Rangpanchami Mahakal Temple 2022: digi desk/BHN/उज्जैन/ महाकाल मंदिर में सुबह से ही रंगपंचमी का उल्लास दिखाई दिया। पंडे, पुजारी और श्रद्धालु रंगों से सराबोर दिखे। गर्भगृह से नंदी हॉल तक केसरिया रंग उड़ाया गया। सबसे पहले भगवान महाकाल को टेसू से बना रंग लगाया। भस्मारती के दौरान श्रद्धालुओं पर रंग फेंका गया। रंगपंचमी के लिए सोमवार को ही पुजारियों ने तीन क्विंटल टेसू के फूलों से प्राकृतिक रंग बना लिया था।
महाकाल के आंगन में होली उत्सव के बाद शहरवासियों ने रंग पर्व की शुरुआत की। यहां रंग तरंग की मस्ती में युवा रंग व गुलाल से होली खेलते नजर आए। शहर के हर मोहल्ले में लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर रंगपंचमी का पर्व मना रहे थे। कोरोनाकाल के दो साल बाद इस बार रंगपंचमी पर लोगों का उत्साह देखने लायक था ।
Gwalior रंग और गुलाल से भरकर झोली अचलनाथ ने जमकर खेली होली
ग्वालियर, बाबा अचलनाथ रंगपंचमी के उपलक्ष्य में मंगलवार को नए स्वरूप में होली खेलने निकले तो शहरवासियों ने उन पर जमकर गुलाल बरसाया। बैंड-बाजे और ढोल पार्टी के साथ शहर के विभिन्न मार्गों से जब बाबा अचलनाथ का चल समारोह निकला तो गली, मोहल्ले, अबीर-गुलाल और फूलों से सराबोर हो गए।
चल समारोह अचलेश्वर मंदिर से दोपहर 12 बजे प्रारंभ हुआ जिसमें सबसे आगे धर्म ध्वजा लेकर युवा चल रहे थे। जबकि आखिरी में बाबा अचलनाथ की फूलो से सजी पालकी थी जिसे शिवभक्त अपने कंधों पर उठाकर चल रहे थे। साथ ही बैंड-बाजे और ढोल पार्टी के साथ हजारों की संख्या में शिवभक्त शामिल थे। जिन पर लोग गुलाल और फूलों की वर्षा कर रहे थे। चल समारोह के दाल बाजार पहुंचते ही यहां के व्यापारियों ने फूलों की वर्षा और गुलाल उड़ा कर स्वागत किया। नया बाजार चौराहे पर अचलनाथ के स्वागत के लिए भव्य मंच बनाया गया था। जिस पर कलाकार भगवान कृष्ण का रूप रखकर मोर-मोरनी नृत्य कर रहे थे। चल समारोह के यहां पहुंचते ही पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। लोहिया बाजार में भी अचलनाथ का भव्य स्वागत हुआ। चल समारोह ऊंट पुल से होते हुए दौलतगंज, महाराज बाड़ा, सराफा बाजार पहुंचा यात्रा मार्ग में जिसने भी चल समारोह देखा वह अचलनाथ के रंग में रंगे बिना नहीं रह सका।
इस दौरान पुरे रास्ते बाबा अचलनाथ का जोरदार स्वागत हुआ। चल समारोह के राम मंदिर पहुंचते ही यहां श्रीराम और अचलनाथ ने जमकर होली खेली। इसके बाद जिला न्यायालय के पास स्थित गिरराज मंदिर पर गिरराज जी और अचलनाथ ने होली खेली। यहां से चल समारोह सनातन धर्म मंदिर पहुंचा जहां मुख्य पुजारी पण्डित रमाकान्त ने भगवान अचलनाथ का वैदिक मंत्रों से पूजन किया, भगवान चक्रधर की ओर से चन्दन केसर पुष्पों का गुलाल अचलनाथ को लगार्क ठंडाई का भोग अर्पित किया। जिसके पश्चात अचलनाथ ने भगवान चक्रधर से 50 किलो फूलों से होली खेली। इसके उपरांत शाम पांच बजे यात्रा का समापन अचलेश्वर मंदिर पर पहुंच कर हुआ।
नहीं निकला अचलनाथ का स्वर्ण विग्रह
तलघर में कोर्ट की सील लगी होने से इस साल अचलनाथ का स्वर्ण विग्रह नहीं निकाला जा सका। इसके लिए स्टील का नया डोला तैयार किया गया जिसे फूलों से सजाया गया। जिस पर सवार होकर अचलनाथ शहर मे होली खेलने निकले।
मंदिरों में भक्तों ने खेली फूलों से होली
रंगपंचमी पर शहर के मंदिरों में भक्तों ने फूलों और अबीर-गुलाल से अपने आराध्य के साथ होली खेली। सुबह से शिवालयों सहित सभी मंदिरों में भक्तों की अपार भीड़ रही। जहां भक्तों ने भगवान की पूजा अर्चना कर गुलाल लगाकर रंगपंचमी का पर्व मनाया। इस दौरान अचलेश्वर मंदिर पर फूलों का विशेष इंतजाम किया गया और रंग से दूरी बनाई गई।