Health Alert: digi desk / BHN/ कैंसर का नाम सुनते ही हमारे मन में एक भय पैदा हो जाता है। इससे हर साल करोड़ों लोगों की मौत होती है। एक ताजा अध्ययन के अनुसार, धूमपान, शराब का अत्यधिक सेवन, उच्च द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआइ) व अन्य ज्ञात जोखिम कारक 2019 में विश्वभर में कैंसर से 44.5 करोड़ लोगों की मौत के जिम्मेदार थे।
लैंसेट जर्नल में शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, ये निष्कर्ष नीति निर्माताओं व शोधकर्ताओं के लिए कैंसर के खतरे के कारकों की स्थानीय, राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर पहचान कर उससेहोने वाली मौत को कम करने में सहायक हो सकते हैं। अध्ययन के सह लेखक क्रिस्टोफर मुरे अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट््यूट फार हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैलुएशन के निदेशक हैं। क्रिस्टोफर ने बताया कि यह अध्ययन बताता है कि कैंसर कैसे हमारे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। धूमपान वैश्विक स्तर पर कैंसर का सबसे बड़ा कारक बना हुआ है। वहीं, उच्च द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआइ) एक माप है जिससे हमारे वजन व लंबाई के अनुसार मोटापे व दुबलेपन को मापा जाता है।
क्रिस्टोफर ने बताया कि यह अध्ययन बताता है कि कैंसर कैसे हमारे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। धूमपान वैश्विक स्तर पर कैंसर का सबसे बड़ा कारक बना हुआ है। वहीं, उच्च द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआइ) एक माप है जिससे हमारे वजन व लंबाई के अनुसार मोटापे व दुबलेपन को मापा जाता है।
ग्लोबल बर्डन आफ डिजीज, इंजरीज एंड रिस्क फैक्टर्स (जीबीडी) 2019 स्टडी के आंकड़ों के निष्कर्ष से पता चलता है कि 2019 में कैसे 34 व्यावहारिक, पर्यावरणीय और व्यावसायिक जोखिम कारक 23 प्रकार के कैंसरों से मृत्यु के कारण बने। कैंसर के व्यावहारिक कारकों में तंबाकू, शराब, असुरक्षित यौन संबंध वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक पाए गए। अध्ययन 2010 से 2019 के बीच कैंसर के कारकों में बदलाव पर भी प्रकाश डालता है।