- मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाएं दायर की गई हैं
- ओबीसी आरक्षण से जुड़े 10 प्रकरणों की सुनवाई
- ओबीसी वर्ग के 13 प्रतिशत पदों को होल्ड पर
Madhya pradesh jabalpur mp obc reservation instructions to set up a bench in high court to hear the obc reservation case: digi desk/BHN/जबलपुर/ सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को ओबीसी आरक्षण से जुड़े 10 प्रकरणों की सुनवाई निर्धारित थी। न्यायमूर्ति अभय एस ओका व न्यायमूर्ति उज्जवल भूयान की युगलपीठ ने सुनवाई से मना कर दिया। उन्होंने प्रकरण की सुनवाई के लिए उचित बेंच गठित करने के निर्देश दिए। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाएं दायर की गई हैं।
युगलपीठ ने सुनवाई से किया मना
सालिसीटर जनरल आफ इंडिया तुषार मेहता ने मध्य प्रदेश शासन की ओर से कोर्ट को बताया कि उक्त प्रकरणों की सुनवाई रोस्टर के अनुसार यह युगलपीठ नहीं कर सकती क्योंकि पूर्व में जिस युगलपीठ ने ट्रांसफर याचिका निराकृत की है उसी बेंच के समक्ष इन मामलों की सुनवाई होना चाहिए। इस पर युगलपीठ ने सुनवाई से मना कर दिया।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में सरकार ने ट्रांसफर याचिकाएं दायर की थीं, जिसे शीर्ष अदालत ने निरस्त करते हुए हाई कोर्ट में लंबित मामलों की जल्द सुनवाई के निर्देश दिए थे। अदालत में लंबित प्रकरणों के चलते पीएससी, 2019 के अलावा कई परीक्षाओं में ओबीसी व सामान्य वर्ग के पद होल्ड किए गए हैं।
ओबीसी वर्ग के 13 प्रतिशत पदों को होल्ड पर
ओबीसी के विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कहा कि हाल ही में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा महाधिवक्ता कार्यालय के विधिक अभिमत के आधार पर प्रदेश के समस्त 54 विभागों को निर्देशित कर आगामी समस्त भर्तियां 87 प्रतिशत पर करने कहा गया है। ओबीसी वर्ग के 13 प्रतिशत पदों को होल्ड पर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जब सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मामलों को शीघ्र निराकरण करने हेतु डे-टू-डे आधार पर अगस्त 2023 में सुनवाई किए जाने का आदेश दिया था। पांच दिन नियमित सुनवाई भी की गई लेकिन महाधिवक्ता की ओर से हाई कोर्ट में बताया गया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाएं दायर की हैं।