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Satna: यही रात भारी, परिणाम आने के पहले ईश्वर की शरण में प्रत्याशी


ईवीएम से कल निकलेगा जनादेश, कौन किस पर पड़ेगा भारी

सांसद गणेश सिंह, विधायक सिद्वार्थ कुशवाहा, पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी आमने-सामने


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना लोकसभा चुनाव की बेला पूरे देश में समाप्त हो चुकी है, अब मतगणना का कांउट-डाउन शुरू हो चुका है। प्रत्याशियों के लिए आज की रात अंतिम और भारी रहेगी। सतना लोकसभा से चुनावी रण में भाजपा की ओर से चार बार के मौजूद सांसद गणेश सिंह को पांचवी बार मौका दिया, वहीं कांग्रेस ने दो बार के सतना से वर्तमान विधायक सिद्वार्थ कुशवाहा के ऊपर दांव खेला था। जबकि मैहर से चार मर्तबा के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने बसपा से चुनावी रण में थे। बहरहाल किसके ऊपर जीत का सेहरा बंधेगा यह कल पता लगेगा। ईवीएम में कैद जनादेश का पिटारा कल 4 जून को खुलेगा और प्रत्याशी के भाग्य का उदय होगा। हालाकि सभी प्रत्याशियों के अपने-अपने जीत के दावे हैं। वहीं प्रमुख टक्कर भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी के मध्य मानी जा रही है। हालाकि तीनो प्रत्याशी मतगणना के पूर्व ईश्वर की शरण में है और जीत का आर्शीवाद ले रहे हैं।
माई के दरबार से कामदनाथ की परिक्रमा
भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह सर्वप्रथम मैहर की माई शारदा और फिर उसके बाद चित्रकूट में कामदनाथ प्रभु के दर्शन करने पहुंचे, और परिक्रमा लगाई। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सिद्वार्थ कुशवाहा भी माई शारदा के दरबार में माथा टेकने के बाद अन्य मंदिरों में आर्शीवाद लेने पहुंचे। वहीं बसपा प्रत्याशी नारायण त्रिपाठी भी माई शारदा के आर्शीवाद लेने पहुंचे।
दोपहर तक साफ होने लगेगी तस्वीर
कल मतगणना का दौर सुबह 8 बजे से प्रारंभ होगा, इस लिहाज से दोपहर तक तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगेगी कि आखिर कौन सा प्रत्याशी आगे रहेगा, हालाकि राजनैतिक जानकार इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बता रहे हैं। वहीं लोगो का कहना है कि कांटे की टक्कर वाले इस चुनाव में रात्रि तक ही स्पष्ट होगा कि सतना का सिरमौर कौन होगा।

2019 के लोस चुनाव में किसी भी चक्र में पीछे नहीं हुई थी भाजपा

2 लाख 31 हजार के मतांतर से जीत का चौका मारने में कामयाब हुए थे गणेश

सतना पिछले 17 वीं लोकसभा चुनाव की जीत-हार के कयासो के बीच आखिर तौर पर भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह की जीत के साथ समाप्त हो गए थे। पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुनामी का असर यह देखने को मिला की सतना लोकसभा सीट में चौथी बार सांसद बनने में गणेश सिंह को कामयाबी हांथ लगी थी। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। तब उस चुनाव में शुरूआत से लेकर अतिम रूझान तक जो परिणाम सामने आए थे उसमे कहीं भी काग्रेंस को एक भी चरण मे बढ़त नहीं मिली थी। इसका नतीजा यह रहा कि तब भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह ने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राजाराम त्रिपाठी को 2 लाख 31 हजार 4 सौ 73 के मतांतर से पराजित कर दिया था। अब यह देखना होगा कि इस 2024 के लोस चुनाव में कल क्या परिणाम सामने आते हैं।
बन गया था इतिहास
सातों विधानसभा सीटों से 23 राउंड की मतगणना में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गणेश सिंह ने सर्वाधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। सतना संसदीय सीट से यह एक इतिहास भी बन गया था। अब तक किसी भी प्रत्याशी ने इतने ज्यादा अंतर से वोट जीत हासिल नहीं की थी। वर्ष 2019 के चुनाव में नोटा सहित 21 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें 18 प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई थी। दूसरे नंबर पर रहने वाले कांग्रेस राजाराम त्रिपाठी कांग्रेस पार्टी से थे। वहीं बसपा के लिए कभी राष्ट्रीय फलक पर पहचान देने वाली यह सीट पिछले चुनाव में वोट प्रतिशत के मायने में पूर्व की वोटिंग से 17 प्रतिशत नीचे चली गई थी।
50 फीसदी से अधिक वोट मिले थे भाजपा को
पिछले चुनाव में कुल वोटों में 52.83 फीसदी वोट अकेले भारतीय जनता पार्टी के खाते में गए थे। सतना संसदीय क्षेत्र में कुल 1111916 वोट पड़े थे, दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी कुल वोटों का 32.1 फीसद था। वहीं नोटा में कुल 2636 मत मिले थे।
10वें रांउड से बेहद पीछे
वर्ष 2019 के चुनाव में खास बात यह रही कि कुल 23 राउंड में पहले राउंड में ही भाजपा प्रत्याशी ने जो बढ़त बनाई थी वह सभी 23 राउंड तक बढ़ती ही गई थी। और दसवे राउंड से पीछे हुए कांग्रेस प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी फिर इस कदर फिसलते चले गए थे की अंतिम आंकड़ों तक जीत का अंतर राजाराम को गहरे अंतर तक पीछे छोड़ गया था। जबकि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अच्छेलाल कुशवाहा अपनी सार्वभौमिक भूमिका से बहुत दूर छिटके मिले थे।
दूसरी बार हुए थे आमने-सामने
बता दें कि पिछले चुनाव में दोनों ही प्रत्याशी दूसरी बार आमने-सामने हुए थे। इससे पहले 2009 में इनके बीच सियासी मुकाबला हो चुका था। तब राजाराम ने कांग्रेस से बगावत करते हुए समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था। इसका नुकसान कांग्रेस को हुआ था। पार्टी चौथे नंबर पर चली गई थी।
तब 21 प्रत्याशी लड़े थे
पिछले लोस चुनाव में सतना लोकसभा से अच्छेलाल कुशवाहा बसपा, गणेश सिंह भाजपा, राजाराम त्रिपाठी कांग्रेस, नंदकिशोर प्रजापति पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया, मनोराज द्विवेदी जनता कांग्रेस, महेंद्र सिंह परिहार भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, डॉ राजेन्द्र त्रिपाठी भारतीय जन मोर्चा पार्टी, रामकुशल केवट भारतीय मानव समाज पार्टी, रामनिवास सेन रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, रामविश्वास पाल राष्ट्रीय समाज पक्ष, विपिन सिंह तिवारी स्मार्ट इंडियंस पार्टी, शशांक सिंह बघेल सपाक्स, अशोक विश्वकर्मा निर्दलीय, मो. जिबराइल निर्दलीय, नासिर खान निर्दलीय, बाबूलाल चौधरी निर्दलीय, महेश साहू पप्पू निर्दलीय, मुन्नी क्रांति निर्दलीय, सुरेन्द्र पाण्डेय कुआं निर्दलीय, डॉ सुरेश प्रसाद त्रिपाठी निर्दलीय तथा फौजी संदीप बाबा निर्दलीय चुनावी मैदान में थे।
इस चुनाव में 19 प्रत्याशी
इस चुनाव में भाजपा गणेश सिंह, कांग्रेस सिद्वार्थ कुशवाहा, बसपा नारायण त्रिपाठी, निर्दलीय अजीज कुरैशी, मास्टर जी अजीत जायसवाल, अशोक गुप्ता, एड. अशोक साकेत, ननकू यादव, रंजना मिश्रा, हरिशंकर तिवारी लोहा वाले, अशोक बौद्व, ऋषभ सिंह, कलीम अहमद बच्चा, चंद्रभान कोल, छेदीलाल प्रजापति, दुर्गेश विश्वकर्मा, राहुल दाहिया, शफीउल्ला, सुखलाल वर्मा चुनावी रण में थे, जिनके भाग्य का कल फैसला होगा।

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