Thursday , May 2 2024
Breaking News

हिंदू महासभा पीएम मोदी के सामने, वाराणसी में उतारेगी किन्नर प्रत्याशी!

वाराणसी

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में अब केवल 10 दिन का समय बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टी अपने प्रचार-प्रसार में जुटी हुई हैं। प्रदेश में बीजेपी ने अब तक 63 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है, जिसमें पीएम मोदी (PM Modi) वाराणसी के उम्मीदवार हैं। वहीं, कांग्रेस ने वाराणसी ने अपना प्रत्याशी अजय राय (Ajay Rai) को बनाया है। इसी बीच, बताया जा रहा है कि वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ महामंडलेश्वर हिमांगी सखी चुनाव लड़ सकती हैं।

दरअसल, अखिल भारत हिंदू महासभा ने अपने प्रत्याशियों के नाम की लिस्ट तैयार कर ली है। इस लिस्ट में वाराणसी लोकसभा सीट से महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को प्रत्याशी बनाया गया है। हालांकि, इस बात की अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज के अप्रूवल के बाद ही लिस्ट में लिखे गए नामों की घोषणा की जाएगी।

 वाराणसी से तीसरी बार प्रत्याशी बने पीएम मोदी

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी को भाजपा ने तीसरी बार प्रत्याशी बनाया है। पहली बार पीएम मोदी ने इस सीट से साल 2014 में चुनाव लड़ा था और फिर दूसरी बार साल 2019 में था।

कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय राय को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव मैदान में उतारा था। आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने भी चुनाव लड़ा था और वह दूसरे नंबर पर रहे। अजय राय तीसरे नंबर पर थे। वहीं, 2019 के चुनाव में भी अजय राय तीसरे स्थान पर थे। उस चुनाव में सपा की शालिनी यादव दूसरे नंबर पर थीं। तब सपा और बसपा के बीच गठबंधन हुआ था। अब एक बार फिर से पार्टी ने अजय राय को प्रत्याशी बनाया है। इस बार कांग्रेस का सपा के साथ गठबंधन है।

भाजपा से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं अजय राय
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने राजनीतिक कॅरिअर की शुरुआत भाजपा से ही की थी। 1996 से लेकर वह 2007 तक भाजपा के टिकट से ही लगातार तीन बार विधायक रहे। 2009 में उन्होंने पार्टी से लोकसभा का टिकट मांगा। टिकट न मिलने पर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। यहां 2009 में सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा मगर जीत हासिल नहीं कर सके। 2009 में ही उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पिंडरा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 2012 में वे कांग्रेस से जुड़े और पिंडरा सीट से जीत हासिल की।

अजय राय पर लग चुका है एनएसए
अजय राय पर कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं। इनमें गुंडा एक्ट और गैंगस्टर के मामले भी शामिल हैं। 2015 में एनएसए के तहत गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। इन्हीं आपराधिक मामलों को लेकर 2021 में उनके चार शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए गए थे। उस समय तत्कालीन डीएम कौशल राज शर्मा ने अजय राय के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए थे।

कुर्मी, वैश्य बाहुल्य सीट वाराणसी, भूमिहारों का भी दबदबा
जातीय समीकरण की बात करें तो कुर्मी समाज के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। रोहनिया और सेवापुरी में सबसे अधिक कुर्मी समाज के वोटर हैं। इसके अलावा ब्राह्मण और भूमिहार की संख्या भी अच्छी है। एक आंकड़े के मुताबिक तीन लाख से अधिक गैर यादव ओबीसी, दो लाख से अधिक कुर्मी मतदाता और करीब दो लाख ही वैश्य और करीब पौने दो लाख भूमिहार मतदाता हैं। इसके अलावा एक लाख यादव और एक लाख के करीब अनुसूचित जाति के मतदाता हैं।

बोले अजय राय
पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे पूरी मेहनत से निभाऊंगा। इस बार के चुनाव में परिणाम अलग होंगे और मुझे पूरा भरोसा है कि बनारस की जनता मुझे आशीर्वाद देगी। – अजय राय, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
भाजपा ने भी भूमिहार मतदाताओं को साधा
भाजपा को पहले से पता था कि अजय राय ही वाराणसी संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी होंगे। इसी वजह से पार्टी ने भूमिहार मतदाताओं को साधने की व्यवस्था पहले ही कर ली थी। हाल ही में धर्मेंद्र सिंह को एमएलसी बनाया गया है। धर्मेंद्र भूमिहार बिरादरी से आते हैं। शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव का संयोजक सुरेंद्र नारायण सिंह को बनाया गया है। वह भी भूमिहार बिरादरी से आते हैं। रोहनिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं।

इसी तरह महानगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी विद्यासागर राय के पास है। वह कैंट विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं। कैंट, रोहनिया और शहर उत्तरी विधानसभा सीट वाराणसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा प्रत्याशी हैं। दरअसल, 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को पौने छह लाख वोट मिले थे। वहीं, दूसरे नंबर पर रहे अरविंद केजरीवाल को करीब दो लाख वोट मिले थे। 2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत का आंकड़ा और बड़ा हो गया था। उन्हें करीब पौने सात लाख वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहीं सपा की शालिनी यादव को दो लाख वोट मिले थे।

 

About rishi pandit

Check Also

दौसा में दो महिलाओं समेत तीन को पीट-पीटकर किया घायल, जमीनी विवाद में पेड़ काटने पर हुई मारपीट

दौसा. सिकंदरा थाना क्षेत्र के गांव अगवाली में जमीनी विवाद को लेकर सोमवार को दो …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *