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Satna: परफारमेंस में सुधार लायें राजस्व अधिकारी, प्रतिदिन कोर्ट में बैठें, बैठक में कलेक्टर के निर्देश


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा ने राजस्व अधिकारियों को राजस्व संबंधी मामलों के निराकरण की गति बढ़ाकर परफारमेंस में सुधार लाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व का काम ज्यादातर फील्ड में होता है। राजस्व अधिकारी अपने क्षेत्र का निरंतर भ्रमण करे और निर्धारित दिवसों में प्रतिदिन अपने कोर्ट में भी बैठे। परफारमेंस में अगली बैठक तक सुधार नहीं दिखने पर कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई। राजस्व अधिकारियों की शुक्रवार को सम्पन्न बैठक में अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, एसडीएम नीरज खरे, आरएन खरे, आरती यादव, राजेश मेहता, सुरेश जादव, एसके गुप्ता, सुधीर बैक, धीरेन्द्र सिंह सहित सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
    न्यायालयवार राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि अगली बैठक तक 5 साल से अधिक समय का कोई प्रकरण लंबित नहीं रहना चाहिए। इसी प्रकार दो साल से 5 साल की अवधि वाले लंबित प्रकरणों में 50 प्रतिशत का निराकरण हो जाना चाहिए। उन्होंने 50 प्रतिशत से कम निराकृत मामले वाले तहसीलदार और नायब तहसीलदार को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। नामांतरण, सीमांकन, बटवारा के प्रकरणों की कोर्टवार समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि नामांतरण और सीमांकन के जिले में चले अभियान को छोड़कर निराकरण की प्रगति संभाग के अन्य जिलों से भी कम है। जबकि सतना जिला राजस्व के मामले में संभाग और प्रदेश में अव्वल स्थानों पर रहता था। उन्होंने कहा कि खेतों में अभी फसल नहीं है। एक माह के समय का उपयोग कर सीमांकन के प्रकरण निपटाये।
    कलेक्टर ने कहा कि सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रतिदिन अपनी कोर्ट लगायें और प्रकरणों का निराकरण करे। पटवारी अपने मुख्यालय की ग्राम पंचायत में निर्धारित दो दिवसों में अनिवार्य रूप से बैठेंगे। सभी एसडीएम अपने क्षेत्र की कोर्ट का पर्यवेक्षण कर कलेक्टर को रिपोर्ट करेंगे। नामांतरण में नायब तहसीलदार कोर्ट सोहावल और नजूल में कम प्रकरण दर्ज होने पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। बटवारा की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि बटवारा और म्यूटेशन की प्रक्रिया में सजरा में बहनों के हिस्से का ध्यान रखे। यदि वे स्वेच्छा से अपना हक छोड़ती है तो विधिवत प्रक्रिया के अनुसार इसे दर्ज किया जाये। बटवारा और सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण 50 प्रतिशत से कम होने पर 27 कोर्ट के नायब तहसीलदारों को नोटिस जारी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। कलेक्टर ने कहा कि बटवारा और नामांतरण, सीमांकन के अविवादित प्रकरणों में कोई भी प्रकरण एक साल की अवधि तक लंबित नहीं मिलना चाहिए।
    राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर ने मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना और सीएम आवासीय भू-अधिकार योजना फेस-4 की समीक्षा की। स्वामित्व योजना में 1197 ग्रामों में ड्रोनफ्लाई होने के बाद 1055 मैप दिये जाने के बाद भी मात्र 405 नक्से ही जमा कर पाने पर कलेक्टर ने अप्रसन्नता व्यक्त की। ईकेवायसी में 2 लाख 26 हजार 823 लक्ष्य के विरूद्ध 2 लाख 6 हजार 454 पात्र किसानों का सत्यापन हुआ है। शेष 20,369 का शीघ्र सत्यापन करने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार बताया गया कि एनपीसीआई में 2 लाख 18 हजार 126 लक्ष्य के विरूद्ध 1 लाख 83 हजार 525 में आधार सीडेड हो गया है। शेष 33 हजार 915 खाते लिकिंग के लिए शेष है। लैण्ड रिकार्ड लिकिंग में कुल 45179 के विरूद्ध 43855 खाते लिंक किये गये हैं जबकि 1324 शेष है। कलेक्टर ने कहा कि इन तीनों योजनाओं का सीधा संबंध किसानों के हितों से जुड़ा है। कार्य को प्राथमिकता देकर 2-3 दिन के भीतर काम पूरा करे।
      नक्शा विहीन गांवों के सत्यापन के दौरान कलेक्टर ने दिसम्बर 2022 में 117 मैप आईटी से प्राप्त होने के बाद भी कोठी में 4, अमरपाटन में 8, उचेहरा में 63, कोटर में 6 और नागौद में 36 मैप पर सत्यापन की कार्यवाही नहीं होने से नाराजगी जताते हुए तहसीलदारों पर कार्यवाही की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में लक्ष्य 2 लाख 21 हजार 87 किसानों में से 2 लाख 4 हजार 476 किसानों के सत्यापन कर लिये जाने की जानकारी दी गई। शेष 16611 किसानों का सत्यापन पटवारियों के माध्यम से दो दिवस में कराने के निर्देश दिये गये। राजस्व वसूली की समीक्षा मे बताया गया कि पिछले वर्ष 15 करोड़ रूपये वसूली के लक्ष्य में 11 करोड़ की वसूली की गई थी। इस वर्ष इसी लक्ष्य पर 67 लाख की वसूली अब तक हुई है।
     सीएम हेल्पलाईन की समीक्षा में कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि अकेले राजस्व से संबंधित 2993 शिकायतें लंबित है और विभाग-डी श्रेणी में है। सभी लोग मिलकर प्रयास करे और 11 दिन बाद होने वाली ग्रेडिंग में राजस्व को डी श्रेणी से बाहर लायें। अन्यथा की स्थिति में इस बार एसडीएम और तहसीलदारों के वेतन की कटौती की जायेगी। उन्होंने राजस्व के प्रकरण सीएम हेल्पलाइन में अधिक मात्रा में लंबित रहने पर एसडीएम और तहसीलदारों को अप्रसन्नता पत्र जारी करने के निर्देश दिये।
      लोक सेवा गारन्टी के प्रकरणों की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि 2046 प्रकरण राजस्व के लंबित है। जिनमें 1899 प्रकरण सीमांकन के है। बाह्य समय सीमा के 93 अविवादित नामांतरण के प्रकरण लंबित है। कलेक्टर ने एक हफ्ते में सभी समय बाह्य हो रहे प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिये। अन्यथा की स्थिति में प्रति प्रकरण जुर्माने की कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर की टीएल के 343 प्रकरण राजस्व अधिकारियों के पास लंबित पाये गये।
     भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की जानकारी देते हुए कलेक्टर ने कहा कि ईवीएम मशीनों की एफएलसी 10 जून से शुरू हो रही है। सात दिवस में अपने क्षेत्र के मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन कर ले और जिन्हें बदलना आवश्यक समझे तो प्रस्ताव देवे। साथ ही प्रपत्र 6,7,8 का निराकरण भी सुनिश्चित कराये।

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