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MP: भोपाल में 3 से 5 अगस्त तक होगा साहित्य और कला का सबसे बड़ा उत्सव ‘उन्मेष’, 36 राज्यों के कलाकार जुटेंगे

Madhya pradesh bhopal unmesh 2023 biggest festival of literature and art unmesh will be held in bhopal from august 3 to 5 artists from 36 states will gather: digi desk/BHN/भोपाल/साहित्य और संस्कृति के सबसे बड़े और अंतरराष्ट्रीय उत्सव उन्मेष की मेजबानी का अवसर इस बार भोपाल को मिला है। पावस बेला में तीन से पांच अगस्त तक राजधानी के रवींद्र सभागम में तीन दिवसीय उत्सव का आयोजन किया जाएगा। साहित्य अकादमी और संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के संयुक्त आयोजन का शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी।

दिन में साहित्य से जुड़ी गतिविधियां होंगी तो शाम के सत्र में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां संयोजित की जाएंगी। देशभर के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जनजातीय दल बुलाए गए हैं। हर दिन करीब 12 राज्यों के दल सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। 75 से अधिक कार्यक्रमों में सौ भाषाओं के 575 से अधिक लेखक सहभागिता करेंगे।

13 अन्य देशों के लेखक भी शामिल होंगे। उन्मेष का यह दूसरा संस्करण है। पहला आयोजन शिमला में पिछले साल हुआ था। उत्सव का शुभारंभ तीन अगस्त को सुबह दस बजे होगा।

उत्कर्ष के माध्यम से साहित्य की विभिन्न विधाओं के साथ ही भारतीय लोक संगीत, नृत्य एवं नाट्य से जनसाधारण, खास तौर से युवा पीढ़ी को रूबरू होने का मौका मिलेगा और इस तरह भारतीय कलाओं के लोकपक्ष के प्रति एक सकारात्मक और रचनात्मक समझ विकसित होगी।

उत्कर्ष के तहत लोक एवं जनजातीय कलाओं का प्रदर्शन होगा

अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव के साथ ही संगीत नाटक अकादमी द्वारा उत्कर्ष शीर्षक से लोक एवं जनजातीय प्रदर्शन कलाओं का राष्ट्रीय उत्सव भी आयोजित किया जा रहा है। इसमें कविता-कहानी पाठ के अलावा भारतीय काव्य शास्त्र, भारतीय भक्ति साहित्य, सागर साहित्य, भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीय नाटकों में अलगाव का सिद्धांत, विविधता में एकता, भारत की सौम्य शक्ति, सिनेमा और साहित्य, विदेशी भाषाओं में भारतीय साहित्य का प्रचार-प्रसार, चिकित्सकों का साहित्य, साहित्य एवं प्रकृति, मशीनों का उदय– लेखकविहीन साहित्य, रचनात्मकता बढ़ाने वाली शिक्षा जैसी गतिविधियां होंगी। इसके साथ ही अनुवाद, प्रगति का संचालक और आलोचनात्मक विचार, योग साहित्य, मातृभाषाओं का महत्व, फंतासी और विज्ञान कथा साहित्य, ई-साहित्य, नारीवाद और साहित्य, आदिवासी लेखन और हाशिये का स्वर उत्पीड़ितों का उत्थान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चा भी होगी।

ये हस्तियां लेंगी हिस्सा

समारोह में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन, फिजी के राजदूत कमलेश शशि प्रकाश, एसएल भैरप्पा, शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित, वी कामकोटि, चंद्रशेखर कंबार, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, गौतम घोष, संजय राय, जयंत महापात्र, आस्कर पुयोल, तुलसी दिवस, एमए आलवार, सुरेश गोयल, गिरीश्वर मिश्र, चित्रा दिवाकारुणी, विष्णुदत्त राकेश, रमेश पोखरियाल निशंक, लिंडा हेस, मामि यामदा, अमीश त्रिपाठी, सोनल मान सिंह, चित्रा मुद्गल, रघुवीर चौधरी, विनय सहस्रबुद्धे, ममता कालिया, महेश दत्तानी, वामन केंद्रे, प्रयाग शुक्ल, सुरजीत पातर, नवतेज सरना, विश्वास पाटिल, नमिता गोखले, महेंद्र कुमार मिश्र, शीन काफ निजाम, वासमल्ली के. अरुण कमल, गोविंद मिश्र, लीलाधर जगूड़ी और उषा किरण खान जैसे ख्यात साहित्यकार शामिल होंगे।

नका कहना है

‘उन्मेष’ भारत का सबसे समावेशी साहित्य उत्सव है, भाषाओं की संख्या के प्रतिनिधित्व के मामले में यह एशिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव है और जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव बनने की राह पर है। ‘उन्मेष’ के हर संस्करण में हम नए विषयों को जोड़ने का प्रयास करते हैं, ताकि लेखकों के नए समूह को चर्चा में शामिल होने का अवसर मिले, जो नई दिशाओं की ओर ले जा सके।

– डा केएस राव, सचिव साहित्य अकादमी, नई दिल्ली

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