कटनी/बड़वारा,भास्कर हिंदी न्यूज़/ बड़वारा में हेडमास्टर शेषमणि अग्निहोत्री को हर कोई जानता है। वह रूपौंद इवीएस शासकीय माध्यमिक शाला में हैडमास्टर हैं और बच्चों को संस्कारित करते हैं लेकिन वह खुद हतप्रभ और कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं कि आखिर उनकी बेटी मोनिका किसके बहकावे में आ गई और फर्जी आइएएस बन गई। मोनिका की मां पुष्पलता अग्निहोत्री बड़वारा बीईओ कार्यालय में पदस्थ हैं। बड़वारा में हर कोई यह जानकर हैरान है कि एक सीधे-साधे सभ्रांत हेडमास्टर पिता और बीओ कार्यालय में क्लर्क मां की बहुत होशियार लड़की ने गलत राह कैसे पकड़ ली। मोनिका छठवीं से बारहवीं तक बड़वारा नवोदय स्कूल में पढ़ी थी। 12वीं में जब बेटी के 86.6 फीसद आए तो पिता के साथ बड़वारा के लोगों के सपनों के पंख लग गए कि बेटी जरूर कुछ बड़ा करेगी। इसके बाद उसने साइंस कॉलेज जबलपुर से बीएससी की। इसके बाद वर्ष 2018 में पिता ने उसे दिल्ली रवाना कर दिया गया। पिता के मुताबिक वह नोएडा से बीएड भी कर रही थी।
पिता व परिवार के फोन सुनकर उड़ गए होश
उन्होंने अपनी बेटी को दिल्ली भेजा था लेकिन जब रांची पुलिस की महिला इंस्पेक्टर की तरफ से कॉल किया गया कि आपकी बेटी हमारे बगल में बैठी है। सुनकर पिता व परिवार के होश उड़ गए। अभी दो माह पहले ही बेटी को दिल्ली भेजा था लेकिन वह रांची पहुंच गई। बेटी पर इतना अधिक भरोसा था कि उसके विवाह के लिए जोड़ी गई करीब पाच लाख उसके ही अकांउट में रखे थे।
रुंआसे पिता बोले-इकलौता बेटा भी उसी के सहारे था : पिता शेषमणि का रुंआसा चेहरा किसी अनहोनी की आशंका को सोचकर पत्थर का हो गया है। उनका कहना है कि उनका 21 वर्षीय गैस की बीमारी से 2005 से बीमार हुआ बेटा आज तक उठ नहीं सका, आज भी वह बिस्तर पर है। एकमात्र बेटी से उम्मीद थी कि यदि मुझे कुछ हो गया तो वह अपने भाई का ख्याल रख लेगी।
पड़ोसियों ने बताया सीधा-सादा परिवार : पड़ोसी देवेंद्र बर्मन ने बताया कि बेचारे मास्साब बेटे की बीमारी के कारण पहले से परेशान हैं। अब इस नई परेशानी ने उनको घेर लिया। राजेश चौधरी सहित अन्य ने बताया कि हम उन्हें पहले से जानते हैं। पूरा परिवार ही सीधा है और बेटी बहुत होशियार थी। इसलिए उन्होंने तो उसे दिल्ली पढ़ने के लिए भेजा था। ऐसे में बेटी वहां कहां क्या कर रही है। इसमें उनका कोई दोष नहीं है, आजकल के बच्चे हैं।
ऐसे थे ठाठ : झारखंड के रांची के पॉश इलाके में मकान दीवार पर लगा आइएएस का बोर्ड, बॉडीगार्ड, सरकारी वर्दी में ड्राइवर, असिस्टेंट कमिश्नर के बोर्ड के साथ गाड़ी, खाना बनाने के लिए रसोइया। सारे रुआब आइएएस वाले, लेकिन सब फर्जी। ऐसी ठसक के साथ रह रही एक फर्जी महिला को पुलिस नेगिरफ्तार किया है। पकड़ी गई 24 वर्षीय फर्जी आइएएस का नाम मोनिका अग्निहोत्री है। खुद को 2020 बैच की आइएएस अधिकारी बता उसने अशोक नगर में किराए का मकान लिया था।
20 से 25 दिन पहले मोनिका रांची शिफ्ट हुई थी: अशोकनगर रोड नंबर एक के मकान संख्या सी/06 में उसने मकान किराए पर लिया था। मकान मालिक व पड़ोसियों को उसने बताया था कि असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में वह जमशेदपुर में पदस्थ है, लेकिन लगातार वह यहीं रह रही थी। मकान मालिक को उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं। पूछने पर बताया था कि उसकी छुट्टी चल रही, इसलिए वह जमशेदपुर नहीं जा रही। शक होने पर इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद अरगोड़ा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मोनिका को हिरासत में ले लिया गया था। पूछताछ करने पर भंडाफोड़ हो गया। पुलिस ने मोनिका के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। पुलिस के अनुसार मोनिका का परिवार 213, बड़वाराकला, ग्राम कला, तहसील बड़वारा, कटनी का रहने वाला है। मोनिका ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर से आइएएस की तैयारी कर रही थी। ठसक दिखाने और रिश्तेदारों पर रौब जमाने के लिए उसने ऐसा किया।
मोनिका के पास यह मिला : मोनिका के पास से नाम के साथ आइइएस लिखा बोर्ड, झारखंड सरकार का फर्जी लोगो, डिप्टी कलेक्टर का फर्जी लेटर पैड बरामद किया गया है। दिल्ली स्थित झारखंड भवन में कमरा बुक कराने के लिए चीफ सेक्रेटरी के नाम से लिखा हुआ पत्र बरामद किया गया है। मोनिका ने आइएएस अधिकारी का फर्जी आइकार्ड भी बनवा रखा था। मोनिका ने पुलिस को बताया कि उसने अपने साथ रिटायर्ड आर्मी जवान शशि उरांव को बॉडीगार्ड के रूप में रखा था। जबकि कोकर आदर्श नगर निवासी राकेश कुमार को ड्राइवर के रूप में।नगड़ी निवासी राधा देवी को रसोइया के रूप में रह रही थी। तीनों ने बताया कि उन्हें मैडम ने यही बताया था कि वे आइएएस हैं। पुलिस दो दिनों से मोनिका की निगरानी कर रही थी।