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Conjunctivitis Eye Flu: MP और CG में तेजी से फैल रहा संक्रमण, अस्पतालों में लगी कतारें, बच्चे अधिक चपेट में

Magazine sehat conjunctivitis eye flu spreading rapidly in madhya pradesh and chhattisgarh children more vulnerable: digi desk/BHN/भोपाल/रायपुर। मानसून की दस्तक के साथ ही मप्र और छत्तीसगढ़ में आइफ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ जिलों में तो और भी हालत खराब है। बच्चों को यह संक्रमण अधिक चपेट में ले रहा है। आलम यह है कि स्कूलों में अघोषित छुट्टियां चल रही है। तो वहीं स्थानीय प्रशासन भी गाइडलाइन जारी कर लोगों को सतर्क कर रहा है। लोगों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। लिहाज़ा प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है।

मप्र में क्या है स्थिति

मप्र में आई आइफ्लू के मामलों में पिछले दिनों में बढ़ोतरी देखी गई है। दतिया में हर 10 में से छह मरीज इसी संक्रमण का शिकार होकर अस्पताल में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। शहर के प्राथमिक माध्यमिक विद्यालयों सहित हायर सेकंडरी स्तर तक के स्कूलों में आई फ्लू का प्रकोप बढ़ने लगा है। अधिकांश अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज करने लगे हैं।

इधर स्कूलों के लिए भी मौखिक आदेश दिए गए हैं कि यदि कोई छात्र आई फ्लू से पीड़ित पाया जाता है तो उसे घर भिजवाया जाए या उसे काले रंग का चश्मा पहनने को प्रेरित किया जाए। बच्चों के साथ स्कूल का स्टाफ भी चपेट में इस संक्रमण की चपेट में है।

हरदा में जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन तीन दर्जन से अधिक केस आ रहे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि जिला अस्पताल में आइफ्लू के मरीज पिछली 18 जुलाई से आ रहे हैं। पहले दिन करीब 4 से 5 मरीज सामने आए थे। 10 दिन बाद यह आंकड़ा बढ़कर 35 से 40 के आसपास पहुंच गया।

इटारसी में भी आइफ्लू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। रोजाना सरकारी अस्पताल में करीब 50 संक्रमित मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, इनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है। चिकित्सकों के अनुसार मौसम में बदलाव के बाद आंखों में संक्रमण की बीमारी फैल रही है। डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की लाइन लग रही है। इसके अलावा नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सकों के यहां अलग मामले सामने आए हैं।

क्या कर रही मप्र सरकार

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को गाइडलाइन जारी की है। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर भी इससे बचाव के उपाय किए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में क्या है स्थिति

आंखों की बीमारी कंजक्टिवाइटिस से छत्‍तीसगढ़ अधिक प्रभावित है। प्रदेश में पिछले एक सप्ताह में 20 हजार से अधिक मरीज मिल चुके हैं। तेजी से फैल रहे वायरस का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर मेडिकल कालेज में सैंपल कल्चर एंड सेंसिविटी जांच के लिए भेजे गए हैं।

बिलासपुर में बड़े तेज गति से आई फ्लू फैल रहा है। रोजाना कम से कम 500 नए मरीज मिल रहे हैं। आई फ्लू का कहर बीते दो सप्ताह से शहर समेत जिलेभर में देखने को मिल रहा है। आई फ्लू स सबसे ज्यादा संक्रमित बच्चे हो रहे हैं।

दुर्ग-भिलाई में हर तीसरा चौथा व्यक्ति कंजंक्टिवाइटिस संक्रमण का शिकार नजर आ रहा है। अस्पताल में भी इस वायरस के इलाज के लिए भीड़ बढ़ने लगी है। भिलाई के जुनवानी समेत आसपास के इलाकों में यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

क्या कर रही छग सरकार

छत्‍तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रहे आई फ्लू के मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तैयारियों की समीक्षा के लिए शुक्रवार को एक बैठक बुलाई। सीएम भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य विभाग को आइ फ्लू के वायरस के सैंपल की जांच करने के साथ-साथ कंजक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपाय के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।

इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग शिविरों के माध्यम से जांच, इलाज व जागरूता अभियान चला रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कंजक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए स्कूल शिक्षा और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संचालक को परिपत्र जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को इस संक्रमण के लक्षणों, उपचार और बचाव की जानकारी देने भी कहा है।

क्या है आइफ्लू

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. भरत यादव ने बताया कि आंखों में होने वाले इन्फेक्शन को आइ फ्लू या कंजक्टिवाइटिस कहा जाता है। इस इंफेक्शन में व्यक्ति की आंखें लाल होना, आंखों से पानी निकलना, सूजन आना जैसी परेशानी आती है। इससे आंखों से साफ नहीं दिखाई देता। आंखे चिपचिपी हो जाती है। डा. यादव ने बताया कि मौसम में नमी होने के चलते कंजक्टिवाइटिस नामक आंखों की एक बीमारी होती है। उन्होंने बताया कि सावधानी बरती जाए और उपचार कराया जाए तो यह दो-तीन दिन में ठीक हो जाती हैं।

बचाव के लिए आई ड्राप उपलब्ध

इस संबंध में शिशु रोग विशेषज्ञ डा. विवेकचरण दुबे ने बताया कि आई-फ्लू वैसे तो गंभीर बीमारी नही है, इससे बचाव के लिए बाजार में आई ड्राप उपलब्ध है, लेकिन चिकित्सकों की निगरानी में ही इसे लेना चाहिए।

क्या है सावधानियां

  • भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें
  • साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें
  • आंख लाल होने पर चिकित्सक की सलाह लें और उपयुक्त आई ड्राप का उपयोग करें
  • दूसरों से हाथ मिलाने के बाद आंखों को छुने से बचें
  • बार-बार हाथ हाथ धोए जाएं
  • आइफ्लू होने पर काला चश्मा पहने, ताकि दूसरों को संक्रमण न फैले
  • पूरे परिवार के लोग एक ही तौलिया का उपयोग करने से बचें
  • अपनी आंखों को छूने से पहले हाथ जरूर धोयें
  • स्विमिंग पूल, तालाब का उपयोग करने से बचें
  • कांटेक्ट लेंस पहनना बंद करें, चिकित्सक की सलाह पर ही दोबारा शुरू करें

क्या है आइफ्लू के लक्षण

  • आंखों का लाल होना
  • सोकर उठने पर आंखों में चिपचिपापन होना
  • आंखों में जलन और सूजन होना
  • पलकों पर गंदगी जमना

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