अनूपपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ पवित्र नगरी नर्मदा उद्गम स्थल अमरकंटक में पुरातत्व विभाग के अधीन कलचुरीकालीन रंग महल प्राचीन मंदिर है। यहां कई दशक से पूजा-पाठ पर प्रतिबंध लगा हुआ है। अब अनूपपुर जिले के अपर सत्र न्यायालय राजेंद्र ग्राम द्वारा द्वारिका शारदा पीठ के पक्ष में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया, जिसमें अमरकंटक के रंग महल मंदिर में विराजे देवी-देवताओं की पूजा-पाठ और देखरेख की जा सकेगी।
जानकारी अनुसार अमरकंटक के रंग महल में कर्ण, शिव,पातालेश्वर भगवान शिव, ज्वालामुखी बद्रीनाथ भगवान के मंदिर हैं। पिछले करीब 3 दशक से इन मंदिरों में पूजा-पाठ को लेकर न्यायालय में प्रकरण चल रहा है। 1996 में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती यहां शिवरात्रि के अवसर पर आए थे तब रंग महल के महंत बाल राजपुरी ने शंकराचार्य से यहां पूजा ना होने की बात बताई थी और यहां की सारी संपत्ति दे दी थी।
पुरातत्व विभाग के अधीन यहां के यह सभी मंदिर हैं, जिसके कारण पूजा-पाठ पर प्रतिबंध लगा हुआ था। इस प्रकरण में वादी अनंत विभूषित ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती 97 वर्ष परमहंसी गंगा आश्रम गोटेगांव जिला नरसिंहपुर और विरोध में भारत संघ सचिव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली मध्य प्रदेश शासन, जिला कलेक्टर एवं नायब तहसीलदार पुष्प राजगढ़ रहे और यह प्रकरण व्यवहार न्यायाधीश राजेंद्र ग्राम सुशील अग्रवाल के मौजूदगी में यह निर्णय पारित हुआ अधिवक्ता अविनाश शर्मा भी इस मामले में शामिल रहे।
जानकारी अनुसार अमरकंटक के इन मंदिरों में पूजा-पाठ के प्रतिबंध के खिलाफ है। तत्कालीन द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वर्गीय स्वामी स्वरूपानंद ने भारत सरकार पुरातत्व विभाग राज्य सरकार के खिलाफ पूजा पाठ की अनुमति की मांग को लेकर सात वर्ष पहले 2015 में अपर सत्र न्यायालय राजेंद्रग्राम में याचिका दर्ज करवाई थी।मंदिर परिसर क्षेत्र और मंदिरों की संपूर्ण देखरेख और पूजा पाठ का उत्तर दायी द्वारिका शारदा पीठ की है।यह उल्लेख किया गया था।इस बात को न्यायालय ने स्वीकार करते हुए शनिवार को द्वारिका शारदा पीठ के पक्ष में फैसला दिया।
न्यायालय में इस याचिका की जिरह शंकराचार्य के वकील मुरलीधर शर्मा एवम श्रीधर शर्मा ने की थी। आए फैसले में कहां गया है कि मंदिर परिसर क्षेत्र और मंदिरों की संपूर्ण देखरेख और पूजा पाठ का उत्तरादयी ज्योतिष पीठ की है। कोर्ट ने ज्योतिष पीठ के पक्ष में फैसला देते हुए मंदिरों पर पीठ द्वारा देखरेख एवम पूजा पाठ करने की अनुमति प्रदान कर राज्य सरकार पुरातत्व विभाग ,जिला कलेक्टर को आदेश की प्रतिलिपी भेजी गई।
इस आदेश के बाद लोगों में बेहद खुशी है अभी तक यहां लोग केवल मंदिर में जाकर केवल भ्रमण कर पाते थे पूजा-पाठ की मनाही थी। स्थानीय पुजारी भी यहां पूजा नहीं कर पा रहे थे।यह अमरकंटक के प्राचीन मंदिरों में हैं और लोगों की यहां मंदिरों में विराजित भगवानों की पूजा पाठ को लेकर बेहद आस्था भी है।विदित हो कि आठ दिन पूर्व ही द्वारका शारदा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का दुखद निधन हो चुका है।