लेकिन शिकारियों को शव मिलता उसके पहले ही घटना की जानकारी सभी को लग गई। इस घटना की जांच वन विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है और शिकारियों का पता लगाया जा रहा है।