छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिला अस्पताल में कोरोना पाजिटिव मरीजों की हालत बहुत खराब है। जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन मरीजों के इलाज में गंभीरता नहीं दिखा रहा है। जिला अस्पताल की चौथी मंजिल पर कोविड वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड में आक्सीजन सप्लाई के लिए लाइन बिछी हुई है। इससे सप्लाई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। जिला अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन मरीजों के परिजनों से आक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था करने को कहता है। किसी को खाली सिलिंडर मिल रहा है तो कोई नोजल की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। कोई सिलिंडर और नोजल की व्यवस्था कर लेता है तो उसे आक्सीजन नहीं दी जा रही है।
हालत यह है कि आक्सीजन सिलिंडर भी अब पहुंच के अनुसार रिफिल हो रहे हैं। कमजोर तबके का व्यक्ति कितना भी गंभीर बीमार क्यों न हो आक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पाती है। विधायक द्वारा कोविड वार्ड का निरीक्षण करने के बाद यहां की अव्यवस्थाओं को दूर करने कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक को लिखा लेकिन कोई असर नहीं हुआ। सीएमएचओ अपने मकान पर मरीजों को देखने में व्यस्त हैं।
आक्सीजन लेवल 35 फिर भी नहीं मिला सिलिंडर
जिला अस्पताल की चौथी मंजिल पर बने कोविड जनरल वार्ड में मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। यहां के हालात बहुत खराब हैं। प्रशासन ने व्यवस्थाएं पूरी तरह जनता पर छोड़ दी हैं। आक्सीजन की जिस जरूरत है वह खाली सिलिंडर की व्यवस्था करें। सिलिंडर के साथ नोजल और आक्सीजन की व्यवस्था भी मरीज के परिजन को ही करना होगी। ऐसी स्थिति में बाहर से आए लोग, गरीब, पहुंचहीन लोगों को इलाज ही नहीं मिल पा रहा है। आक्सीजन गैस सप्लायर उन्हीं लोगों के सिलिंडर रिफिल कर रहा है जिसको अपर कलेक्टर लिखकर दे रहे हैं। अपर कलेक्टर खोजे नहीं मिलते हैं। ऐसे में मरीज वार्ड में डले तड़प रहे हैं और आक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। लवकुशनगर तहसील क्षेत्र के अक्टोहां गांव के रामकिशोर अवस्थी अपनी पत्नी को गंभीर हालत में इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए हैं। उनकी पत्नी कोरोना पाजिटिव हैं। दोपहर 03 बजे भर्ती किया गया था। अवस्थी के अनुसार नर्स सिर्फ इंजेक्शन लगाकर चली गईं। एक बार आक्सीजन का लेवल लिया था 65 था। 24 घंटे बाद भी न तो डॉक्टर आया और न ही दोबारा आक्सीजन का लेवल लिया गया। आक्सीजन की व्यवस्था स्वयं करने को कहा गया था। लेकिन मिल नहीं पा रही है। इसी प्रकार एक अन्य 21 वर्षीय युवक का आक्सीजन लेवल 35 है। उसे कंसंट्रेटर लगाया गया था। वह जमीन पर पड़ा है। उसके बाजू में एक मरीज जो पलंग पर है उसका आक्सीजन लेवल 97 है उसके बाद भी उसे सिलिंडर से आक्सीजन दी जा रही है। इस वार्ड में भर्ती प्रदीप साहू का आक्सीजन लेवल 60 है। इसके बाद भी उसे आक्सीजन नहीं दी जा रही है।
एडीएम और सीएमएचओ गायब
जिला अस्पताल के कोविड मरीजों को समय पर आक्सीजन, दवाएं मिलें इसके लिए कलेक्टर ने अपर कलेक्टर रामाधार अग्निवंशी को नोडल अधिकारी बनाया है और उन्हें अस्पताल में रहने का आदेश दिया गया है, लेकिन अपर कलेक्टर न तो अस्पताल में मिल रहे हैं। न आफिस में मिलते हैं और न ही मोबाइल फोन अटैंड करते हैं। इधर आक्सीजन सप्लायर ने बगैर एडीएम की पर्ची के आक्सीजन सिलिंडर भरना बंद कर दिए हैें। ऐसे में कोविड के मरीज और उनके परिजन बेहद परेशान हैं। जिला अस्पताल प्रबंधन के हाल और भी खराब हैं। सिविल सर्जन डॉ. लखन लाल तिवारी के साथ चार दिन पहले अभद्रता होने के बाद से कभी-कभार ही अस्पताल पहुंच रहे हैं। सीएमएचओ डॉ. विजय पथौरिया अपने निवास पर 300 रुपए लेकर मरीजों को देखने में व्यस्त हैं।