(खुशियों की दास्तां)
योजनाओं का लाभ लेकर शुरु कर रहे नये स्टार्ट-अप
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के किसानो का प्राकृतिक खेती की ओर रुझान बढ़ रहा है। मझगवां विकासखण्ड के ग्राम जैतवारा के कृषक रामप्रसाद सिंह द्वारा प्राकृतिक कृषि के सभी घटकों यथा बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र आदि को अपनाकर 2 एकड़ में प्राकृतिक कृषि की जा रही है। इसी प्रकार से मझगवां विकासखण्ड के ग्राम मझगवां के युवा कृषक चिरंजीव तिवारी द्वारा भी 6 एकड़ में गत 4-5 वर्षों से प्राकृतिक कृषि की जा रही है। श्री तिवारी के प्राकृतिक कृषि प्रक्षेत्र से प्रभावित होकर मझगवां और आस-पास के गांवों के किसान भी प्राकृतिक खेती करने के लिये प्रेरित हो रहे है।
उप संचालक किसान कल्याण एवं कृशि विकास राजेश त्रिपाठी ने बताया कि प्राकृतिक कृषि विकास योजनान्तर्गत पंजीकृत कृषको द्वारा रबी फसलों में की जा रही प्राकृतिक खेती के प्रक्षेत्रों का भ्रमण कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किया गया। अवलोकन के दौरान सरलता पूर्वक जीवामृत छिड़काव हेतु सिंचाई के दौरान बेंचुरी सिस्टम के उपयोग का सुझाव कृषकों को दिया गया।
उप संचालक श्री त्रिपाठी ने बताया कि कृषक चिरंजीव तिवारी द्वारा प्राकृतिक खेती के साथ-साथ भारत सरकार की एमएसएमई योजना से लाभान्वित होकर लगभग 25 लाख की लागत से कृषि में नवाचार “न्यू स्टार्टअप“ चालू किया गया है। जिसमें कोल्हू सिद्धांत आधारित तेल पिराई की मशीन (हाइड्रोलिक कोल प्रेसर ऑयल मशीन), जतवा आटा चक्की (कोल्ड आटा) एवं मसाला कूटने की मशीन लगाकर जिले में उपयोगी नवाचार अपनाया गया है। कृषक चिरंजीव तिवारी मशीनों का उपयोग कर सरसो का तेल, गेंहू का आटा तैयार कर बाजार में विक्रय के लिये लांच कर रहे है। श्री तिवारी द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां के वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के सहयोग से गैवीनाथ एफपीओ का पंजीयन भी कराया गया है। जिसमें कृषकों के उत्पादित उत्पाद का मूल्य संवर्धन कर विन्ध्य विहान नाम से मार्केटिंग करने की योजना है।