- भू-अर्जन अधिकारी की आईडी का गलत उपयोग
- साढ़े चार करोड़ से ज्यादा का कर दिया भुगतान
- सहायक महाप्रबंधक के खिलाफ शिकायती पत्र
उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले में मुआवजे की राशि में धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। बांधवगढ़ एसडीएम रीता डेहरिया ने एमपीआरडीसी के सहायक महाप्रबंधक विनोद कुमार तंतुवाय पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ उमरिया थाना प्रभारी को पत्र लिखकर एफआईआर दर्ज करने को कहा है।
एसडीएम ने आरोप लगाया है कि एमपीआरडीसी के सहायक महाप्रबंधक ने न सिर्फ उनके डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग किया, बल्कि उनकी जानकारी के बिना भू-अर्जन अधिकारी की मेल आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके 7 लोगों को 4 करोड़ नौ लाख 55 हजार 311 रुपये का भुगतान भी कर दिया।
जांच में हुआ खुलासा
बीते माह 14 मई से एनएच-43 के अपग्रेडेशन के मुआवजा मामले में की जा रही मनमानी को लेकर नईदुनिया ने खबरों को शृंखलाबद्ध प्रकाशित किया था। इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई थी।
एसडीएम का कहना है कि मुआवजे के मामले में रोमेश गुप्ता की शिकायत पर जांच शुरू हुई तो पता चला कि किस तरह से उनके डिजिटल सिग्नेचर, भू-अर्जन अधिकारी की मेल आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके भुगतान भी कर दिया गया है।
खास बात ये है कि रकम अदायगी का आदेश एसडीएम रीता डेहरिया के नाम से जारी हुआ है। हालांकि एसडीएम बांधवगढ़ ने पूरे प्रकरण से पल्ला झाड़ते हुए उक्त प्रकरण में स्वयं के हस्ताक्षर धोखाधड़ी से करने के आरोप लगाए हैं।
राष्ट्रीय शासकीय कोषालय में सेंधमारी जैसे अति गंभीर मामले में पूरा प्रशासन अलर्ट पर है। थाने को पत्र लिखने के बाद निजी कारणों से एसडीएम छुट्टी पर चली गईं हैं।
इस तरह की गई धोखाधड़ी
पत्र में उल्लेख किया गया है कि 4 अप्रैल को एमपीआरडीसी के सहायक महाप्रबंधक विनोद कुमार तंतुवाय अपने कंप्यूटर ऑपरेटर कीर्ति मिश्रा और लैपटॉप के साथ उनके कार्यालय में आए थे। उन्होंने भू-अर्जन अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर रजिस्टर्ड करने के लिए उनसे सिग्नेचर करवाए थे।
उन्होंने यह भी कहा था कि सिग्नेचर रजिस्टर्ड हो जाने के बाद वे एसडीएम को इसकी जानकारी देंगे। उन्होंने कार्यालय से जाने के बाद कोई जानकारी नहीं दी। उनके पास भू-अर्जन अधिकारी की मेल आईडी और पासवर्ड पहले से ही थे, जिससे उन्होंने ओटीपी प्राप्त करके 7 लोगों को भुगतान कर दिया।