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हरियाली तीज के दिन 1 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है : मुख्यमंत्री

जयपुर
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। हम ईश्वर का वास मानकर वृक्षों, नदियों और पहाड़ों को पूजते हैं। राज्य सरकार द्वारा भी इसी सोच के साथ आज हरियाली तीज के अवसर पर एक ही दिन में प्रदेशभर में 1 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। इन पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पौधों की जियो टैगिंग भी की जाएगी। हम सभी को इस पहल में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए, ताकि हरियालो राजस्थान का निर्माण हो सके।

शर्मा बुधवार को हरियाली तीज के अवसर पर दूदू के गाडोता में आयोजित 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव में उपस्थित जनसमूह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान वह धरा है, जहां मां अमृता देवी सहित 363 लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने जीवन का बलिदान किया था। पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता का यह एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पेड़ों के संरक्षण की दिशा में वन महोत्सव एक आशा की किरण के रूप में उभरा है। मानसून का यह समय वृक्षारोपण के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि इस समय लगाए गए पौधे शीघ्र बढ़ते हैं।

एक पेड़ मां के नाम बना अब जनअभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा पर्यावरण दिवस के दिन ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान शुरू किया गया। यह उनका प्रकृति की सेवा और मां के प्रति सम्मान का अनुकरणीय भाव है। उन्होंने कहा कि यह अब जनअभियान बन गया है। हर व्यक्ति एक पौधा लगाकर मां और धरती मां को सम्मान दे रहा है। उन्होंने आमजन से ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ लगाने का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्थानीय समुदायों, एनजीओ, शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय निकायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2020 में नगर वन योजना की भी शुरूआत की गई।

राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण को गति देने के लिए कर रही निरंतर काम
शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी की पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा से राज्य सरकार ने इस वर्ष ‘‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान’’ प्रारम्भ कर 7 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया है। सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत आगामी 5 वर्षों में 50 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। लगाये गये पौधों को पेड़ बनाने के लिए पौधों की सुरक्षा एवं देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं, ग्राम पंचायतों, शहरी निकायों एवं आमजन को पौध उपलब्ध कराकर तकनीकी सहायता भी दी जा रही है, ताकि वृक्षारोपण को गति मिल सके।

प्रत्येक जिले में होगी ‘मातृ वन’ की स्थापना
आमजन की सहभागिता से स्मृति वन की तर्ज पर प्रत्येक जिले में ‘‘मातृ वन’’ की स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि ‘‘मातृ वन’’ में विभिन्न प्रजातियों जैसे बड़, पीपल, गूलर, पिलखन, नेती पीपल, माखन कटोरी इत्यादि पौधे लगाये जाएंगे। वृक्ष प्रेमियों को ‘‘राज जिओ ट्री एप’’ के माध्यम से 51 लाख प्रशस्ति पत्र वितरित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि पौधों की देखरेख के लिए 2 हजार ‘वन मित्र’ लगाए जा रहे हैं, जिसके तहत इच्छुक सेवानिवृत्त कर्मचारी को संरक्षक के रूप में जिम्मेदारी दी जायेगी। मुख्य सचिव सुधांश पंत, पुलिस महानिदेशक यू. आर. साहू, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण अपर्णा अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिजीत बनर्जी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, उच्चाधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनसमूह उपस्थित रहा।

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