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Great: करंट से चले गए दोनों हाथ, पैरों से लिखकर की पढ़ाई, अब 128 आंगनबा़डी केंद्रों को चलाती हैं

Rajgarh news both hands lost due to electrocution completed studies by writing with feet now runs 128 anganwadi centers: digi desk/BHN/राजगढ़/ मन में यदि कुछ कर गुजरने का विश्वास व साहस हो तो कैसी भी विषम परिस्थति में सफलता प्राप्त की जा सकती है। वह हौसला ही था जो हाथ न होने के बावजूद संतोष चौहान को रोक नहीं सका। यही कारण है कि न केवल पैरों से लिखना करते हुए अध्ययन किया, बल्कि पिछले कई वर्षों से वह 128 आंगनबा़डी केंद्रों का बखूबी संचालन भी बतौर महिला बाल विकास विभाग की बतौर सुपरवाइजर के रूप में कर रही हैं। उनके इस हौसले और जीवटता को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी सराहा है।

खिलचीपुर तहसील के डालूपुरा गांव की रहने वाली संतोष चौहान उम्र 48 वर्ष फिलहाल महिला बाल विकास विभाग खिलचीपुर में सुपरवाइज के पद पर पदस्थ हैं। वह जब 8 वर्ष की थी, उस समय 1988 में करंट लगने के कारण उन्‍हें दोनों हाथ गंवाने पड़े। गांव में खेलते हुए उन्होंने बिजली का तार पकड लिया था, जिसके कारण उनके दोनों हाथ करंट से चिपक गए थे। इस हादसे के चलते उनका दाहिना हाथ पूरी तरह से खत्म हो गया था व बायां हाथ कोहनी तक ही बचा था। हाथ जाने के बावजूद संतोष ने अपनी मजबूरी को कभी लाचारी नहीं बनने दिया। उन्होंने हौसला नहीं खोया और बिना हाथों के ही पैरों से लिखना-पढ़ना शुरू किया। ऐसा करते हुए क़डी मेहनत के बल पर बीए तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने शासकीय सेवा में जाने की ठानी तो महिला बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर के पद पर आसीन हो गई। तब से लेकर अब तक वह उसी पद पर रहकर सेवाएं दे रही हैं।

बहन खाना खिलाती, फील्ड का काम खुद करती हैं

संतोष चौहान ने बताया कि नहलाने व खाना खिलाने का कार्य उनकी बहन करती है। इसके अलावा आफिस से लेकर फील्ड तक का कार्य स्वयं कर लेती है। फील्ड वर्क में उन्होंने कोई दिक्कत नहीं आती है। जबकि कार्यालयीन कामकाज को लेकर लिखा-प़ढी पैरों के माध्यम से करती है। इसके अलावा पैर या एक हाथ से मोबाइल पर मैसेज भेजने व मोबाइल चलाने का कार्य पूरा कर लेती है। ऐसा करते हुए वह फिलहाल अपने अधीन आने वाली 128 आंगनबा़डी केंद्रों का बखूबी संचालन कर रही है।

CM ने ट्वीट कर कहा, बेटी संतोष महिलाओं के लिए प्रेरणादायक

महिला दिवस के मौके पर जब यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को लगी तो अगले ही दिन 9 मार्च को सीएम ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में महिला बाल विकास कार्यालय में सुपरवाइजर के पद पर पदस्थ बेटी संतोष चौहान महिलाओं के लिए प्रेरणाव उदहारण है। 8 वर्ष की आयु में अपने हाथ गंवाने के बाद भी बेटी संतोष चौहान ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से यह मुकाम प्राप्त किया है। उन्हें शुभकामनाएं।

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