उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी अनुभागों में ली बैठक

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ फोटो निर्वाचक नामावली के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2023 एवं आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के संबंध में अपर कलेक्टर ऋषि पवार ने विधानसभा क्षेत्र नागौद, मैहर, अमरपाटन, रामपुर बघेलान, रैगांव के सम्मिलित अनुविभागों में बैठक लेकर मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा की। इस अवसर पर संबंधित अनुभाग के एसडीएम और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तहसीलदार और सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, जनपद सीईओ, सीएमओ, नगरीय निकाय, सीडीपीओ, बीएलओ सुपरवाइजर एवं महिला बाल विकास के सुपरवाइजर उपस्थित रहे।
अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा समीक्षा करने पर पाया गया कि आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्यानुसार नाम जोड़ने के आवेदन कम प्राप्त हो रहे हैं। पूरी टीम को व्यक्तिगत रूचि लेकर सभी 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवाओं के नाम जोड़ने के निर्देश दिये गये। उप निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रारूप निर्वाचक नामावली के अनुसार विधानसभा जेण्डर रेशियों 897.5 है जबकि जिले का औसत रेशियों 927 है। महिला बाल विकास के अमले से निरंतर सम्पर्क में रहकर नवविवाहिता और छूटी हुई महिलाओं के नाम जोड़कर जेण्डर रेशियों के गैप को पूरा करायें।
सभी विधानसभा क्षेत्रों के बीएलओ सुपरवाइजर से वन-टू-वन चर्चा कर कम आवेदन प्राप्त और सर्वाधिक जेण्डर रेशियों गैप होने के कारण जाने गये। संतोषजनक जबाब नहीं मिलने पर संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन आयोग के कार्यों को अत्यंत गंभीरता से लें। तीन दिवस के भीतर प्रगति नहीं आने पर संबंधित बीएलओ सुपरवाइजर के निलंबन की कार्यवाही की जायेगी। मतदाता सूची में दर्ज पीडब्ल्यूडी वोटर 80 प्लस वोटर और वीआईपी वोटर की पृथक-पृथक सूची बनाने और प्राप्त हो रहे आपत्तियों एवं दावों का समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये गये। प्रारूप-7 के संबंध में उन्होंने कहा कि इनका निराकरण राजस्व प्रकरणों की तरह किया जाये। आयोग के निर्देशानुसार नाम काटने की कार्यवाही में संबंधित को सुनवाई का अवसर भी दिया जाये।
उन्होंने सभी एसडीएम, तहसीलदार को क्रिटिकल मतदान केन्द्र और वर्नरेबल पैकेटस का पुलिस के साथ चिन्हांकन कर संयुक्त प्रतिवेदन 3 दिवस में भेजने के निर्देश दिये। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी बीएलओ के माध्यम से यह प्रमाण पत्र लिया जायेगा कि उनके क्षेत्र में 1 अक्टूबर को 18 वर्ष पूरी करने वाले कोई भी युवा, मतदाता तथा विवाहित, महिलाओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ने से वंचित नहीं रहा है। जनपद सीईओ को कहा गया है कि वे ग्राम पंचायत सचिवों को पाबन्द करें कि ग्राम पंचायत में मतदाता सूची संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य में बीएलओ को आवश्यक सहयोग करेंगे।
भू-अधिकार पुस्तिका अब कम्प्यूटरीकृत रूप में जारी होगी
किसानों को भू-अधिकार पुस्तिका उपलब्ध कराने के लिए राजस्व विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये है। जारी निर्देशों के तहत अब नवीन भू-अधिकार पुस्तिका कम्प्यूटरीकृत रूप में ही जारी होगी। पूर्व में जारी भू अधिकार पुस्तिका यथावत् प्रचलन में रहेगी। परन्तु नवीन भू-अधिकार पुस्तिका कम्प्यूटरीकृत रूप में ही जारी होगी। भू-अधिकार पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ हेतु 30 रूपये एवं अतिरिक्त प्रति पृष्ठ 15 रुपये शुल्क निर्धारित है। भू-अधिकार पुस्तिका न्यूनतम दो पृष्ठों की होगी, इस प्रकार दो पृष्ठों की भू-अधिकार पुस्तिका की कीमत 45 रुपये निर्धारित की गई है। अतिरिक पृष्ठ जोड़े जाने पर प्रतिपृष्ठ 15 रुपये देय होगा।
भू-अधिकार पुस्तिका शुल्क अदा करने पर भूलेख पोर्टलwww.mpbhulekh.gov.in पर ऑनलाइन, आईटी सेन्टर, डच्व्दसपदम, लौक सेवा केन्द्र एवं शासन द्वारा प्राधिकृत सेवा प्रदाता से प्राप्त की जा सकेगी। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता नियम, 2020 के प्रावधान अनुसार भू-सर्वेक्षण उपरांत प्रथमवार भू-अधिकार पुस्तिका संबंधित भूमिस्वामी को निःशुल्क प्रदाय की जायेगी। इसके अतिरिक्त भूः राजस्य संहिता 1959 के अंतर्गत विनिर्मित नियमों में जहाँ-जहाँ भू-अधिकार पुस्तिका निःशुल्क जारी करने का प्रावधान है, संबंधित व्यक्ति को भू-अधिकार पुस्तिका निःशुल्क दी जायेगी। निःशुल्क दी जाने वाली भू-अधिकार पुस्तिका जारी करने के लिए तहसीलदार को भूलेख पोर्टल पर लोगिन कर अपने लोगिन से भू-अधिकार पुस्तिका का प्रिंट जारी करने का अधिकार होगा। भू-अधिकार पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर संबंधित भूमिस्वामी की समग्र आईकी डाला जाना सुनिश्चित किया जायेगा। पुस्तिका पर भूमिस्वामी का फोटो मुद्रित होगा। यदि भूमिस्वामी का प्रकार निजी संस्था है, तो भू-अधिकार पुस्तिका पर समग्र आईडी एवं फोटो की आवश्यकता नहीं होगी।यदि संबंधित कृषक का फोटो भूलेख पोर्टल के डाटाबेस में उपलब्ध है तो उसे भू-अधिकार पर कृषक से सत्यापित कराया जाकर मुद्रित कराया जायेगा। यदि कृषक का फोटो भूलेख पोर्टल के डाटाबेस में उपलब्ध नहीं है अथवा भूलेख पोर्टल पर उपलब्ध फोटो से वह संतुष्ट नहीं है तो संबंधित कृषक के आधार eÛYC के माध्यम से उसे प्राप्त किया जायेगा। इस प्रकार प्राप्त फोटो को संबंधित पटवारी से सत्यापित भी कराया जायेगा।
यदि कृषक के पास आधार नंबर नहीं है अथवा वह आधार नंबर प्रदाय नहीं कर रहा है तो ऐसी स्थिति में कृषक का फोटो ऑनलाइन आवेदन करते समय लिया जाकर पटवारी से सत्यापित कराया जायेगा। पटवारी को फोटो सत्यापित करने के लिए 03 कार्य दिवस में सत्यापित करना अनिवार्य होगा। यदि इस अवधि में पटवारी द्वारा कृषक के फोटो को सत्यापित अथवा अमान्य नहीं किया जाता है, तो यह मानकर कि आधार eÛYC से प्राप्त अथवा कृषक द्वारा प्रदाय फोटो सही है, भू अधिकार पुस्तिका जारी की जायेगी।