सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ महिलाओं पर होने वाली घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण कानून में पीड़िता को व्यापक प्रावधान है। कईं बार अपनों के हिंसात्मक व्यवहार से महिलाओं को स्थाई शारीरिक क्षति हो जाती है। राज्य सरकार ने घरेलू हिंसा पीड़िता के लिए सहायता योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत अब महिला या बालिका को किसी अंग की स्थाई क्षति के फलस्वरूप 40 प्रतिशत से कम दिव्यांगता पर 2 लाख तथा 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता पर 4 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। इस मुआवजे के लिए पीड़ित या उसके आश्रित की ओर से घटना के एक वर्ष के भीतर संबंधित क्षेत्र के महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी (संरक्षण अधिकारी) अथवा प्रशासक वन स्टॉप सेंटर को आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ घटना की एफआईआर प्रति संलग्न करना आवश्यक होगा। मेडिकल बोर्ड शारीरिक क्षति का आंकलन कर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को प्रतिवेदन देगा, जिसके आधार पर समिति द्वारा मुआवजे की स्वीकृति दी जाएगी।
जन औषधि केंद्र-कमजोर और गरीबों के लिये मददगार
प्रधानमंत्री जन-औषधि केन्द्रों के रूप में कमजोर और गरीब नागरिकों के लिये जीवन-रक्षक सौगात मिली है। जन-औषधि केन्द्र पर उपलब्ध दवाइयाँ विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुरूप और उत्तम गुणवत्ता की होती है। साथ ही दवाइयाँ बाजार में मिलने वाली ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं। गरीब और कमजोर वर्ग महँगी दवाइयों से परेशान नहीं हों। उन्हें सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री जन-औषधि केन्द्र योजना संचालित हो रही है।
किसानों से ई-खसरा खतौनी लेने की अपील
राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर ने ई-खसरा परियोजना को लागू किया है। किसानों से आग्रह किया गया है कि वे ई खसरा खतोनी ही लें। इस परियोजना के अन्तर्गत अनुबंधित फर्म द्वारा सभी तहसीलों में आई.टी. सेन्टर स्थापित किये गये है। जिनसे कृषकों को उनकी मांग अनुरुप प्रमाणित खसरा बी-1, नक्शा की प्रतिलिपियाँ नियत शुल्क प्रति पृष्ठ 30 रुपये लेकर उपलब्ध कराई जा रही है। कृषक अपने खाते की नकल, खेत का नक्शा विभागीय बेवसाईट www.mpbhulekh.gov.in पर निःशुल्क देख सकता है।
स्पीड पोस्ट से घर पहुंचेगा वोटर आई.डी
अब वोटर कार्ड के लिये आवेदन करने के बाद कलेक्ट्रेट और तहसील दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि अब एक अप्रैल से घर बैठे स्पीड पोस्ट के जरिये कार्ड पहुंचाया जायेगा। पहले वोटर आईडी कार्ड पहुंचाने की जिम्मेदारी बीएलओ की हुआ करती थी, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने डाक विभाग को यह जिम्मेदारी दी है। एक अप्रैल के बाद स्पीड पोस्ट के जरिये कार्ड पहुंचाये जायेंगे। इसके लिये वोटर्स को कोई फीस नहीं देना होगा। भारत निर्वाचन आयोग इसका खर्च उठायेगा।
पोस्ट ऑफिस का डाकिया ये कार्ड पहुंचाने का काम करेगा। सिर्फ अब ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन वोटर आईडी बनवाने के लिये आवेदन करना होगा। ईपिक नंबर जनरेट होने के बाद घर कार्ड पहुंचा दिया जायेगा, लेकिन फॉर्म में सारी डिटेल्स सही भरना होगा। वोटर जो भी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर फॉर्म में दर्ज करेंगे, उस पर स्पीड पोस्ट का आयेगा। इससे कार्ड की ट्रेकिंग में आसानी होगी।