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गेहूं खरीदी फर्जीवाड़ा: समूह अध्यक्ष, ऑपरेटर सहित मामा की 14 लाड़ली बहनों पर मामला दर्ज, 11 गिरफ्तार

  • एफसीआई के इंस्पेक्टर की शिकायत पर दर्ज हुआ मुकदमा
  • 18 किसानों के नाम किया गया था फर्जी भुगतान
  • शासन को पहुंची 56 लाख की चपत



सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ समर्थन मूल्य पर समूहों के माध्यम से खरीदी करना सरकार पर अतिरिक्त बोझ साबित हो रहा है। आलम यह है कि समूह संचालन करने वाले लोग बिना खरीदी लाखों के भुगतान कर अनैतिक फायदा उठा लेते हैं। ऐसे ही मामले का खुलासा होने पर एफसीआई इंसपेक्टर ने रामनगर के अरगट में गेहूं खरीदने वाले समूह की 14 लाड़ली बहना और ऑपरेटर पर एफआईआर दर्ज कराई है। खरीद केंद्र में करीब 56 लाख का फर्जी भुगतान कर अनुचित लाभ उठाया गया था। खरीद केंद्र के कम्यूटर ऑपरेटर ने स्वसहायता समूह से मिलीभगत कर 18 किसानों के नाम पर फर्जी तौर 56 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने लक्ष्मी स्व सहायता समूह सुलखमा की आशा यादव (समूह अध्यक्ष), सुश्री कोमल गुप्ता, फुलझरिया, रामसकल सिंह, ममता, चंदाबाई, अनीता, गुड्डी, मुरतिया, कलाबती, बबली अनुसुइया, दुआसिया, फुद्दन और फूलबाई के खिलाफ धारा 409, 420 ,468, 467, 471 का मुकदमा पंजीबद्ध किया गया है।

2681 क्विंटल गेहूं का हुआ था फर्जी भुगतान

बताया गया है रामनगर के अरगट गेहूं खरीद केंद्र में विपणन वर्ष 2023/24 में लक्ष्मी सहायता समूह सुलखमा को गेहूं खरीदी का जिम्मा मिला था। समूह ने कुल 8981.5 क्विंटल गेहूं खरीदा था। जिसमें से 6300 क्विंटल गेहूं परिदान कर दिया गया। शेष 2681.5 क्विंटल गेहूं खरीदा ही नही गया। इसके बाद भी कंप्यूटर ऑपरेटर रामसकल सिंह ने खरीद पोर्टल में 18 फर्जी किसानों के नाम से एंट्री कर दी और 2681.5 क्विंटल गेहूं के 56,98,187 रु. किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिए।

गफलत पकडऩे के बाद रोका आठ किसानों का भुगतान
बताया जाता है कि समूह की महिलाओं और ऑपरेटर ने मिलकर 10 किसानों के नाम पर भुगतान भी प्राप्त कर लिया था। लेकिन मामले का खुलासा होने पर 08 किसानों के भुगतान पर रोक लगा दी गई। जिसके बाद बड़े खेल का खुलासा हो गया। टीम के द्वारा मामले की गहन पड़ताल हुई जिसके बाद रिकार्ड पुलिस को सौंपे गए।

ऑपरेटर सहित चार महिलाएं फरार
पुलिस ने कुल पंद्रह लोगों को आरोपी बनाया है। जिसमें से ऑपरेटर सहित चार लाड़ली बहना फरार हैं। कोमल गुप्ता, कलावती पाल और अनुसुइया की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। इसके अलवा रिकार्डों की जब्ती के लिए ऑपरेटर रामसकल पटेल की भी तलाश की जा रही है।

शिवराजपुर में मिलाया था कंकड़ पत्थर

रामनगर के अरगट से पहले सिंहपुर थाना क्षेत्र के शिवराजपुर में भी इसी प्रकार का घोटाला सामने आ चुका है। यहां समूह संचालक के द्वारा धान का वजन बढ़ाने के लिए मिट्टी, कंकड़ ,पत्थर मिलाकर गोदाम में जमा कराया गया था। जिसके बाद शासन को करीब 63000000 से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा था। इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर कायम किया है। गुरूवार को आरोपी सुषमा लोनिया पति जगदीश लोनिया 48 वर्ष और विनीत पाण्डेय पिता स्व. मुचकुन्द पाण्डेय 33 वर्ष दोनों निवासी बण्डी थाना सिंहपुर जिला सतना है। जबकि इससे पहले सतीश कुमार गौतम पिता रमेश कुमार गौतम 33 वर्ष निवासी शिवराजपुर और योगेश पाण्डेय पिता बृजगोपाल पाण्डेय 40 वर्ष निवासी बण्डी थाना सिंहपुर को गिरफ्तार किया कर लिया गया था। थाना प्रभारी शैलेन्द्र पटेल ने बताया कि दोनों फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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