Samudrik shastra know whether blinking of eyes gives good or bad results: digi desk/BHN//नई दिल्ली/ सनातन धर्म में आज भी ऐसी कई पुरानी मान्यताएं हैं, जिन्हें अंध विश्वास माना जाता है। वहीं, कुछ लोग इसके वैज्ञानिक कारणों को स्वीकार करते हैं। ऐसी ही एक मान्यता आंख फड़कने से संबंधित है। कुछ लोग इस शगुन-अपशगुन मानकर देखते हैं, लेकिन इसके पीछे धार्मिक एवं वैज्ञानिक दोनों ही कारण होते हैं। सामुद्रिक शास्त्र में मानव के सभी अंगों की क्रियाविधि का गहन अध्ययन किया जाता है। शास्त्र अनुसार महिलाओं और पुरुषों में आंख के फड़कने का अर्थ अलग-अलग होता है। महिलाओं की बाईं आंख और पुरुषों की दाईं आंख का फड़कना शुभ माना गया है। आइये जानते हैं आंख फड़कने से क्या होता है।
सीधी आंख का फड़कना
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार पुरुष की सीधी आंख फड़कने पर शुभ फल मिलता है। ऐसा माना जाता है कि उसकी सभी इच्छाएं पूरी होने वाली है। धन लाभ और पदोन्नति के योग भी बनते हैं। वहीं, महिलाओं में सीधी आंख फड़कना किसी प्रकार की अनहोनी का संकेत है। उनके लिए यह अशुभ माना जाता है। ऐसा मानते हैं कि महिला के द्वारा किए गए काम या किए जाने वाले काम बिगड़ सकते हैं।
उल्टी आंख का फड़कना
सामुद्रिक शास्त्र में बताया गया है कि यदि किसी महिला की बाईं आंख फड़कती है तो यह उस महिला के लिए शुभ संकेत होता है। ऐसा कहा गया है कि उल्टी आंख फड़कने महिलाओं को अच्छा धन लाभ होता है। इसी के साथ यदि किसी पुरुष की उल्टी आंख फड़कती है तो उस व्यक्ति को नुकसान होने की आशंका होती है।
वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक कारणों के अनुसार आंख का फड़कना मांसपेशियों में किसी प्रकार खींचव होने से लगाया जाता है। जैसे समय पर नींद पूरी ना होना, किसी प्रकार टेंशन लेना, ज्यादा थकान होना जाना या फिर देर तक लैपटॉप पर काम करने से भी आंख फड़कती है।