सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ भारत सरकार द्वारा उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 एवं नियम 2020 प्रभावशील किया गया है। उभयलिंगी व्यक्ति अधिनियम 2019 की 4 से 7 धाराओं में उभयलिंगी व्यक्तियों को पहचान प्रमाण-पत्र जारी किए जाने के प्रावधान हैं।
मध्यप्रदेश में उभयलिंगी समुदाय (ट्रांसजेंडर) के व्यक्तियों को सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना के सर्वेक्षण अनुसार प्रदेश में 8 हजार 633 व्यक्तियों में से मात्र 186 को ही जिलों द्वारा पहचान प्रमाण-पत्र जारी किए जा सके हैं। राज्य शासन द्वारा अधिनियम के प्रावधानों का पालन कराने और इनके कल्याण की योजनाएं तैयार कर लाभान्वित करने के उद्देश्य से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान प्रमाण-पत्र अभियान स्वरूप जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने जनपद पंचायत और नगरीय निकाय के अधिकारियों को जिले में सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना से प्राप्त उभयलिंगी व्यक्तियों की संख्यानुसार अभियान चलाकर सभी उभयलिंगी व्यक्तियों को पहचान प्रमाण-पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। इस कार्य हेतु सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग को नोडल बनाया गया है।
प्राथमिकता परिवारों में भी शामिल
सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग के आदेशानुसार उभयलिंगी (ट्रांसजेंडर) व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत प्राथमिकता परिवार की श्रेणी में जोड़ा गया है। उभयलिंगी व्यक्तियों को खाद्य पर्ची जारी कर रियायती दर पर खाद्यान्न से लाभान्वित किया जाएगा।
और कौन है प्राथमिकता परिवार में शामिल
राज्य शासन के खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत प्रदेश के अन्य वंचित वर्ग, कुष्ठ रोग पीड़ित व्यक्ति, उभयलिंगी (ट्रांसजेंडर) व्यक्ति, 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्त यूडीआईडी कार्ड धारक दिव्यांगजन, शहरी घरेलू कामकाजी कर्मी को भी शामिल किया गया है। इन्हें भी खाद्य पर्ची जारी कर रियायती दर पर खाद्यान्न मिल सकेगा। कुष्ठ पीड़ितों के पंजीयन के लिए स्वास्थ्य विभाग, शहरी घरेलू कामकाजी कर्मियों (स्त्री-पुरुष) के लिए नगरीय प्रशासन विभाग नोडल होगा। जबकि दिव्यांगजन एवं उभयलिंगी व्यक्तियों के पंजीयन के लिए सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग को नोडल बनाया गया है। वंचित वर्ग के पंजीयन के लिए नगरीय प्रशासन और पंचायत ग्रामीण विकास विभाग नोडल होगा।
प्राथमिकता परिवार से विलोपित
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्राकृतिक आपदा से वर्ष 2013-14 के प्रभावित परिवार जिनकी फसलें प्राकृतिक आपदा में 50 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई थी। ऐसे वर्ष 2013-14 के प्रभावित पात्रता परिवार की श्रेणी से विलोपित कर बाहर कर दिए गए हैं।