सीधी बुवाई पद्धति कम खर्चीली होने के साथ-साथ पानी की भी करती है बचत
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ कम लागत में धान की फसल प्राप्त करने के लिये किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ने किसानो को उपयोगी सलाह दी है। कृषकों को रोपा पद्धति के बजाय डीएसआर पद्धति (डायरेक्ट सीडिड राईस) अर्थात सीधे बुवाई कर धान की फसल लगाने की सलाह दी गई है। डीएसआर पद्धति से धान की बुवाई करने से लागत में कमी आती है और मजदूरी कम लगती है। साथ ही जल संरक्षण भी होता है। इस पद्धति से धान लगाने से समय पर बुवाई हो जाती है और रबी की फसल की बोनी भी समय से हो जाती है।
उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास ने जिले के किसानो से डीएसआर पद्धति से अधिक से अधिक रकबे में धान की बुवाई करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि धान की बुवाई डीएसआर सीडड्रिल या जीरोटिलेज सीडड्रिल से की जा सकती है। यह सीडड्रिल उपलब्ध न होने पर सामान्य सीडड्रिल में ही फ्लूटेड रोलर पर्याप्त स्थिति में खोलकर उपयोग किया जा सकता है। इससे धान की बीज टूटने से बच जाता है। साथ ही बीज के साथ डीएपी का मिश्रण भी किया जा सकता है।